लंदन : 2019 में गठबंधन को लेकर राहुल गांधी का बड़ा बयान, कहा- विपक्षी खेमा एकजुट होकर चुनाव लड़ा तो बीजेपी को 5 सीटें भी नहीं मिलेंगी

2019 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी दलों के गठबंधन को लेकर चल रही चर्चा के बीच कांग्रेस अध्यक्ष Congress President राहुल गांधी ने बड़ा बयान दिया है। ब्रिटेन के लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एलएसई) में आयोजित एक कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी Rahul Gandhi ने कहा कि 2019 के लोकसभा पर कहा कि अगला चुनाव बहुत ही दिलचस्प होने वाला है।

आगामी चुनाव भाजपा-आरएसएस बनाम पूरा विपक्ष होगा। अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों उत्तर प्रदेश में विपक्षी खेमा एकजुट होकर चुनाव लड़ा तो बीजेपी को 5 सीटें भी नहीं मिलेंगी।

राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय आया है जब भाजपा के खिलाफ तमाम दलों की गोलबंदी की चर्चा जोरों पर है। बता दें कि राहुल जर्मनी के बाद ब्रिटेन दौरे पर हैं। अपने इस पूरे दौरे में वह भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोल रहे हैं।

इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत में रोजगार बड़ी समस्या है। और इसे स्वीकर करना होगा। लेकिन सरकार इस बात को स्वीकार करने को तैयार नहीं है। एलएसई में नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एल्युमनाई यूनियन (ब्रिटेन) के साथ बातचीत में गांधी ने राफेल समझौते में कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक कारोबारी का पक्ष लेने का आरोप लगाया जिसके पास विमान उत्पादन में कोई अनुभव नहीं था।

राहुल गांधी ने कहा कि राफेल सौदा अनिल अंबानी को दिया गया जिनके ऊपर 45 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था और उन्होंने अपने जीवन में कभी कोई विमान नहीं बनाया।

बता दें कि पिछले दिनों ही बीएसपी चीफ मायावती ने भी गठबंधन को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी उसी सूरत में गठबंधन सरकार में शामिल होगी, जब उन्हें लोकसभा सीटों की सम्मानजनक संख्या दी जाएगी। मायावती ने चेतावनी भी दी कि जो कांग्रेस नेता राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में BSP से गठबंधन को लेकर प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि उन पर भी (उत्तर प्रदेश में) वही शर्तें लागू होती हैं।

फिलहाल बीजेपी सरकार को हटाना है

- दूसरी तरफ यह बात भी सामने आई थी कि 2019 में कांग्रेस को किसी भी दल के पीएम से गुरेज़ नहीं है, बशर्ते वह आरएसएस-भाजपा का न हो।
- कांग्रेस सूत्रों ने साफ कहा कि फिलहाल ध्येय बीजेपी सरकार को हटाना है और सभी विपक्षी दल इस पर साथ हैं। जब जीत जाएंगे तभी पीएम चुनने की बात आएगी।- क्या मायावती या ममता पीएम के तौर पर कांग्रेस को मान्य होंगी? इस पर कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि जो पीएम आरएसएस का न हो वो स्वीकार है और ये दोनों निश्चित रूप से आरएसएस के नहीं हैं।
- कांग्रेस 2019 में जीत के लिए भी आश्वस्त है। उसका साफ मानना है कि उत्तर प्रदेश-बिहार के रास्ते ही सरकार बनती है और वहां गठबंधन की तस्वीर साफ है। अगर 270 से कम सीटें आती हैं तो बीजेपी के अंदर ही नरेंद्र मोदी पीएम के तौर पर स्वीकार्य नहीं होंगे।
- बीजेपी के अपने सहयोगी जैसे शिवसेना और टीडीपी छिटक गए हैं। फिर ये बीजेपी से सीधी लड़ाई है। आरएसएस के लिए ज़रा भी जगह नहीं छोड़ी जाएगी।