जयपुर : पटवारी आंदोलन के चलते अटका आमजन का काम, 10 हजार मामले पड़े लंबित

राजस्थान में पटवारी अपनी तीन सूत्री मांगों काे लेकर आंदोलन कर रहे हैं। बीते एक महीने से चल रहे इस आन्दोलन की वजह से आमजन काफी परेशान हो रहे हैं और अपने काम के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर बने पटवार घरों में चक्कर लगा रहे हैं। 11 फरवरी काे अजमेर से पैदल जयपुर कूच करने के साथ ही पटवारियों का आंदोलन शुरू हुआ था। इसके बाद से ही हजारों पटवारियों का विधानसभा पर घेराव करने के साथ विभिन्न जिलों के पटवारियों का जयपुर में जमावड़ा शुरू हाे गया। इस आंदोलन में प्रमुख रूप से जयपुर के आसपास के जिलों अजमेर, टाेंक, दाैसा, सीकर, अलवर जिले के पटवारी भाग ले रहे हैं। अकेले जयपुर जिले के ही करीब 750 पटवारी शामिल हैं।

पटवारियों के आंदोलन करने से राजस्व कार्य प्रभावित हाे रहे हैं। मूल निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र में तस्दीक, ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र में रिपाेर्ट, नामांतरण, जमाबंदी-खसरा जैसे कार्य अटके हुए हैं। जिले में 4000 नामांतरण, 3000 हजार ईडब्लूएस, 2000 मूल निवास प्रमाण पत्र, एक हजार जाति प्रमाण पत्र तस्दीक के मामले अटके हैं।

राजस्थान पटवार संघ के जिला अध्यक्ष नरेंद्र कविया का कहना है कि पटवार संघ वर्षों से वेतन विसंगति की मांगों काे लेकर सरकार से मांग करता अा रहा है। बहु-आयामी राजस्व, प्रशासनिक व तकनीकी प्रकृति के मद्देनजर ग्रेड-पे 3600 करते हुए तकनीकी पद करने की मांग है। दूसरी 7,14, 21, 28 और 32 वर्ष की सेवा अवधि पूरी करने पर चयनित वेतनमान का लाभ देने और पूर्व में हुए समझौते काे लागू करना है। कविया का कहना है कि पटवारियों से कहा गया है कि वे आंदोलन के साथ नौैकरी करते हुए आमजन के कार्याे काे भी समय निकाल कर पूरा करें।