योगी सरकार ने उन्नाव रेप पीड़िता के परिजनों को लगाया मुआवजे का मरहम, 25 लाख रुपये की मदद का किया ऐलान

उन्नाव गैंगरेप पीड़िता के परिजनों को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath) ने 25 लाख रुपये की मदद का ऐलान किया है। उन्नाव के जिला अधिकारी पीड़िता के परिजनों से मिलकर उनको आर्थिक मदद का चेक सौपेंगे। इसके अलावा सरकार की तरफ से परिवार को पीएम आवास योजना के तहत घर देने का भी ऐलान किया गया है। यह राशी भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दी जाएगी।

उन्नाव गैंगरेप (Unnao Gangrape) की पीड़िता का दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में देर रात 11:40 बजे कार्डियक अरेस्ट के बाद निधन हो गया। पीड़िता को गुरुवार को एयरलिफ्ट करके लखनऊ से दिल्ली लाया गया था। पीड़िता का शरीर 95% जल चुका था।

सफदरजंग अस्पताल के प्रवक्ता ने उन्नाव रेप पीड़िता के निधन की पुष्टि की है। सफदरजंग अस्पताल के बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट के हेड डॉ शलभ कुमार ने बताया, 'हमारे बड़े प्रयासों के बावजूद पीड़िता को बचाया नहीं जा सका। शाम में ही उसकी हालत खराब होनी शुरू हो गई थी। रात 11:10 बजे उसे कार्डियक अरेस्‍ट आया। हमने इलाज शुरू किया और उसे बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन रात में 11:40 बजे उसकी मौत हो गई। दिल्ली में पीड़िता की मौत के बाद उन्नाव से लखनऊ और दिल्ली तक जबरदस्त हंगामा मच गया।

शुक्रवार को सबसे पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विधानसभा के बाहर सांकेतिक धरने पर बैठ गए। इस दौरान अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हैदराबाद की घटना को लेकर पूरा देश गुस्से में था। खासकर बहनें और माताएं और उसके बाद उन्नाव की घटना उसी तरह से हुई। उन्नाव की घटना बीजेपी सरकार में पहली नहीं है। जो बेटी के साथ हुआ। वह बहादुर थी। उसकी आखिरी शब्द थे की वह जिंदा रहना चाहती थी। सफदरजंग के डॉक्टरों की कोशिशों के बाद भी उसकी जान नहीं बच पाई। हमारे लिए यह काला दिवस है। एक बेटी जो न्याय मांग रही थी हम उसे न्याय नहीं दे पाए।

उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार के राज में यह पहली घटना नहीं है। याद कीजिए जब मुख्यमंत्री आवास के सामने एक बेटी न्याय मांग रही थी और उसे आत्मदाह की कोशिश करनी पड़ी तब जाकर मुकदमा लिखा गया। याद कीजिए बाराबंकी के उस बेटी की घटना जो यहीं मुख्यमंत्री आवास पर आई थी न्याय मांगने के लिए। उसने भी आत्मदाह किया और बाद में उसकी जान नहीं बची। उन्नाव की एक बेटी का तो पूरा परिवार खो दिया। कौन दोषी था, भारतीय जनता पार्टी की सरकार दोषी थी। यह बेटी जिसकी जान गई है तो उसके भी कोई दोषी हैं तो वह सरकार है क्योंकि सरकार की जानकारी में था। अखिलेश यादव ने आगे कहा कि जिन लोगों पर आरोप लगे हैं वो भारतीय जनता पार्टी से जुड़े लोग हैं। जब उसका पूरा शरीर जला तो वो भागी ताकि लोग उसकी गुहार सुनें। भारतीय जनता पार्टी सरकार पहले दिन से कह रही थी कि कानून-व्यवस्था ठीक की जाएगी। मुख्यमंत्री कहते हैं कि जो अपराध करेंगे उन्हें ठोक दिया जाएगा। लेकिन क्या वजह है, क्या कारण है कि अपराधी यहीं पर हैं। जो बात सदन में कही गई हो। उसके बाद भी सरकार एक बेटी की जान नहीं बचा पाई। बीजेपी सरकार में ना बेटियां सुरक्षित हैं, न सड़क पर बेटियों का सम्मान है। क्या यही भारतीय जनता पार्टी का नारा था।