शादी करना और शादी निभाना ये दोनों ही अलग-अलग बातें हैं। शादी करने के लिए तो सभी तैयार हो जाते हैं, लेकिन बात जब जिम्मेदारियों की आती हैं तो रिश्ते से दूर भागते हैं। शादी निभाना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। अगर यह जिम्मेदारी सही से नहीं उठाई जाएं, तो रिश्ता बर्बाद होने में भी समय नहीं लगता हैं। ऐसे में शादी के लिए अपने बेटे को मानसिक रूप से तैयार करने की जिम्मेदारी हर पिता को लेनी चाहिए। जी हां, जब आपके बेटे की शादी होने वाली हो तो एक पिता की ये जिम्मेदारी होती है कि वो अपने बेटे को शादी के बाद की जिम्मेदारियों के बारे में समझाएं और इस बारें में अच्छी सलाह दें। हम आपको यहां बताने जा रहे हैं उन सलाह के बारे में जो हर पिता को अपने बेटे को शादी से पहले देनी चाहिए। ये सलाह आपके नए रिश्ते की अच्छी शुरुआत करने में मदद करेंगी। आइये जानते हैं इनके बारे में...
पत्नी का सम्मान करनाएक लड़का महिलाओं के साथ उसी तरह से व्यवहार करता है, जैसे वह अपने घर में पिता समेत परिवार के बड़े आदमियों को करते देखता है। ऐसे में हर पिता की यह जिम्मेदारी होती है, कि वह अपने बेटे को अच्छी शिक्षा दे। उसे महिलाओं का सम्मान करना और उनके साथ समान व्यवहार करना सिखाएं। इसमें उनके विचारों और राय को सुनना, उनके लक्ष्यों और आकांक्षाओं का समर्थन करना और उनके साथ प्यार और समझदारी से व्यवहार करना शामिल है।
पत्नी का घर के काम में हाथ बंटानाशादी का मतलब होता है दो लोगों के बीच लाइफटाइम की पार्टनरशिप होना। ऐसे में घर की सारी जिम्मेदारी पत्नी को सौंप देना सही नहीं होता है। अगर पति भी उसके काम में हाथ बंटाना शुरू कर दे तो उसे घर के काम से वक्त भी मिल जाएगा, जिससे वो ऑफिस के बाद घर की जिम्मेदारियों को भी आसानी से निभा सकेगी। ये सारी बातें समझाना एक पिता का काम है। शादी दो लोगों की पार्टनरशिप की तरह होती है, जिसे सफल और सुखद बनाने के लिए दोनों को मिलकर काम करना होता है। यह बात शादी के बहुत साल गुजर जाने पर कई लोगों को समझ आती है।
खुलकर बात करना जरूरी हैखुलकर बातचीत करना हर रिश्ते की सफलता की कुंजी होती है। बात करके रिश्ते के बड़े से बड़े परेशानियों का हल निकाला जा सकता है। ऐसे में इस बात को हर एक पिता को अपने बेटे को समझाना चाहिए। उसे बताना चाहिए कि शादी को सफल बनाने के लिए अपने साथी के साथ प्रभावी ढंग से और ईमानदारी से बात करना कितना जरूरी होता है। इसमें सक्रिय रूप से सुनना, भावनाओं को व्यक्त करना और विवादों को सम्मान पूर्वक हल करना शामिल है।
जिंदगी के उतार चढ़ाव के बारें मे बतानालाइफ हमेशा क जैसी नहीं होती है, इसमें कई सारे अप्स एंड डाउन आते हैं। कभी बेटा पत्नी से तो कभी पत्नी बेटे से नाराज हो सकती है। या फिर ऑफिस के काम के कारण मूड खराब हो सकता है। दूसरे लोगों के कारण भी आप अपने रिश्ते में तनाव पैदा करने लग जाते हैं। साथ ही रिश्तों से लेकर फाइनेंशियल प्रॉबलम भी लाइफ में आती है। इनका कैसे डटकर मुकाबला करना है, कैसे सिचुएशन को हैंडिल करना है, ये सारी बातें एक पिता के तौर पर बेटे की शादी से पहले आपको समझानी चाहिए।
फाइनेंशियल मैनेजमेंट का तरीकाशादी के बाद फाइनेंशियल मैनेजमेंट बहुत जरूरी होता है। जिसे अच्छी तरह से करने के लिए काफी अनुभव की जरूरत होती है। ऐसे में इसे एक पिता से बेहतर कौन समझा सकता है। इसलिए शादी से पहले ही बेटे को आने वाले वित्तीय समस्याओं के बारे में हर बाप को बताना चाहिए। इसमें बजट बनाना, आपात स्थिति के लिए बचत करना और समझदारी से निवेश करना शामिल है।
हर बात पर बहस न करेंछोटी-छोटी चीजें अक्सर लोगों का घर बिगाड़ने का काम करती हैं। अक्सर छोटी-छोटी बातें ही आगे चलकर बड़ी लड़ाईयों की वजह बनती है, जो कि आपके रिश्ते को बिगाड़ने का काम करती है। इसलिए किसी भी बात को लेकर सिर्फ बात करें न कि बहस। बहस कलह की सबसे बड़ी वजह है इसलिए बहस करने के बजाए बातों को सुलझाने का प्रयास करें।
इमोशनली मैच्योर बनना जरूरीकोई भी इंसान इमोशनली मैच्योर तब कहलाता है, जब वह अपनी भावनाओं के साथ दूसरों की भावनाओं को भी पहचानता है। उसको समझता है, उसकी कद्र करता है। ऐसे में हर पिता को अपने बेटे से विवाह के उतार-चढ़ाव को हैंडल करने लिए इमोशनल मैच्योर बनने के टिप्स जरूर शेयर करना चाहिए। उसे बताना चाहिए कि कैसे बिना किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाए अपनी बात रखनी चाहिए।
कॉम्परमाइज करने है समझदारी आपको हमेशा हालात को समझने और उसके बाद उसे हालात के अनुरूप खुद को ढालने की प्रवृति अपनानी चाहिए। इसके अलावा आपको हमेशा परेशानियों का हल करने की जरूरत है, जो कि आपके रिश्ते को बेहतरतरीके से संभालने में मदद करेगा। ये वही तरीका है, जो रिश्ते को आगे ले जाने में मदद करता है।