भारतीय शादियां होती हैं बेहद खर्चीली, इन बातों का रखेंगे ध्यान तो कम बजट में भी पड़ जाएगी पार!

भारतीय शादियां बेहद खर्चीली होती हैं। बात चाहे मेन कोर्स लंच या डिनर की हो या फिर मेकअप की, आप किसी भी चीज से समझौता नहीं कर सकते। लेकिन अब टेक्नॉलजी की मदद से कई लोग बिना कॉम्प्रोमाइज के भी कम बजट में शादियां कर रहे हैं।

सबसे सही सीजन है ऑफ-सीजन
ऑफ-सीजन में शादी करने से आपके खर्चों में कमी आएगी। आपको कैटरर्स को न तो मुंहमांगी रकम ही देनी पड़ेगी और न ही वे आपकी शादी में किसी और की शादी का बचा हुआ खाना ही परोसेंगे।
ऑफ-सीजन में शादी के वेन्यू को बुक करने का खर्चा भी नवंबर-फरवरी के वेडिंग सीजन के मुकाबले कम होगा। इसके अलावा बाराती भी आपको ज्यादा देर तक इंतजार नहीं कराएंगे क्योंकि दिल्ली की सड़कों पर शादी ट्रैफिक होगी ही नहीं।

कोर्ट में शादी! नहीं होगी पैसे की बर्बादी

कुछ कानून भी तोड़िए! आखिर यह जन्म-जन्मांतर का मामला है। अपना कीमती वक्त ऐसे रिश्तेदारों और फैमिली फ्रेंड्स को नमस्ते और पैरी पोना करने में क्यों जाया करें जिनसे शायद दोबारा कभी मुलाकात ही नहीं होनी है।
चाचा के भतीजे और पड़ोस की दादी से अपनी सोशल लाइफ का दायरा थोड़ा ऊपर कीजिए और एक सिंपल सिल्क साड़ी या सूट में कोर्ट मैरिज कर लीजिए। बाद में अपने दोस्तों और परिवार के साथ किसी वीकेंड पर किसी अच्छी जगह पर छोटी सी डिनर पार्टी रख लीजिए।

वेडिंग फंड बनाना शुरू करें

चाहे आप दूल्हा हों या फिर दुल्हन, जैसे ही आप कमाना शुरू करते है, तभी से ही इमरजेंसी फंड के साथ-साथ वेडिंग यानि शादी के लिए भी फंड इकट्ठा करना शुरू कर दें। उदाहरण के तौर पर अगर आप 24 वर्ष की उम्र में कमाना शुरू करते हैं और 5 साल तक 3,000 रुपए महीना आप बचत करते हैं तो बिना ब्याज जोड़े आप 1।8 लाख रुपए जोड़ लेंगे। हो सकता है कि इस राशि से आप अपनी पूरी शादी का खर्चा न उठा पाएं, लेकिन अपने माता-पिता कि कुछ न कुछ मदद जरूर कर पाएंगे।

वेडिंग कार्ड पर करें बचत, डिजिटल माध्यम का करें प्रयोग

परिवार के लोगों के अलावा बाकि सब के लिए कोशिश करें कि डिजिटल कार्ड के जरिये निमंत्रण भेजा जाए। आज के आधुनिक व डिजिटल युग में कई ऐसे विकल्प आ गए हैं कि आप अच्छे और आकर्षक डिजिटल वेडिंग कार्ड तैयार कर इन्हें अपने दोस्तों और अन्य मेहमानों को बुलाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे काफी बचत हो सकती है।
खाना बरबाद न करें

शादियों में अक्सर खाना बहुत बरबाद होता है। मैन्यू बनवाते वक्त कोशिश करें कि वैराएटी भले ही कम हो पर टेस्ट बेहतर हो। अगर ओपन बार है तो कोशिश करें कि एल्कोहॉल की वैरायटी कम हो।

पोस्टल कॉस्ट ना भूल जाना

अक्सर जब हम शादी के लिए कार्ड पसंद करते हैं, तो यह भूल ही जाते हैं इन्हें कोरियर या पोस्ट भी करना होगा और उस पर आने वाला खर्च भी काफी ज्यादा हो सकता है। इस बात का ध्यान दिए बिना हम कार्ड इतना हेवी और बड़ा ले लेते है कि जब हम उन्हें पोस्ट करने बैठते है, तो पता चलता है कि कोरियर करने में तो बहुत ज्यादा खर्चा हो जाएगा इसलिए तब हम सोचते हैं कि कुछ रिश्तेदारों को पोस्ट करने के बजाए मेल कर देते हैं। ऐसा किया जा सकता है लेकिन सोच लें कि कहीं आपके मुरादाबाद वाले फूफाजी नाराज होकर शादी में ही ना आए तो क्या करेंगे। अगर आप कुछ मेहमानों को पोस्ट करेंगे और कुछ को मेल पर भेंजेगे, तो हो सकता है कि ये बात कईयो को ठीक ना लगें। इसलिए शादी के कार्ड में उसे पोस्ट करने का खर्च भी जोड़ लें।