आपने अक्सर अपने बड़ों से ये सुना होगा कि मेहमान भगवान समान होता हैं। क्योंकि शास्त्रों में मेहमान का बड़ा महत्व बताया गया हैं और मेहमान की सेवा करने से शुभ फल मिलता हैं। हांलाकि आज के समय में अगर कोई मेहमान घर पर आ जाता हैं तो उनसे पीछा कैसे छुड़ाया जाये कई लोग ये ही सोचते हैं। लेकिन अतिथि का सत्कार करना बड़ा पुण्य का काम होता हैं। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जो मेहमान को भोजन कराते समय जरूर ध्यान रखनी चाहिए। क्योंकि इससे हमारे जीवन में शुभ फल का आगमन होता हैं। तो चलिए जानते हैं मेहमान को खाना खिलाते समय ध्यान रखी जाने वाली बातों के बारे में।
* साफ हो मन कहा जाता है कि जिस मनुष्य का मन शुद्ध नहीं होता, उसे कभी भी अपने शुभ कर्मों का फल नहीं मिलता है। घर आए अतिथि का सत्कार करते समय या उन्हें भोजन करवाते समय कोई भी गलत भावों को मन में नहीं आने देना चाहिए। अतिथि सत्कार के समय जिस मनुष्य के मन में जलन, क्रोध, हिंसा जैसे बातें चलती रहती हैं, उसे कभी अपने कर्मों का फल नहीं मिलता है। इसलिए, इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
* आपकी वाणी हो मधुर मनुष्य को कभी भी घर आए अतिथि का अपमान नहीं करना चाहिए। कई बार मनुष्य क्रोध में आकर या किसी भी अन्य कारणों से घर आए मेहमान का अपमान कर देता है। ऐसा करने पर मनुष्य पाप का भागी बन जाता है। हर मनुष्य को अपने घर आए मेहमान का अच्छे भोजन से साथ-साथ पवित्र और मीठी वाणी के साथ स्वागत-सत्कार करना चाहिए।
* शुद्ध हो शरीर मेहमान को भगवान के समान माना जाता है। अपवित्र शरीर से न भगवान की सेवा की जाती है और न ही मेहमान की। किसी को भी भोजन करवाने से पहले मनुष्य को शुद्ध जल से स्नान करके, साफ कपड़े धारण करना चाहिए। अपवित्र या बासी शरीर से की गई सेवा का फल कभी नहीं मिलता है।
* उपहार जरुर दें घर आए मेहमान को भोजन करवाने के बाद कुछ न कुछ उपहार में देने का भी विधान है। अपनी श्रद्धा के अनुसार मेहमान को उपहार के रूप में कुछ जरूर देनी चाहिए। अच्छी भावनाओं से दिया गया उपहार हमेशा ही शुभ फल देने वाला होता है।