हमने अक्सर बड़े-बूढ़ों से सुना है कि जब तक सलाह न मांगी जाए, तब तक अपनी राय न दें। समझदार व्यक्ति हमेशा इस सलाह का पालन करता है, लेकिन दोस्ती में हम अक्सर इसको भूल जाते हैं और अपने दोस्तों की भलाई के लिए उन्हें सलाह देने लगते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में सलाह देना आपकी दोस्ती पर भारी पड़ सकता है। आइए जानते हैं उन टॉपिक्स के बारे में, जिन पर सलाह देने से बचना चाहिए:
ब्रेकअप की सलाहअगर आपका दोस्त किसी रिलेशनशिप में परेशान है और दिल टूटने की स्थिति में है, तो उसे ब्रेकअप करने की सलाह देने से बचें। इस मामले में, सबसे अच्छा है कि आप अपने दोस्त को अपनी परेशानियों को खुद हल करने का मौका दें। रिश्ते के मामलों में सलाह देने से, यहां तक कि गहरी दोस्ती में भी, दरार आ सकती है।
नौकरी छोड़ने की सलाहअगर आपका दोस्त अपनी नौकरी से असंतुष्ट है और समस्या का सामना कर रहा है, तो उसे नौकरी छोड़ने की सलाह देना गलत हो सकता है। अगर वह आपकी सलाह मानकर नौकरी छोड़ देता है और उसके बाद उसे और मुश्किलें आती हैं, तो वह आपको इस फैसले के लिए जिम्मेदार ठहरा सकता है।
व्यक्तिगत जिंदगी में जरूरत से ज्यादा दखलचाहे आप अपने दोस्त की भलाई के लिए सलाह देना चाहते हैं, लेकिन आपको उसकी निजी जिंदगी में जरूरत से ज्यादा दखल नहीं देना चाहिए। दोस्तों के फैसलों पर विश्वास रखें और अगर उनका निर्णय गलत साबित होता है, तो भी आपको उन्हें आलोचना किए बिना समर्थन करना चाहिए।
वित्तीय फैसलों पर सलाह देनाअगर आपका दोस्त पैसों से संबंधित किसी बड़े फैसले पर विचार कर रहा है, जैसे कि निवेश, लोन लेना या किसी चीज़ को खरीदना, तो आपको उसकी वित्तीय स्थिति को पूरी तरह से समझे बिना उसे सलाह देने से बचना चाहिए। हर किसी की वित्तीय जरूरतें अलग होती हैं, और आपकी सलाह गलत साबित हो सकती है। इसके बजाय, बेहतर होगा कि आप उसे खुद अपनी रिसर्च करने और सलाहकार से बात करने के लिए प्रोत्साहित करें।
व्यक्तिगत आस्थाओं या धार्मिक विश्वासों पर टिप्पणी करनाआपके दोस्त के धार्मिक विश्वास या व्यक्तिगत आस्थाएं उसकी पहचान का अहम हिस्सा होती हैं। यदि आप इस बारे में उसे सलाह देना शुरू कर देंगे, तो यह न केवल दोस्ती में दूरियां पैदा कर सकता है, बल्कि यह आपके दोस्त को असहज भी कर सकता है। अगर आपका दोस्त इस बारे में आपसे बात करता है, तो आप केवल उसे सुनने और उसकी भावना का सम्मान करने का प्रयास करें, न कि अपनी राय थोपें।