अब डाेर-टू-डाेर चाेरी के वाहन ढूंढेंगी राजस्थान पुलिस, 27 हजार पुलिसकर्मियों को लगाया काम पर

राजस्थान में आए दिन कई लोगों की गाडियां चोरी होती हैं जिसके पीछे कई गैंग सक्रिय हैं और इनका पता लगाने में पुलिस नाकाम साबित हो रही हैं। ऐसे में अब राजस्थान पुलिस ने 27 हजार पुलिसकर्मियों को काम पर लगाया हैं जो डाेर-टू-डाेर चाेरी के वाहन ढूंढेंगी। क्राइम एडीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि चोरी के वाहनों काे ढूंढने व सत्यापन करने के लिए बीट कांस्टेबल से सर्वे कराया जाएगा। अभियान के तहत पुलिसकर्मी डोर-टू-डोर और नाकाबंदी कर वाहनों के दस्तावेज जाचेंगे। सत्यापन में यदि घर पर खड़ा वाहन चोरी का पाया गया तो खरीदार व चुराने वाले आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने सभी रेंज आईजी, कमिश्नर, एसपी व डीसीपी को अभियान चलाने को कहा है।

दरअसल, प्रदेश में रोज औसतन 5 से 6 चाैपहिया और 45 से 46 दोपहिया वाहन चोरी होते हैं। इनकी कीमत करीब 65 लाख रुपए तक होती है। वाहन चोरी की सबसे अधिक वारदात जयपुर पुलिस कमिश्नरेट में होती है। सालभर में वाहन चोरी का आंकड़ा 22 हजार के पार होता है, लेकिन रोज केवल 4-5 वारदात में ही आरोपी पकड़ में आते हैं। यानी बरामदगी 10% भी नहीं होती। ऐसे में पुलिस हर साल 18 हजार से अधिक केस में एफआर लगा देती है। ऐसे में वाहनों की बरामदगी के लिए पुलिस डोर-टू-डोर अभियान चलाएगी। यहां राजकॉप एप पर उपलब्ध वाहन के डाटा का इंजन व चेसिस नंबर डालकर जांच करेंगे। हर 7 दिन बाद इसकी रिपोर्ट थाने से एसपी ऑफिस भेजी जाएगी।