क्या आपको भी आ रही हैं बच्चों की वजह से वर्क फ्रॉम होम में दिक्कत, इन तरीकों से बनाए काम को आसान

कोरोना का दौर शुरू होने के साथ ही वर्क फ्रॉम होम शुरू हो गया था जिसे काफी वक्त हो गया हैं। लेकिन इसके बावजूद अभी भी कई लोग हैं जो अपना काम घर पर सेट नहीं कर पाए हैं और उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। खासतौर से पैरेंट्स को अपने बच्चों की वजह से वर्क फ्रॉम होम में दिक्कत आ रही हैं। ऑफिस वर्क के साथ बच्चों को संभालना कोई आसान काम नहीं हैं। इस बीच कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही हैं। अगर आप भी ऐसी परेशानी का सामना कर रहे हैं तो आज हम आपके लिए कुछ टिप्स लेकर आए हैं जिनकी मदद से आपके काफी काम आराम से हो सकते हैं।

बच्चों के लिए रूटीन बनाएं

अपने से पहले बच्चों के लिए रूटीन बनाएं ताकि जब आप काम में बिजी हों, वो अपना काम कर रहे हों। उनके खाने का समय, सोने का समय, खेलने का समय, पढ़ाई का समय और बाकी की चीजों को शेड्यूल कर के चलें।

अपने लिए भी शेड्यूल बनाएं

आप अपने लिए भी एक शेड्यूल बनाएं कि आपको कब घर के काम करने है, कब ऑफिस के काम के लिए बैठना है और किस तरह बच्चों के साथ समय बिताना है।

बच्चों का कमरा

किसी भी पैरेंट्स को बच्चों को बिजी रखने या एंटरटेन करने के लिए उसे ज्यादा देर तक मोबाइल या गैजेट्स देने चाहिए। इसकी बजाय आप उसके कमरे में उसकी पसंद के खिलौने रखें। कहानी पढ़ने के लिए किताबें रखें।

ऑनलाइन खिलाएं गेम

आप तो फिर भी घर से काम कर के कमा रहे हैं और अपने काम में व्यस्त हैं लेकिन बच्चे तो काफी समय से अपने स्कूल और दोस्तों से दूर हैं। उनके लिए तो यह समय और भी ज्यादा बोरियत वाला बनता जा रहा है।

ऐसे में आप बच्चों के लिए दिन के एक समय को वर्चुअल प्लेडेट के लिए तय कर दें। इस समय में वो अपने दोस्तों के साथ वर्चुअली कनेक्ट हो सकता है और अपने मन की बात कर सकता है या उनके साथ गेम खेल सकता है।

नैप टाइम

बच्चा जब दिन में झपकी लेता है, तो उस समय को आपको सही तरह से इस्तेमाल करना है। इस दौरान अपने वर्क कॉल और मीटिंग वगैरह निपटा दें ताकि इस काम में बच्चों का शोर न रहे। बच्चों को घर में ही कुछ खेलने के लिए दें ताकि वो जल्दी थक कर सो जाएं।

कुछ साइन बनाएं

बच्चों को कोई भी चीज सिखानी पड़ती है। उन्हें कुछ साइन सिखाएं जैसे कि जब आप बिजी हैं या जब आपको डिस्टर्ब नहीं करना है, तो आप क्या साइन दिखाएंगे कि बच्चे बिना बोले ही आपकी बात को समझ जाएं। इसी तरह बच्चों के साथ कम्यूनिकेट करने के मजेदार तरीके तलाशें।