हर पेरेंट्स अपने बच्चों की अच्छे से परवरिश करते हैं और उन्हें जीवन के मूल्यों की पहचान कराना चाहते हैं। अच्छी परवरिश बच्चों का आने वाला भविष्य उज्ज्वल करती हैं। परवरिश के दौरान पेरेंट्स कई बार बच्चों से प्यार से तो कई बार सख्ती से पेश आते हैं। लेकिन अक्सर पेरेंट्स कुछ गलतियां ऐसी कर बैठते हैं जो बच्चों के संगत पर असर डालते हैं और उनके व्यवहार को बिगाड़ने का काम करती हैं। तो आइए जानते हैं पेरेंटिंग से जुड़ी उन गलतियों के बारे में जिसका सीधा प्रभाव आपके बच्चे के भविष्य पर पड़ता है।
समस्याओं के प्रति अज्ञानता
समस्याओं का सामना करें, इस दुनिया में हर व्यक्ति, परिवार और बच्चे का अपना कुछ ना कुछ समस्या जरूर होती है। कुछ समस्याएं सामाधान के योग्य होते हैं तो कुछ समस्याएं जैसे भी हो आपको उसे स्वीकार करना पड़ता है हालांकि, अपनी समस्या से पीछे भागना सही बात नहीं है। ये आपके बच्चे के लिए काफी निराशाजनक हो सकते हैं। ये समस्याएं ऐसी भी नहीं है जिन्हें आप स्वीकार कर सकते हैं और उसे जाने भी दे सकते हैं, इनसे निपटने की आवश्यकता है। आपको इसके समाधान के लिए बहुत धैर्य और प्रयास की आवश्यकता पड़ सकती है, लेकिन विश्वास करें यह प्रयास आपके बच्चे के भविष्य को बेहतर बना सकता है।
अनुचित व्यवहार को नजरअंदाज करना
माता-पिता कभी भी अपने बच्चे को चिल्लाना या डांटना पसंद नहीं करते। लेकिन जब इसकी जरूरत हो तो आपको ऐसा करने की आवश्यकता होती है। आपके बच्चो के द्वारा किए गए किसी भी तरह से गलत कामों से निपटने के लिए यह एक अच्छा तरीका है, लेकिन कभी-कभी आपको अपने बच्चे को सही रास्ते पर लाने के लिए आपको मजबूत कदम उठाने की आवश्यकता होती है। धोखा देना, झूठ बोलना, चोरी करना, किसी को भावनात्मक या शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाना ऐसी कई चीजें हैं जिन्हें नजरअंदाज ना करें। इससे आपके बच्चे का भविष्य खराब हो सकता है।
बच्चों की अधिक तारीफ
कोई भी पेरेंट्स कभी यह महसूस नहीं कर सकते हैं कि उनका बच्चा किसी भी तरह से गलत या बुरा है। हर माता-पिता अपने बच्चे को प्यार करते हैं। अपने बच्चों को जरूरत से ज्यादा तारीफ कभी ना करें। अगर आप अपने बच्चे की ज्यादा प्रशंसा उनके सामने या दूसरों के सामने करते हैं तो यह आपके बच्चों को अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बजाय कोई दूसरे व्यक्ति आपके बच्चे की सराहना करते हैं तो ये उनके लिए अच्छी बात है। आप उनके द्वारा किए गए प्रयासों की प्रशंसा कर सकते हैं इससे उनका मनोबल बढ़ेगा।
दूसरों से तुलना करना
हर बच्चा खुद में अलग होता है। कोई पढ़ाई में अच्छा होता है तो कोई खेल में, कोई गीत-संगीत में तो कोई डांसिंग में। अपने बच्चे के प्रतिभा को पहचानें और उसकी तुलना दूसरे बच्चों से कभी न करें। खासकर परीक्षा के रिजल्ट्स के बाद अपने बच्चे के रिजल्ट की तुलना दूसरे बच्चों से न करें। ऐसा करने से आप अपने बच्चे पर बेवजह का स्ट्रेस और प्रेशर दे रहे हैं जो कि उनके भविष्य के लिए सही नही है।
नियम और सीमा निर्धारित करें
नियमों और सीमाओं को निर्धारित करना पेरेंटिंग की सबसे महत्वपूर्ण बात है। यह आपके और आपके बच्चे दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। अगर आप अपने बच्चों को उनके मर्जी के अनुसार कुछ करने दे रहे हैं तो इससे उसका मन बढ़ सकता है। जो आपके बच्चों के लिए भी ठीक नही है। कुछ नियम, सीमाएं और नियमित दिनचर्या आपके बच्चों को उनके मर्जी के अनुसार चलने नही देता।