बच्चों के खाने-पीने की बुरी आदत कर रही हैं परेशान, इस तरह सिखाएं उन्हें सही चीजें

सभी पेरेंट्स बच्चों की सेहत को लेकर फ्रिकमंद रहते हैं और चाहते हैं कि उनका बच्चा पौष्टिक आहार का सेवन करे। लेकिन बच्चों के खानपान की बुरी आदतें आज के समय में हर घर की चिंता का विषय बनती जा रही हैं। किसी बच्चे को उसके खाने में आने वाले सब्जियों के लच्छे पसंद नहीं होते, तो किसी बच्चे को मसाले पसंद नहीं आते। बच्चों के कमियां निकालने की यह वजह भविष्य में उनपर भारी पड़ती हैं। अभिभावक चिंता तो करते हैं पर एक समय के बाद वे चाहकर भी बच्चों की खानपान की आदतें नहीं सुधार पाते। ऐसे में आपको अभी ही उनकी आदत सही करने के लिए प्रयास करने की जरूरत हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह बच्चों के खाने-पीने की बुरी आदतों को सुधारा जाए। आइये जानते हैं इनके बारे में...

बच्चे को खुद से खाने दें

एक बार आपका बच्चा चलना शुरू कर दें यानी करीब 1-डेढ़ साल की उम्र का हो जाए उसके बाद माता-पिता को बच्चे को अपने हाथों से खाना खिलाना बंद कर देना चाहिए। बच्चे में यह आदत विकसित करें कि वह स्वतंत्र होकर खुद से बैठे और खुद से अपना खाना खाए। ऐसा करने से आपका बच्चा न तो खाने में मीन-मेख निकालेगा और ना ही उसे खाना खिलाने में आपको किसी तरह की परेशानी उठानी पड़ेगी। उसकी प्लेट में जो दिया जाएगा वह उसे खाएगा।

सजाकर परोसें बच्चे की थाली

बच्चों की थाली लगाते समय आपको थोड़ा क्रिएटिव और इनोवेटिव होने की जरूरत होती है। बच्चे के खाने की थाली तैयार करते हुए ध्यान रखें कि आप इसे अच्छे से सजाकर परोसें, अलग-अलग कलर्स की डिशेज को इंट्रोड्यूस करें। इससे बच्चे की खाने को लेकर रुचि बढ़ेगी।

चबाकर खाना सिखाएं

आप बच्चों को खाना अच्छे से चबाकर खाना सिखाएं। कई बच्चे खाना आराम से खाना पसंद करते हैं। ऐसे में जल्दी के चलते कई पेरेंट्स बच्चों को जल्दी-जल्दी खाने को कहते हैं, जो कि बच्चे के सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता है। कोशिश करें कि खाते समय आप बच्चे के साथ हों और उसको खाना ज्यादा से ज्यादा चबाने को कहें।

बच्चे को न्यूट्रिशन का महत्व समझाएं

बच्चों को न्यूट्रिशन यानी पोषण का महत्व समझाना बेहद मुश्किल काम है लेकिन आप चाहें तो रंगों के जरिए बच्चों को इसका महत्व समझा सकती हैं। बच्चों की अच्छी सेहत बनी रहे इसके लिए जरूरी है कि वे हर दिन 7 रंग की चीजें खाएं और इस तरह आप रंगों के जरिए उन्हें पोषण का महत्व समझा सकती हैं। किस रंग का हमारे शरीर के लिए क्या महत्व है, इस बारे में बच्चों को बताएं।

साथ में बैठ कर खाएं

बच्चे कई बार अकेले खाना खाने से कतराते हैं। ऐसे में आप जब परिवार के साथ खाने बैठें उसी वक्त बच्चे की भी प्लेट लगाएं और उसे सर्व करें। सभी को खाना खाते देख वो भी खाने के लिए प्रेरित होगा। हां, इस दौरान आप बच्चे की प्लेट पर नजर रखना न भूलें कि वो खाना खा भी रहा है या नहीं।

खाते समय शांत जगह पर बैठाएं

आप अपने बच्चे को एक जगह शांति से बैठकर खाना खाने की आदत डलवाएं। आजकल ज्यादातर बच्चों को मोबाइल और टीवी की ऐसी लत लग गई है कि वो बिना इन चीजों के खाना खाने से मना करने लगते हैं। लेकिन खाना खाते समय टीवी देखना बच्चों के सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। इससे बच्चे खाना ठीक से चबाकर नहीं खाते हैं और उनके मस्तिष्क पर भी बुरा असर पड़ता है। आप बच्चे के लिए एक शांत वातावरण तैयार करें और उसे शांति से खाने को बोलें।

भूख के हिसाब से प्लेट में खाना लेना सिखाएं


माता-पिता अपने बच्चे को जितनी भूख हो, उतना खाना प्लेट में लेना सिखाएं। बच्चे अक्सर प्लेट में खाना भरकर लेने की जिद करते हैं और बाद में खाना छोड़ देते हैं, जिससे खाना बर्बाद होता है। बच्चों को अन्न का सम्मान करना सिखाएं। उनको बोलें कि आप प्लेट में पहले थोड़ा खाना लें, उसे खत्म करें तभी और खाना लें।