शादी से पहले जरूर करें पार्टनर से ये बातें

कोर्टशिप पीरियड यानि कि शादी और सगाई से पहले के वक्त में भावी दूल्हा और दुल्हन मुलाकातें कर एक-दूसरे को समझने की कोशिश करते हैं। कोर्टशिप पीरियड सगाई और शादी के बीच का महत्वपूर्ण समय है। इसमें सिर्फ घूमना, शॉपिंग या मौजमस्ती करना ही ज़रूरी नहीं होता। यह समय होता है एक-दूसरे को समझने, आदतों और विचारों को जानने के साथ ही भविष्य की ज़रूरी योजनाओं को बनाने का। शादी के बाद विवाहित जोड़ों में लड़ाई-झगड़े की वजह काफी हद तक तो पैसा ही होती है। लड़की के घर का माहौल और उसका फाइनेंशियन स्टेटस कैसा है और जिस घर में उसकी शादी हो रही है वहां का स्टेटस कैसा है, यही अंतर आगे चलकर घरों में तनाव और झगड़े की मूल वजह होता है। तो क्यों न कुछ ऐसा हो कि इस बारे में विवाह से पहले ही पार्टनर से कुछ सवाल कर लें, जिससे आगे किसी प्रकार के तनाव की स्थिति पैदा न हो।

* माता-पिता :

शादियों में अपने सास-ससुर के प्रति आदर और सम्मान को लेकर ढेर सारी ग़लतफहमियां हो सकती हैं। आपको यह बताना होगा कि शादी के कितने समय बाद आप अपने माता-पिता के घर से बाहर निकलेंगे या आप पूरे परिवार के साथ रहेंगे। अगर लड़के का परिवार संयुक्त है तो क्या लड़की के माता-पिता वहां कपल से मिलने आ सकते हैं? अगर दोनों में से किसी एक के माता-पिता को विशेष मदद या देखरेख की ज़रूरत आन पड़ी तो क्या वे आपके साथ आ सकते हैं? एक-दूसरे से बात करें और इनके समाधान निकालें ताकि बाद में आप दोनों के बीच बहस न हो।

* पैसे के प्रति नजरिया :

पार्टनर से पूछ लें कि पैसे को लेकर उनके घर में क्या नजरिया है, बचत को कितनी अहमियत दी जाती है और बड़े खर्चे कैसे मैनेज किए जाते हैं। इससे आपको एक दूसरे का फाइनेंशियल बैकग्राउंड पता चलेगा। लोन और हॉबी को करियर बनाने में करें सवाल मसलन अगर पैरेंटस ने आपकी पढ़ाई के लिये लोन लिया है तो उसे चुकाने कि जिम्मेदारी भी आपकी ही है। भविष्य में आप नौकरी छोड़कर अपना कुछ खानदानी बिजनेस तो नही करना चाहते।

* पर्सनल स्पेस :

रिश्तों में हर किसी को आज़ादी और पर्सनल स्पेस की ज़रूरत होती है और अगर आप दोनों को पूरी उम्र साथ रहना है है तो आप दोनों को एक-दूसरे की पर्सनल स्पेस की ज़रूरत समझनी होगी। आपको अपने लिए, अपने परिवार-दोस्तों के लिए कितना समय चाहिए?

* भविष्य की प्लानिंग :

अगर आपको लगे कि वो भी इन सब बातों में रूचि ले रहे हैं तो पैसों से जुड़ी भविष्य की प्लानिंग के बारे में भी उनसे बात कर सकते हैं। इसके अलावा अगर आप शादी के बाद भी पढ़ाई या कोई कोर्स करना चाहती हैं तो पहले ही बता दे। अपने होने वाले पार्टनर को खुलकर बताएं और पूछें कि शादी में होने वाले खर्चे के बारे में आपकी क्या प्लानिंग हैं। मसलन शादी और हनीमून का खर्च कैसे मैनेज होगा।

* आस्था :

आप दोनों में से कोई एक धार्मिक प्रवृति का हो सकता है तो दूसरा नहीं। आप में से कोई एक पूरी तरह आज़ाद रहना पसंद कर सकता है तो दूसरा हर छोटी-बड़ी बात एक-दूसरे को बताना ज़रूरी समझ सकता है। वैसे जहां आप इन बातों का पता डेटिंग या शादी से पहले वाले साथ बिताए समय में ही लगा सकते हैं, तो वहीं यह बहुत ज़रूरी हो जाता है कि आप एक-दूसरे की आस्था को सम्मान देने और उसके विचारों का ख्याल रखने के लिए क्या प्रयास करते हैं।