बच्चों को जीवन की सीख देने का काम करते हैं दादा-दादी, साथ रहने से मिलते हैं ये फायदे

आज के समय में आपको अधिकतर परिवार एकल देखने को मिलेंगे जहां दाद-दादी गांव में रहते हैं और बच्चे अपने माता-पिता के साथ शहर में रहते हैं, वो भी कामकाजी होने के चलते ऑफिस चले जाते हैं। ऐसे में बच्चों को अकेले ही समय गुजारना पड़ता हैं। ऐसे में आपको चाहिए कि जितना हो सके बच्चों को उनके दादा-दादी के साथ समय बिताने का मौका दे। बच्चों का अपने दादा-दादी के साथ अलग ही रिश्ता होता है। उनके पास जानकारी का अनुभव और ज्ञान का खजाना होता है जो बच्चों को कई तरह से फायदा पहुंचाता हैं। बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए दादा का योगदान बेहद जरूरी होता है। आइए जानते हैं कि बच्चों की परवरिश के लिए दादा-दादी का साथ क्यों जरूरी है।

मिलती हैं अच्छी देखभाल

बच्चों को ज्यादा देखभाल की जरुरत होती है। अपने व्यस्त कामकाज के कारण माता-पिता बच्चों पर खास ध्यान नहीं दे पाते। ऐसे में दादा-दादी ही बच्चों का मार्गदर्शन करते हैं उन्हें सही रास्ता दिखाते हैं। बच्चों की अच्छे से देखभाल करके वह उनके दोस्त भी बन जाते हैं।

दूर होता है अकेलापन व चिंता

आजकल पुरुष व स्त्री दोनों ही कामकाजी होते हैं। ऐसे में दादा दादी का साथ बच्चों का न केवल अकेलापन दूर करता है बल्कि, पेरेंट्स का भी तनाव दूर करता है। वे बच्चों की टेंशन लिए ऑफिस का कामकाज संभाल लेते हैं, क्योंकि वे जानते हैं घर में दादा दादी उनके बच्चे का बेहतर ख्याल रख रहे होंगे।

सिखाते हैं नई-नई बातें

छोटी उम्र में बच्चों को खेलने और किसी के साथ बात करने की जरुत भी होती है। ऐसे में दादा-दादी बच्चों की इस कमी को भी पूरा करते हैं, वह बच्चों के अच्छे दोस्त बनकर उन्हें शिक्षा देते हैं। दादा-दादी बच्चों को नई-नई बातें भी सिखाते रहते हैं।

देते हैं अच्छे संस्कार

बुजुर्ग हमेशा परंपरा और संस्कृति से जुड़े रहते हैं। ऐसे में वे अपने पोता पोती को भी संस्कार देना चाहते हैं। मां बाप के पास इतना समय नहीं होता है कि वह अपने बच्चों को अपनी संस्कृति से जोड़ सकें। ऐसे में दादा दादी बच्चों को छोटी उम्र में ही मंत्र, श्लोक आदि सुनाते हैं ताकि बच्चे अध्यात्म की ओर भी ध्यान लगाएं।

बच्चों को बनाते हैं हैल्दी

दादा-दादी बच्चों को हैल्दी रखने में भी पूरा सहयोग देते हैं। वह उन्हें अपने साथ टहलने के लिए ले जाते हैं। टहलने से बच्चों की अच्छी एक्सरसाइज भी हो जाती है। इससे बच्चे हैल्दी रहते हैं और उनका शरीर भी एकदम फिट रहता है।

परिवार के बारे में देते हैं जानकारी

दादा-दादी का साथ बच्चों के लिए इस मायने में भी जरूरी होता है कि वह अपने पोता-पोती को परिवार और परिवार की रीति रिवाज के बारे में बताते हैं। घर व परिवार के सदस्यों के बारे में जानकारी देते हैं। इतनी जानकारी शायद मां बाप नहीं दे पाते हैं जितना दादा दादी देते हैं। दादा दादी पोता पोती से हर विषय में वह हर परिवार के सदस्यों के बारे में बात करते हैं, जिससे बच्चा परिवार के हर सदस्यों को समझ पाता है।

बच्चे को देते हैं नैतिक शिक्षा

दादा-दादी बच्चे के विश्वास, प्रेम और प्रारंभिक शिक्षा के लिए एक स्तंभ के रुप में काम करते हैं। वह बच्चों की अच्छी कहानियां सुनाते हैं। जीवन में बच्चों को ऐसी कई महत्वपूर्ण चीजें सिखाते हैं जो जीवन में उन्हें अच्छे जीवन व्यतीत करने के लिए प्रेरित करती है। नैतिक कहानियां सुनाकर वह बच्चों का मार्गदर्शन करते हैं।

बनते हैं इमोशनली स्ट्रॉंग

जब बच्चे अपने दादा-दादी के साथ बहुत समय बिताते हैं, तो उन्हें इस बात की बेहतर समझ होती है कि किसी भावनात्मक या व्यवहार संबंधी समस्या से कैसे निपटा जाए। ये चीजें उन्हें बड़े होने के साथ किसी भी तरह के आघात का सामना करने में सक्षम बनाती हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि दादा-दादी के संपर्क में रहने वाले बच्चे अकेलेपन, चिंता और अवसाद जैसी समस्याओं से कम पीड़ित हैं। वे हर तरह से जीना सीखते हैं और हर मुश्किल को हल करना जानते हैं।