भारत के सर्वोच्च न्यायालय में आज एक नया अध्याय शुरू हुआ है। जस्टिस सूर्यकांत ने सोमवार, 24 नवंबर 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ग्रहण की। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सहित कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।
जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का सीजेआई पद पर कार्यकाल 23 नवंबर 2025 को समाप्त हो गया था। उनके छह महीने के कार्यकाल के बाद जस्टिस सूर्यकांत ने मुख्य न्यायाधीश के पद का उत्तराधिकार संभाला। जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल करीब डेढ़ साल का होगा और वे 9 फरवरी 2027 को सेवानिवृत्त होंगे। वर्तमान में उनकी उम्र 63 वर्ष है।
जस्टिस सूर्यकांत का जीवन और शिक्षाजस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार जिले में एक सामान्य परिवार में हुआ। पूर्व सीजेआई बी. आर. गवई ने अपने फेयरवेल भाषण में जस्टिस सूर्यकांत के साथ अपनी दोस्ती और समान पृष्ठभूमि के अनुभवों का जिक्र किया।
शिक्षा की बात करें तो सीजेआई सूर्यकांत ने हिसार के सरकारी स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद महाराष्ट्र के अमरावती में म्युनिसिपल स्कूल से भी उन्होंने पढ़ाई की। उन्होंने 1981 में हिसार के गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और 1984 में रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से लॉ में बैचलर डिग्री हासिल की। उसी वर्ष उन्होंने हिसार में ही वकालत की शुरुआत की और 1985 में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे।
कैरियर की महत्वपूर्ण उपलब्धियांसाल 2000 में जस्टिस सूर्यकांत हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बने। 2011 में उन्होंने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से लॉ में मास्टर्स की डिग्री हासिल की, जिसमें उन्हें ‘फर्स्ट क्लास फर्स्ट’ और डिस्टिंक्शन का सम्मान मिला।
2018 में जस्टिस सूर्यकांत को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया। इसके बाद 2019 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट के जज के पद पर नियुक्त किया गया। अब वे सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनकर न्यायिक इतिहास में अपना स्थान बना चुके हैं।