शायद ही कोई ऐसे माता-पिता होंगे जो यह चाहेंगे कि उनका बच्चा पढ़ाई-लिखाई कर अच्छा इंसान बने। हांलाकि कई लोग अपनी क्षमता के चलते बच्चों को बड़ी स्कूल में नहीं पढ़ा पाते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हैं कि छोटी स्कूल में अच्छी पढ़ाई ना होती हो। पेरेंट्स अपने बच्चों के लिए स्कूल का चुनाव करते समय कोशिश करते हैं कि उन्हें सही और अच्छे स्कूल में भेजा जाए। अब सवाल उठता हैं कि कैसे पता करें कि कौनसा स्कूल बेहतर हैं? ऐसे में जरूरी है कि आप भी अपने बच्चे के लिए जब भी स्कूल चुनें तो कुछ बातों का ध्यान रखें जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। यह बेहद जरूरी है कि आप बच्चे के लिए स्कूल का चयन करते समय बच्चे की पढ़ाई से लेकर अपनी आर्थिक स्थिति तक हर छोटी-बड़ी बात को ध्यान में रखें। तो आइये जानते हैं अच्छे स्कूल की पहचान के कुछ तरीके...
टीचर्स के बारे में जानें
आप स्कूल में बच्चे का दाखिला करा रहे हैं, तो आपको वहां के टीचर्स के बारे में जानना चाहिए। ऐसा इसलिए भी जरूरी है क्योंकि जो आपके बच्चे का भविष्य बनाने जा रहे हैं, वो इसके लिए कितने तैयार हैं। टीचर्स के लिए स्कूल क्या करता है? क्या टीचर्स के लिए स्कूल में कोई ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया जाता है? क्या टीचर्स टेक्नोलॉजी से कनेक्ट हैं, ताकि वो आपके बच्चे को भी उन सभी आधुनिक चीजों के बारे में जानकारी दे सकें जिससे उनका भविष्य बेहतर बन सके।
शार्टलिस्ट करें स्कूल
किसी भी स्कूल को चुनने से पहले आप ऐसे स्कूलों को शार्टलिस्ट करें, जो आपके शर्तों पर खरे उतरते हों। मसलनए आप यह देखें कि आपके घर के आसपास कौन-कौन से स्कूल हैं और उनका फीस क्या है। साथ ही अलग-अलग स्कूलों में क्या खासियत है। आजकल स्कूल में एडमिशन प्वाइंट सिस्टम के आधार पर होता है, इसलिए स्कूल चुनते समय पहली प्राथमिकता घर के पास की ही रखें।
फीस का ध्यान रखें
अक्सर लोगों को लगता है कि सिर्फ महंगे स्कूल में ही अच्छी शिक्षा मिल सकती है। बच्चों का महंगे स्कूल में दाखिला कराते समय यह याद रखें कि आपके बच्चे को फीस जैसी ही सुविधाएं भी स्कूल में मिले। इसके लिए आप फीस के आधार पर कुछ स्कूल शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। अधिकतर स्कूलों की मासिक फीस लगभग एक जैसी ही होती है, लेकिन हर स्कूल में अन्य खर्चे अलग-अलग हो सकते हैं। जैसे कुछ स्कूलों में हर साल बच्चे के एडमिशन फीस या सालाना फीस के नाम पर एक मोटी रकम ली जाती है। इसलिए इन सभी बातों के बारे में पहले ही जान लेना आपके लिए अच्छा है।
फीडबैक लेना न भूलें
आप जब भी अपने बच्चे का दाखिला किसी स्कूल में करवाने जा रहे हैं, तो पहले उस स्कूल का फीडबैक लें। ऐसा कोई बच्चा जो उस स्कूल में पढ़ रहा हो या अपनी पढ़ाई उस स्कूल से की हो, अन्य बच्चों के माता-पिता आदि लोगों से आप स्कूल के बारे में जरूर जान लें। इससे आपको स्कूल के बारे में सभी जानकारी सही-सही मिल पाएगी।
बच्चों के लिए स्कूल कितना तैयार
बच्चे के दाखिले के समय तो सभी स्कूल खुद को बच्चों के लिए तत्पर और पूरी तरह से तैयार बताते हैं। लेकिन बतौर माता-पिता ये आपकी जिम्मेदारी है कि आप जान लें कि अगर आपके बच्चे को कोई दिक्कत होती है, तो स्कूल इन्हें कैसे हैंडल करता है।
पढ़ाई का सिस्टम कैसा है?
बच्चे को स्कूल में इसलिए भेजा जाता है, ताकि बच्चा वहां से ज्ञान प्राप्त कर सके और अपने जीवन में आगे बढ़ सके। ऐसे में आपके लिए ये जानना जरूरी है कि उस स्कूल के पढ़ाई का सिस्टम कैसा है। बच्चों को क्लास कैसे दी जाती है, बच्चों को होमवर्क कितना दिया जाता है, बच्चों की क्या एस्ट्रा क्लास होती है आदि।
अच्छा करिकुलम जरूरी
स्कूल में बच्चों को पढ़ाई के साथ खेलकूद का भी अपना एक विशेष महत्व होता है। इसलिए ऐसे स्कूल का चयन करें जहां पर पढ़ाई के साथ-साथ एक्स्ट्रा करिकुलम भी करवाया जाता है, जैसे- स्कूल में स्पोर्ट्स, फिजिकल एक्टिविटी, ड्रामा, म्यूजिक, एंटरटेनमेंट, डिबेट, कविताएं या कहानियां जैसी एक्टिविटी भी एक्स्ट्रा करिकुलम के अंतर्गत करवानी जरूरी है। एक्स्ट्रा करिकुलम करवाने से छात्रों के अंदर मानसिक एवं शारीरिक रूप से विकास होता है। इन सभी चीजों से आपके बच्चों का पूरी तरीके से विकास होता है, इसलिए एक्स्ट्रा करिकुलम भी आपके बच्चों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण चीजों में से एक है।
बच्चे की सुरक्षा
आप अपने बच्चे को लगभग 6-7 घंटे खुद से दूर स्कूल में रखते हैं, ताकि वो पढ़-लिख सके। लेकिन आपके बच्चे की सुरक्षा का क्या? स्कूल वालों ने इसको लेकर क्या इंतजाम किए हैं? जब घर से बच्चे को कोई लेने जाता है, तो स्कूल का ऐसा क्या सिस्टम है जिससे बच्चा अपने माता-पिता के अलावा किसी और के पास न जा सके। इस बात को भी दाखिले से पहले जान लें।