जोधपुर में दिखा घी का घनघोर घपला, 15 में से 14 सैंपल मिले मिलावटी

राजस्थान के जोधपुर को अपने पकवान और मिठाइयों के लिए जाना जाता हैं जहां सब्जियों से लेकर कचौरियां या मिठाइयां सभी देसी घी में तरबतर देखने को मिलती हैं। लेकिन अब जोधपुर में घी का घनघोर घपला देखने को मिल रहा हैं क्योंकि शहर में दिवाली के दौरान लिए देसी घी के 15 में से 14 सैंपल मिलावटी मिले हैं। ये सैंपल चिकित्सा विभाग की टीम द्वारा शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत लिए गए थे। यह हाल केवल जिले में ही नहीं बल्कि पूरे संभाग में हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग खाद्य सुरक्षा अधिकारी रजनीश शर्मा ने बताया कि शहर में दिवाली से पहले हुई कार्रवाई में लिए गए घी के सभी सैंपल फेल हैं। मसाले सब स्टैंडर्ड निकले है। शर्मा ने बताया कि शुद्ध के युद्ध अभियान के तहत जिनके भी सैंपल फेल हुए हैं, उन्हें नोटिस दिया गया है।

जोधपुर जिले की फूड टीम ने 14 अक्टूबर से 4 नवंबर तक करीब 53 सैंपल (मसाले, घी, दूध, मावा आदि ) लिए। इनमें से 20 सैंपल फेल निकले और 22 की रिपोर्ट आनी बाकी है। यही नहीं विभाग द्वारा लिए गए मसालों के सैंपल भी सब स्टैंडर्ड निकले हैं। इसके बावजूद भी गुजरात व हरियाणा से आया हुआ खराब घी बाजार में बेधड़क बिक रहा है। शहर में मंडोर मंडी हो या अन्य बाजार में बिकता पैक घी। इनमें अधिकांश गुजरात और हरियाणा निर्मित ब्रांड नकली घी बेचा जा रहा है।

जोधपुर घी-तेल एसाेसिएशन के अध्यक्ष चंपालाल धारीवाल ने बताया कि शहर में प्रतिदिन 2।5-3 कराेड़ का घी का व्यापार हाेता है। इतना ही तेल का व्यापार है। त्याेहारी सीजन अाैर शादी-ब्याह के समय यह दाेगुना हाे जाता है। जाेधपुर का घी-तेल एक समय नाम से बिकता था। अल्ट्रेशन वालाें ने अाकर शहर का नाम खराब कर दिया है। पिछले चार पांच साल में यह ज्यादा हाे गया है। गुजरात, महाराष्ट्रा हरियाणा से घी मिलावटी अा रहा है। इसके लिए हमने कई बार प्रयास किया। लेकिन प्रशासन और चिकित्सा विभाग की ओर से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला।