आज़ाद हिंदुस्तान या गुलामों का हिंदुस्तान?

Article By- Garv Baheti (Student)

आज हम कहतें है की हमारा भारत आज़ाद है पर क्या सच में हमारा भारत आज़ाद है या आज भी हम गुलाम है जैसे 70 वर्ष पहले थें। जी हाँ मेरे दोस्तों हम आज भी गुलाम हैं मगर अप सोचोंगे, की कैसे हम आज भी गुलाम हैं क्युकिं अब तो हमारे देश से अंग्रेज़ जा चुके हैं? साथियों अंग्रेज़ चले गए तो क्या हुआ हम तो विदेशों में जा कर उनकी गुलामी कर रहे है। मगर ऐसा क्यों हो रहा है आईए मैं आप को समझाता हूँ ।

दोस्तों आज भी भारत का हर गरीब नागरिक भ्रष्टाचार से पीड़ित है, जो की बड़े बड़े राजनैतिक नेताओं की वज़ह है, इसी कारण वो लोग गुलामों की जिंदिगी जी रहे है। इसमें उन गरीबों की क्या गलती है, नेता लोग ये सोचते है की देश इन के कारण ही तो चलेगा मगर ये भूल जाते है की हम लोगों ने ही इन्हें वोट देकर चुना है। उन्हें तो ये भी समझ नही आता की देश को कैसे चलाना है, मगर हमें तो समझ है की हमारे लिए क्या सही है और क्या गलत हम तो पढ़े लिखे है और सोचना जानते है तो फिर अपना वोट कहीं गलत जगह क्यों डालते है।

मगर हमे तो दुसरो को कोसनें का काम आता है की यह नेता ऐसा है वह नेता वैसा है मगर हम अपनी गलती नही देखते है की हम ने ही तो उन्हें चुना है। चलों आप कहते है की हमे उसके बारे में नही पता था, मगर कुछ दिनों के बाद तो पता चल ही जाता है की वह नेता कैसा है फिर तो हमे अपनी आवाज़ उठानी चाहिए और उन्हें वहा से हटा देना चाहिए उसके बदले में एक इमानदार को वो पद देना चाहिए, जो भारत की जनता की पूरी लगन और सच्चे मन से सेवा करे ना की सिर्फ जेब में पैसा भरे और देश को आगे बढ़ने से रोकेI

आज सिर्फ इन बेईमान नेताओं के कारण भारत का हर नौजवान भारत छोड़ कर विदेशों में जा कर अंग्रेजों की गुलामी कर रहे है और वो लोग हमे आज भी गुलाम कहते है और हमें पिछाडा कहते हैI अब हम भी क्या करे जो पद हम चाहते है जिसकी तैयारी हम ने कितने वर्षों से की है वो तो कोई बेईमान पैसा खिला कर ले जाता है, और अपने पद का दुरोपयोग करने लग जाता जाता है। अब आप सोचते होंगे की यह बेमानी की कड़ी जुडी कैसे रह जाती है अब आप ही देखिए न जो व्यक्ति पैसा देकर पद ले रहा है वो अपना पैसा वापस वसूल करने के लिया कुछ तो करेगा।

भारतवासियों आज हमें इस के खिलाफ आवाज़ उठानी ही होगी वरना हर युवा भारत वंश को छोड़ कर विदेशों में अंग्रेजों की गुलामी करेगा हमें अपने देश से इन बेइमान राजनेतिक नेताओं, अफसरों के खिलाफ एक जुट होकर अपनी आवाज़ उठानी होगी वरना हमारी युवा पीढ़ी का भारत देश पर से विश्वास उठ जायेगा और अब तो यह हमारी मजबूरी होगी की हम इन्हें हटाए क्युकिं हर विदेशी अब भारत वासी को अपने देश में आने की अनुमति नहीं देगा तो अपनी आवाज़ उठाओ और, अपना हक़ पाकर ही मानो वरना हम वही गुलामों की जिंदिगी जियेंगे और कभी विदेशियों के सामने अपना सर नही उठा पाएंगे। हमें एक बार फिर गाँधी जी और नेहरु जी की तरह आज़ाद हिंदुस्तान के लिए नारे लगाने होंगे तब ही हमें राहत की जिंदिगी जीने को मिलेगी।