बैंक हड़ताल : आज से दो दिन तक ठप रहेगा काम

सरकारी बैंकों के हजारों कर्मचारियों और अध‍िकारियों ने 30 और 31 मई को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। इससे देशभर में बैंकिंग सर्विसेज बुरी तरह से प्रभावित हो सकती हैं। वेतन संशोधन की अपनी मांगों पर जोर देने के लिये सार्वजनिक बैंक के कर्मचारियों ने बुधवार से दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है।

अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी) ने कहा है कि मुख्य श्रमायुक्त के समक्ष वेतन संशोधन संबंधी मांगों को लेकर सुलह कराने के लिए बुलाई बैठक किसी नतीजे पर पहुंचने में असफल रही। इसे देखते हुये यूनाइटेड फोर आफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) से जुड़ी सभी नौ बैंक यूनियनों ने हड़ताल के अपने आह्वान के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है। बैंक कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से बैंकों के एटीएम भी खाली हो सकते हैं।
एआईबीओसी महासिचव डी. टी. फ्रांको ने कहा कि बैठक में यूएफबीयू के नेताओं ने अपनी मांगे रखीं जिसमें यह भी कहा गया कि मांगों पर कदम उठाने में पहले ही काफी देरी हो चुकी है। दो प्रतिशत की पेशकश ठीक नहीं है। इसके साथ ही बैंकों के सातवें-स्केल तक के अधिकारी के वेतनमानों को वेतन संशोधन बातचीत में शामिल करने की पहले से चली आ रही व्यवस्था जारी रखी जानी चाहिये।

उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को उनकी कठिन मेहनत के आधार पर वेतन मिलना चाहिये न कि बैंकों के मुनाफे के आधार पर दिया जाना चाहिये। बातचीत के दौरान यूएफबीयू के नेताओं ने बैंकों के परिचालन मुनाफे के आंकड़ों को सामने रखा और बताया कि यह दोगुना हुआ है। किस प्रकार प्रबंधन ने स्टाफ के खर्चों में कटौती की है और कारोबार किस प्रकार से दोगुना हुआ है। भारतीय बैंक संघ ने बातचीत में कोई नई पेशकश नहीं की लेकिन बातचीत जारी रखने का आश्वासन दिया। बैंक संघ ने 5 मई की बैठक में बैंक कर्मचारियों के वेतन में दो प्रतिशत वृद्धि की पेशकश की जिसे कर्मचारी यूनियनों ने अन्यायपूर्ण बताते हुये खारिज कर दिया।

अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने कहा, 'मुख्य श्रमायुक्त ने कर्मचारियों के मुद्दे का समर्थन किया और बैंक संघ से सकारात्मक रुख अपनाने को कहा है। बैंक संघ के प्रतिनिधियों ने कहा कि वह संशोधित पेशकश पर विचार करेंगे लेकिन उन्होंने यूएफबीयू से अपनी मांग बताने का आग्रह किया।'

बैंक कर्मचारियों के राष्ट्रीय संगठन (एनओबीडब्ल्यू) के उपाध्यक्ष अश्वनी राणा ने कहा कि 21 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक , पुरानी पीढ़ी के बैंक और विदेशी बैंकों के 10 लाख कर्मचारी सभी दो दिन की प्रस्तावित हड़ताल में भाग लेंगे। बैंक कर्मचारी संघों के महासंघ यूएफबीयू ने 30 और 31 मई 2018 को दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।

हड़ताल के आह्वान को देखते हुए स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक आफ बड़ौदा सहित सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रबंधनों ने पहले ही अपने ग्राहकों को सूचित कर दिया है। उन्होंने कहा कि है यदि हड़ताल हुई तो बैंक के कामकाज पर असर पड़ सकता है।