
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 16 जून को बहुप्रतीक्षित और रणनीतिक पांच दिवसीय विदेश यात्रा के लिए रवाना हो गए हैं। यह महत्वपूर्ण कूटनीतिक दौरा साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया तक फैला होगा। ऑपरेशन सिंदूर की सफलताएं और भारत-पाक तनाव की पृष्ठभूमि के बाद यह उनका पहला अंतरराष्ट्रीय दौरा है, जिसे कूटनीतिक दृष्टि से बेहद अहम और रणनीतिक माना जा रहा है। दौरे की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी यूरोपीय देश साइप्रस से करेंगे। वह 15-16 जून तक वहां रहेंगे। यह दौरा साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के विशेष निमंत्रण पर हो रहा है। उल्लेखनीय है कि दो दशकों में किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली साइप्रस यात्रा है। इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, सुरक्षा और तकनीकी सहयोग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने पर चर्चा होगी।
G7 शिखर सम्मेलन में लेंगे हिस्सासाइप्रस के बाद प्रधानमंत्री मोदी 16-17 जून को कनाडा के कनानास्किस शहर जाएंगे, जहां वह दुनिया के सात शक्तिशाली देशों की बैठक जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह दौरा कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर हो रहा है। प्रधानमंत्री लगातार छठी बार G7 सम्मेलन में भाग लेंगे। इस सम्मेलन में ऊर्जा सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, टेक्नोलॉजी और क्वांटम इनोवेशन जैसे ग्लोबल एजेंडा पर चर्चा होगी। साथ ही वे कई द्विपक्षीय रणनीतिक बैठकें भी करेंगे।
इतिहास रचेंगे पीएम मोदीप्रधानमंत्री मोदी 18 जून को क्रोएशिया के दौरे पर जाएंगे, जो किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली आधिकारिक यात्रा होगी। वे क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच और राष्ट्रपति जोरान मिलानोविच से मुलाकात करेंगे। इस ऐतिहासिक यात्रा के दौरान व्यापार, संस्कृति, शिक्षा और रक्षा क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को लेकर अहम समझौते संभव हैं।
आतंकवाद और वैश्विक सहयोग पर रहेगा विशेष जोरप्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा ना सिर्फ रणनीतिक साझेदारियों को मजबूत करने की दिशा में है, बल्कि यह आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग और भारत के मजबूत स्टैंड को अंतरराष्ट्रीय मंच पर दोहराने का भी अवसर मानी जा रही है। यह दौरा भारत की विदेश नीति और वैश्विक मंच पर देश की उपस्थिति को नई मजबूती और वैश्विक पहचान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पीएम मोदी 19 जून को भारत लौट आएंगे।