छोटे बच्चे बहुत मासूमियत के साथ अपना बचपन बिताते हैं जहां उनके मन में बड़ों की तरह कोई छल-कपट नहीं होता है। वे अपने बचपन का हर लम्हा खुलकर जीना चाहते हैं। पेरेंट्स अपने बच्चों को कई चीजें सिखाते हैं, लेकिन बच्चों के बचपन की मासूमियत भी आपको जिंदगी जीने के कई सबक सिखा सकती हैं। जी हां, कुछ बातों में बच्चों को अपना गाइड बना लें तो कई समस्याओं का हल चुटकियों में हो जाता हैं। अगर आपका बच्चा आपसे कुछ कह रहा है, या वह कुछ सुझाव भी दे रहा है तो सुनिए क्योंकि यह आपकी जिंदगी का सबसे सही फैसला साबित हो सकता हैं। आज हम आपको उन बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आप अपने बच्चों से सीख सकते हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...
अपनी भावनाओं को प्रकट करना
बच्चे अपनी भावनाओं को व्यक्त करना जानते हैं। जब वे खुश होते हैं, तो वे मुस्कुराते हैं और हंसते हैं। जब वे दुखी होते हैं, तो रोते हैं। एक वयस्क के रूप में हम अपनी भावनाओं पर नियंत्रित करने का प्रयास करने लग जाते हैं। बेशक, अपनी भावनाओं को प्रबंधित करना जरूरी है। हम पहले यह स्वीकार किए बिना कि हम कैसा महसूस करते हैं, हम उस ओर आगे नहीं बढ़ सकते। पर कभी बच्चों की तरह नकारना, खुश होना और स्वीकारना शुरू कर देखें। तनाव कम होगा।
जो आप हैं उसे स्वीकार करना
अगर आप बच्चे को कभी शीशा दिखाते हैं या उन्हें किसी मिरर के सामने खड़ा करते हैं तो वह हमेशा अपने आप को देख कर मुस्कुराता है। इससे पता चलता है कि बच्चे खुद को कितना अधिक पसंद करते हैं। लेकिन हम अगर हमारे चेहरे पर थोड़े से भी दाग धब्बे देखते हैं तो उन्हें देख कर उदास हो जाते हैं और हमारा सेल्फ कॉन्फिडेंस कम हो जाता है। आपको बच्चों की तरह ही हर स्थिति में खुद को स्वीकार करने की भावना रखनी चाहिए।
बिना किसी शर्त के प्यार करना
बच्चों का प्यार बहुत सच्चा और पवित्र होता है। अपनी मम्मी, अपने पापा से वो बेहिसाब प्यार करते हैं। इस प्यार के बदले में उन्हें कुछ नहीं चाहिए होता। सिर्फ अपने घरवालों से ही नहीं, कोई भी उन्हें प्यार से पुचकार ले, बच्चे उसी के हो जाते हैं। किसी को इस कदर प्यार आपने आखिरी बार कब किया था?
जिज्ञासु होना
बच्चे हमेशा सीखते रहते हैं। वे बटन दबाते हैं, चाभी घुमाकर ताला खोलने की कोशिश करते हैं। ड्रावर खोलते हैं। लगभग हर चीज के बारे में कई प्रश्न और परिकल्पना करते हैं। वे दुनिया की हर चीज के बारे में जान लेना चाहते हैं। वे इस चिंता के बोझ से दबते नहीं हैं कि दूसरे उनके प्रयासों के बारे में क्या सोच सकते हैं। वे रोज कुछ न कुछ नया सीख लेते हैं। जब हम व्यस्क हो जाते हैं, तो सीखने का प्रयास करना कम कर देते हैं। हमें जीवन पर्यंत सीखते रहना चाहिए।
रिस्क लेना
आपने अक्सर बच्चों को देखा होगा कि वह किसी चीज से नहीं डरते हैं। जब वह शुरू में चलना सीखते हैं तो वह गिरने से चोट लगेगी ऐसा भय मन में नहीं रखते हैं। जिंदगी को एडवेंचर बनाएं तभी इसे जीने में मजा आयेगा। हम जितना अधिक रिस्क लेंगे उतना ही अधिक हमें लाभ और हानि दोनों हो सकते हैं। लेकिन आप रिस्क किस चीज में ले रहे हैं इसका जरूर ध्यान रखें।
कोई भेदभाव ना करना
बच्चों को कभी ये कहते हुए सुना है कि इसकी गोद में नहीं जाएंगे, क्योंकि ये अलग धर्म या जाति का है? ये काला या गोरा है? बच्चे इन बेतुके भेदभावों से बिलकुल अनजान होते हैं। उन्हें सिर्फ प्यार लेना और प्यार देना आता है। इसीलिए आज की दुनिया में हर किसी को बच्चों की नजर से दुनिया को देखने की जरूरत है।
माफ करना
बच्चें हर चीज हर बात को आसानी से भूल जाते है और हर भूल को माफ कर देते है। लेकिन हम लोग किसी बात को जल्दी भूल नही पाते है। हर बात करते हुए कुढ़ते रहते है। इसलिए हमें एक बच्चें की तरह बनना चाहिए। जिससे कि आप हर किसी को माफ कर सकें और जिंदगी का मजा ले सके।