सर्दियों के मौसम में भारतीय रसोईयों में साग बनाने की खुशबू हर घर में फैल जाती है। इस समय पालक, सरसों, बथुआ और मेथी जैसे हरे साग आसानी से बाजार में मिल जाते हैं। हरे साग का सेवन सिर्फ स्वाद को बढ़ाता ही नहीं बल्कि इसमें मौजूद पोषक तत्व स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं। लेकिन अक्सर साग पकाते समय की जाने वाली कुछ आम गलतियां न केवल इसके स्वाद को बिगाड़ देती हैं बल्कि पोषक तत्वों को भी कम कर देती हैं। आइए जानते हैं उन 5 महत्वपूर्ण गलतियों के बारे में, जिन्हें साग बनाते समय बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
1. साग को अधिक देर तक पकानाकई लोग सोचते हैं कि साग को लंबे समय तक पकाने से उसका स्वाद और गाढ़ा हो जाएगा। लेकिन सच यह है कि ज्यादा देर तक पकाने से साग का रंग हरा रहने के बजाय काला पड़ जाता है और इसमें मौजूद महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी नष्ट हो जाते हैं। इसलिए साग को केवल आवश्यक समय तक ही पकाएं।
2. साग धोने में जल्दबाजी करनाबाजार से लाए गए साग में अक्सर मिट्टी और रेत के कण लगे होते हैं। अगर साग को अच्छी तरह से धोए बिना पकाया गया तो खाने में रेत या मिट्टी का स्वाद आ सकता है। इसे रोकने के लिए साग को पकाने से पहले 4-5 बार साफ पानी में अच्छी तरह धोएं।
साग बनाते समय इन 5 आम गलतियों से बचें, वरना स्वाद बिगड़ सकता है
साग को पकाते समय जरूरत से ज्यादा पानी डालना भी एक आम गलती है। इससे साग पतला और फीका हो सकता है। साग अपने प्राकृतिक पानी से भी पक जाता है, इसलिए पकाते समय पानी की मात्रा सीमित रखें।
4. तड़के में गलती करनासाग में तड़का लगाने का तरीका भी इसके स्वाद को प्रभावित करता है। सही स्वाद पाने के लिए तड़का हमेशा घी या सरसों के तेल में हल्की लाल मिर्च, लहसुन और हींग डालकर तैयार करें। गलत तड़का साग का स्वाद बिगाड़ सकता है।
5. साग के डंठल के साथ पत्तियों को पकानाकई लोग साग की पत्तियों के साथ उसके मोटे डंठलों को भी एक साथ उबाल देते हैं। इससे साग का स्वाद कड़वा हो सकता है और पकने में ज्यादा समय लगता है। हमेशा केवल साग की पत्तियों को पकाएं और डंठल अलग करें।