बच्चों की परीक्षा के दौरान इन बातों पर जरूर दे ध्यान, मिलेंगे अच्छे परिणाम

प्री-बोर्डस और प्री-यूनिवर्सिटी एग्जाम के चलते बच्चों और उनके घर वाले दोनों के लिए तनाव का वक्त है। बच्चों के घर वाले सोचते हैं कि परीक्षा के वक्त उन्हें खाने में क्या दिया जाए, जिससे उसकी ऊर्जा बनी रहे और तबीयत भी ठीक रहे, कुछ बच्चे ऐसे होते हैं, जो परीक्षा के समय बहुत ज्यादा तनाव महसूस करते हैं और उसकी वजह से उन्हें भूख नहीं लगती। ऐसे बच्चे ठीक से खाना नहीं खाते, जाहिर है कि उस की वजह से उस का बुरा असर उनकी तबियत पर पडता है, कुछ बच्चों को पढाई करते वक्त खाने के लिए कुछ ना कुछ चाहिए होता है।

इन दोनों परिस्थितियों में बच्चों का वजन या तो जरूरत से ज्यादा बढ जाता है या फिर जरूरत से ज्यादा कम हो जाता है। ऐसा ना हो इसके लिए पेरेंट्स की जिम्मेदारी होती है कि वे अपने बच्चों की खाने की ओर ठीक से ध्यान दे, जिस से वे परीक्षा समाप्त होने तक चुस्त और तंदुरस्त रहें।इसके लिए कुछ आसान सी बातें ध्यान रखनी हैं

-बच्चों को ऐसे खाना परोसें, जो पौष्टिक भी हो और स्वादिष्ट भी।

-खाने में सलाद का होना बहुत जरूरी है, जिससे से बच्चों का पेट साफ रह सके, इससे परीक्षा के दौरान बच्चों को हाजमे की शिकायत नहीं होगी, वजन को काबू में रखने के लिए भी सलाद का बहुत बडा योगदान होता है।

-खाने मे कार्बोहाइडेड की सही मात्रा होना भी जरूरी है,क्योंकि परीक्षा के समय दिमाग को थकान महसूस होती है, इसलिए गेहूं के आटे के फुलके, चपाती , परांठे वगैरह का खाने में जरूर इसतेमाल करें।

-खाने में सीजनल फलों का होना भी जरूरी है। लंच और डिनर के बीच में अगर बच्चों को भूख लगती है, तो फल एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

-बच्चों से कहें कि परीक्षा के दिनों में रात भर जाग कर पढाई करने से अच्छा है कि वे दिन के वक्त पढाई करें, अगर नींद पूरी नहीं हुई तो बच्चे थकान महसूस करते हैं, यह भी हो सकता है, परीक्षा देते वक्त उन्हें नींद आ जाए।

-परीक्षा के समय बच्चे खेलने या व्यायाम करने में समय व्यतीत नहीं करना चाहते, लेकिन थोडी मेहनत भी तो जरूरी होती है, इसलिए बच्चों से कहें कि वे किताब हाथ में लेकर पढते पढते घर ही में टहल सकते हैं।