क्यों शादी के बाद लड़की को करना पड़ता है समझौता; पढ़िए

हर लड़की अपनी शादी को लेकर कई सपने देखती है लेकिन उसके मन में एक डर भी होता है कि क्या वह अपने ससुरालवालों को खुश रख पाएंगी? शादी के बाद लड़की की जिंदगी पूरी तरह बदल जाती है। उसके लिए सभी लोग अंजान होते है और वह कई नए रिश्तों के साथ जुड़ जाती है। अगर हम भारत में शादी की बात करें तो यहां पर लड़की की खुशी से ज्यादा इस बात पर ध्यान दिया जाता है कि वह अपने हालात और परिवार के साथ कैसे समझौता करती है। तो आइये और जानिए की लड़की कहा कहा और किस हद तक समझोता करती है -

# छीन ली जाती है आजादी:
हमारे देश में शादी के बाद पति-पत्नी की खुशी नहीं बल्कि इस बात पर ध्यान दिया जाता है कि कैसे लड़की ने खुद को नए घर में एडजस्ट किया है।एक लड़की के लिए पहला घर उसका मायका होता है जहां वह पैदा हुईलेकिन शादी के बाद लड़की की पहचान ही नहीं सब कुछ बदल जाता है।अधिकतर भारतीय लड़कियों से शादी के बाद उनकी आजादी छीन ली जाती है।

# मायके जाने के लिए परमिशन:

शादी के बाद अगर लड़की को अपने मायके जाना हो तो उसे पहले अपने ससुराल वालों या फिर पति से इजाजत लेनी पड़़ती है लेकिन एेसा क्यों? क्या शादी के बाद उसके अपने बुजुर्ग मां-बाप के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं? फिर भी हमारे देश की महिलाएं खुशी से ये सब स्वीकार कर रही हैं।

# चीजों को थोपना:
प्यार और सम्मान किसी पर जबरदस्ती लागू नहीं किया जा सकता लेकिन हमारे देश में ये चीजें बहु पर थोपी जाती है। उसकी अपनी इच्छाओं और आकांक्षाओं को दबा दिया जाता है लेकिन इतना सब होने के बावजूद भी बहुएं जिम्मेदारी के साथ अपना कर्तव्य निभा रही हैं।

# बदलनी पड़ती है अपनी सारी आदते:

एक लड़की का जीवन पूरी तरह उसके ससुराल वालो पर निर्भर करता है। वह क्या चाहती है उसे क्या चीज कैसे पसंद है इससे किसी को कोई मतलब नहीं होता। हर कोइ यहाँ तक की उसका पति भी यही चाहता है की उसकी पत्नी हमेशा उसके हिसाब से चले। जब वो कहे तब पत्नी वाही काम करे वरना नही।

# भूल जाती है खुदकी हँसी
लड़की अपने घरवालो की ख़ुशी के लिए सब कुछ चुप चाप सुनती रहती है और काम करती रहती है। भारत में लडकियों को बचपन से ही यह सिखाया जाता है की तुम्हे सबको खुश रखना है किसी को ना नही कहना है लेकिन ये कभी कोई नही बताता की लड़की की ख़ुशी का क्या? वह किस के लिए खुद की ख़ुशी कुर्बान करती रहती है। वह सबको खुश रखने की कोशिश में खुद की ख़ुशी भूल जाती है ।