इन आसान तरीकों से खाने को बना सकते हैं रचनात्मक, उल्लास से भर जाएगा मन

महामारी के मुश्किल दौर में बाहरी दुनिया और लोगों से सभी की दूरियाँ बन गई हैं। पार्टी, दावतें बन्द हैं और रेस्टोरेन्ट में खा नहीं सकते। रोज-रोज घर के बने भोजन से परिजनों में ऊब होने लगी है। खासतौर पर बच्चे लगातार एक ही प्रकार का खाना-खा-खाकर परेशान होने लगे हैं। उनकी भूख कम हो गई हैं। बच्चे पर्गर, पिज्जा, डोसा आदि को मिस कर रहे हैं। माताएँ और पत्नियाँ अपने परिजनों और बच्चों को खुश करने के लिए इन दिनों चाट-पकौड़े बना रही हैं। कभी-कभी चाट पकौड़े खाने में भी हर्ज नहीं है, मगर रोज-रोज खाने की आदत न डालें। ऐसे में क्यूं न आप कुछ ऐसा रचनात्मक करें जिससे आपके द्वारा बनाया गया भोजन सभी को आकर्षित कर सके। पेश हैं कुछ ऐसे सुझाव जिनको आजमाकर आप अपने परिजनों और बच्चों को पौष्टिक लेकिन स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर चकित कर सकती हैं।

थाली कटोरी के स्थान पर दोनेे पत्तल में परोसे खाना

आमतौर पर हर घर में खाना खाने के लिए थाली, चम्मच, प्लेट और कटोरी का इस्तेमाल किया जाता है। लगातार एक ही प्रकार के बर्तनों में खाना खाने से भी मन में ऊब पैदा हो जाती है। ऐसे में आप अपने परिजनों को चकित करते हुए उन्हें दोने और पत्तल में खाना परोसें। दोने और पत्तल में भंडारे में खाना खाते देखा जाता है। शादी-ब्याह में चाट आदि देने के लिए कहीं-कहीं इनका प्रयोग होता है। किसी जमाने में इन्हीं में ही भोजन किया जाता था। इनके इस्तेमाल से पानी खर्च नहीं होता। सेहत को नुकसान नहीं पहुँचता। प्रदूषण नहीं फैलता। झूठे पत्तल जमीन में गाडऩे पर मिट्टी उपजाऊ बनती है। आज की पीढ़ी इस बात से अन्जान है।

अधिक तला-भुना नहीं बनाए

खाना बनाते वक्त थोड़ा क्रिएटिव होना भी जरूरी है। बाहर घूमना-फिरना बन्द है तो कम वसा और कम मसालों वाले खाने की सलाह दी जा रही है। सादा खाना भी स्वादिष्ट हो सकता है। खाने को अधिक तलने के स्थान पर पकाकर, भाप में और ओवन में ग्रिल करके बना सकते हैं। पुदीना, तुलसी, काली मिर्च, हल्दी व लहसुन का प्रयोग करें। कोई बीमार या बुर्जुग है तो उनके लिए परहेज का व्यंजन बनाएं जिसे वे स्वाद लेकर खाएं न कि मजबूरी में।

सलाद और फास्ट फूड

सलाद काटने और सजाने में बदलाव करते रहें। किसी दिन सब्जियों की सलाद की जगह फलों की चाट बना लें। पौष्टिक सामग्री का इस्तेमाल कर बर्गर, पिज्जा या डोसा बनाया जा सकता है। सभी लोग एक साथ बैठकर भोजन करें। खाना खाने के लिए ऐसा समय चुनें जिस समय सभी को तेज भूख लग रही हो। छोटी-छोटी भूख के लिए एक तरह का स्नैक न बनाएं।

परोसने में विभिन्नता

खाना परोसने में भी रचनात्मकता लाएं। खाने को खूबसूरती के साथ परोसें। दाल-चावल को कभी प्लेट व कटोरी के स्थान पर पारम्परिक तरीके से थाली में परोसें। उसी में अचार, दही और प्याज सजा दें। इससे दाल-चावल का रूप एकदम बदल जाएगा। डाइनिंग टेबल की सजावट को थोड़ा बहुत बदलते रहें। किसी दिन जमीन पर चटाई बिछाकर खाना परोसकर देखें। एक जैसे बर्तनों को लम्बे समय तक इस्तेमाल करने से अच्छा खाना भी पुराना ही लगता है। रोजाना उपयोग की जा रही क्रॉकरी और कटलरी को रख दें और नए बर्तन निकाल लें। कुछ समय बाद फिर पुराने बर्तनों का इस्तेमाल करना शुरू करें।