इस तरह रखें लॉकडाउन में अपने बच्चों की पढ़ाई का ध्यान

कोवि़ड-19 के कहर ने सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चों की एजुकेशन को किया है। मार्च से ही देश में कोरोना के मामले आने शुरू हो गए थे, जिसकी वजह से कई राज्यों में स्कूल बंद करने पड़े। उसके बाद 21 दिन के लॉकडाउन ने बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह चौपट कर दिया है। देश में कोरोना के मामले दिनों-दिन बढ़ते जा रहे हैं। लॉकडाउनके दौरान बड़े घर में रह कर कामकाज में व्यस्त रहते हैं लेकिन इस दौरान बच्चों की पढ़ाई का ध्यान रखना भी जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर वे पढ़ाई में पीछे पड़ जा सकते हैं। जानें कुछ टिप्स।

पढ़ाई के लिए तय करें

समय बच्चों को कहें कि वे रोज पढ़ाई के लिए एक समय तय कर लें। जैसे स्कूल में हर विषय की पढ़ाई के लिए क्लास लगती है, उसी तरह से वे घर पर भी पढ़ाई कर सकते हैं। बीच में ब्रेक भी लें। पढ़ाई के लिए रूटीन बनाने में आप उनकी मदद कर सकते हैं। सुबह, दोपहर और रात के समय कुछ घंटे पढ़ाई के लिए तय करें। इससे उनकी पढ़ने की आदत बनी रहेगी और वे अपने कोर्स को पूरा कर सकेंगे।
ई-लर्निंग का रास्ता अपनाएं- लॉकडाउन में भी स्कूल में पढ़ाई जारी है। स्कूलों ने बच्चों को पढ़ाने के लिए ई-लर्निंग का रास्ता अपनाया है। आप अपने बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने के लिए उनके साथ बैठकर उनकी पढ़ाई में रुचि लें ताकि आप का बच्चा ऑनलाइन पढ़ाई कर सके।

स्कूल बंद, लेकिन सीखना अभी भी चालू


स्कूल बंद होने का ये मतलब नहीं है कि बच्चे अब कुछ भी नहीं सीख सकते। ऐसे कई यूट्यूब चैनल हैं, जैसे- चैनल मम, टूनीआर्क्स, चूच टीवी आदि, एआर ऐप्स, जैसे कि स्पेसवॉर अपराइजिंग, किडोपिया आदि और लर्निंग वेबसाइट्स जैसे- किड्सवेबइंडिया, चंदामामा, स्टारफॉल आदि, जिनके जरिए आप अपने बच्चों को कई बेहतर कोर्स की पढ़ाई करवा सकती हैं। ये सुनिश्चित करें कि ऐसे वक्त में उनके कुछ नया सीखने का नुकसान न हो।

पढ़ाई के लिए खास जगह का होना जरूरी

बच्चों की पढ़ाई के लिए ऐसी जगह का चुनाव करें, जहां उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं हो। जब बच्चे पढ़ रहे हों, परिवार के लोग उनके पास बिना किसी काम के नहीं जाएं। इससे।उनका ध्यान भटकेगा। उनकी टेबल-कुर्सी साफ-सुथरी होनी चाहिए। बच्चों को कहें कि वे खुद इसका ख्याल रखें। इससे उनमें जिम्मेदारी की भावना विकसित होगी।

स्टेबिलिटी बनाए रखें

बच्चों के लिए स्टेबिलिटी बनाए रखें। लॉकडाउन में जरूरी नहीं कि आप अपने बच्चे की सारी जिद पूरी करें। बच्चे एक पल मोबाइल छोड़ना नहीं चाहते जिसमें उनका ज्यादा से ज्यादा समय बीतता है। बेशक आप अपने बच्चे के लिए सॉफ्ट हैं, लेकिन थोड़ा टफ ट्रीटमेंट भी बच्चों के भविष्य के लिए जरूरी है। आप बच्चों के लिए कभी-कभी टफ भी बने रखें।