एयर इंडिया में एक बार फिर प्रबंधन की लापरवाही उजागर हुई है। शेड्यूलिंग और रोस्टरिंग से जुड़ी समस्याएं, जिन पर कुछ महीने पहले ही DGCA ने सख्त चेतावनी दी थी, अब एक नए विवाद का कारण बन गई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, एयरलाइन के दो पायलट — एक सीनियर कैप्टन और एक को-पायलट — को फ्लाइंग ड्यूटी से हटा दिया गया है। वजह यह है कि दोनों ने पिछले महीने ऐसी फ्लाइट्स ऑपरेट कीं, जिनके लिए उनके लाइसेंस वैध नहीं थे।
बिना टेस्ट और एक्सपायर्ड लाइसेंस के उड़ाई फ्लाइटपहला मामला एक Airbus A320 को-पायलट का है, जिसने आवश्यक Instrument Rating – Pilot Proficiency Check (IR-PPC) पास किए बिना उड़ान भरी। आमतौर पर किसी पायलट के असफल होने पर उसे दोबारा प्रशिक्षण लेकर टेस्ट क्लियर करना जरूरी होता है। लेकिन इस बार, को-पायलट ने अनिवार्य करेक्टिव ट्रेनिंग लिए बिना ही फ्लाइट ऑपरेट कर दी। एयरलाइन ने इस गलती को गंभीर मानते हुए तुरंत को-पायलट और उसे शेड्यूल करने वाले क्रू मेंबर दोनों को ऑफ-रोस्टर कर दिया।
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, “फर्स्ट ऑफिसर की ट्रेनिंग में असंतोषजनक प्रदर्शन के बावजूद फ्लाइट ऑपरेट करने का मामला सामने आया है। जैसे ही यह गलती नोटिस हुई, दोनों को ड्यूटी से हटा दिया गया है। DGCA को इसकी विस्तृत रिपोर्ट भेज दी गई है और इंटरनल जांच शुरू कर दी गई है।”
सीनियर कैप्टन ने एक्सपायर्ड ELP के साथ भरी उड़ानदूसरा मामला एक सीनियर कमांडर से जुड़ा है, जिसने English Language Proficiency (ELP) लाइसेंस एक्सपायर होने के बावजूद पायलट-इन-कमांड के रूप में उड़ान भरी। पायलट्स के लिए वैध ELP सर्टिफिकेट होना एक बुनियादी आवश्यकता है, क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार सुरक्षा से जुड़ा अनिवार्य दस्तावेज है।
एयर इंडिया की ओर से जारी बयान में कहा गया, “सीनियर पायलट द्वारा एक्सपायर्ड ELP के साथ फ्लाइट ऑपरेट करने की जानकारी मिलते ही उन्हें तत्काल ड्यूटी से हटा दिया गया है। इस मामले की जांच जारी है और DGCA को इसकी रिपोर्ट दी गई है।”
सुरक्षा मानकों पर उठे सवालइन दोनों घटनाओं ने एयर इंडिया की इंटरनल ओवरसाइट और सेफ्टी सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सीनियर एविएशन एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस तरह की चूकें केवल व्यक्तिगत गलती नहीं, बल्कि प्रशासनिक ढिलाई की भी ओर इशारा करती हैं। DGCA अब पूरे मामले की जांच कर रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कैसे बिना वैध लाइसेंस वाले पायलट फ्लाइट रोस्टर में शामिल हो गए।