धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में आई गिरावट : सेना प्रमुख जनरल नरवणे

जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने मंगलवार को देश के 28वें सेना प्रमुख का कार्यभार संभाला। बता दे, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत आज मंगलवार को रिटायर हो गए हैं। मंगलवार को बिपिन रावत की मौजूदगी में ही उन्होंने पदभार को ग्रहण किया। लेफ्टिनेंट जरनल नरवणे अभी तक सेना के उप प्रमुख का पद संभाल रहे थे। आर्मी चीफ बनते ही वे दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में शामिल 13 लाख थल सैनिकों के मुखिया बन गए हैं। पद संभालने के बाद नरवणे ने कहा कि धारा 370 को खत्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई है। आतंक संबंधी घटना घट गई है।

सेना प्रमुख ने कहा कि नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम का उल्लंघन हो रहा है। हमें पता है कि सीमा पार विभिन्न लॉन्चपैड्स हैं जहां आतंकवादी भारत में घुसपैठ की फिराक में हैं। मगर हम इस खतरे से निपटने के लिए तैयार हैं।

सेना प्रमुख ने कहा कि आतंकवाद विश्वव्यापी समस्या है। भारत लंबे समय से इसके खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। यह अब हुआ है जब पूरी दुनिया आतंकवाद से प्रभावित हुई और इसे खतरा मान रही है। वहीं चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पर उन्होंने कहा कि देश को इसकी जरूरत थी। इससे तीनों फोर्सेज के बीच बेहतर तालमेल में मदद मिलेगी।

बता दें, अपने 37 साल के कार्यकाल के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे विभिन्न कमानों में शांति, क्षेत्र और उग्रवाद रोधी बेहद सक्रिय माहौल में जम्मू कश्मीर व पूर्वोत्तर में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वह जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स की बटालियन और पूर्वी मोर्चे पर इंफेंट्री ब्रिगेड की कमान संभाल चुके हैं। एम एम नरवणे के पास सेना में काम करने का लंबा अनुभव है। वे जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ अभियान का नेतृत्व कर चुके हैं, डिफेंस कॉरिडोर में एमएम नरवणे को चीन के मामलों का भी एक्सपर्ट माना जाता है। लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे का कमीशन जून 1980 में 7वीं सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट में हुआ था। नरवणे जम्मू-कश्मीर में आतंकियों पर कहर बनकर टूटने वाले राष्ट्रीय राइफल्स की एक बटालियन की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।