तरीके जिनकी मदद से आप घर में ही बना सकतें है होली के रंग

होली का त्योंहार अर्थात रंगों का त्योंहार। होली का नाम सुनते ही व्यक्ति के मन में रंगों की बहार छाने लगती हैं। बच्चों और बड़ों सभी में होली खेलने का बहुत मन होता हैं। लेकिन वर्तमान समय के केमिकल युक्त रंगों के चलते कई लोग अपने दिल पर पत्थर रखकर होली नहीं खेलते और अपने बच्चों को भी नहीं खेलने देते। अगर आप भी केमिकल युक्त रंगों के डर से होली नहीं खेल पा रहे, तो आज हम आपके लिए लेकर आये हैं घर पर ही बने प्राकृतिक रंग जो आपकी त्वचा के लिए हानिकारक नहीं होते हैं। तो आइये जानते हैं किस तरह से घर पर ही बनाये होली के प्राकृतिक रंग।

* हरा रंग

हरे रंग के लिए मेंहदी का इस्तेमाल करें। मेंहदी को आटे के साथ मिलाकर आप सूखा हरा रंग तैयार कर सकते हैं। ध्यान रहे कि आपकी मेंहदी में आंवला न मिला हो। अगर आपको पक्के रंग की होली की खुमारी चढ़ती ही है तो आप इस मिश्रण को बेहिचक पानी में घोलें। बालों में यह रंग डालते वक्त भी आपको इसके रिएक्शन का पछतावा बिल्कुल नहीं होगा।

* लाल रंग

दो छोटे चम्मच लाल चन्दन पावडर को पाँच लीटर पानी में डालकर उबालें। इसमें बीस लीटर पानी और डालें। सूखा लाल चन्दन, लाल रंग के पाउडर जैसा होता है इसका उपयोग लाल के समान किया जा सकता है। अनार के छिलकों को पानी में उबालकर भी लाल रंग बनाया जा सकता है। सिन्दूरिया के बीज लाल रंग के होते हैं, इनसे आप सूखा व गीला लाल रंग बना सकते हैं। बुरांस के फूलों को रातभर पानी में भिगो कर भी लाल रंग बनाया जा सकता है, लेकिन यह फूल सिर्फ पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है। पलिता, मदार और पांग्री में लाल रंग के फूल लगते हैं। ये पेड़ तटीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं। फूलों को रातभर में पानी में भिगो कर बहुत अच्छा लाल रंग बनाया जा सकता है।

* पीला रंग

हल्दी और बेसन को मिलाकर आप पीला रंग तैयार कर सकते हैं। इसके लिए आप जितनी हल्दी लें, उसकी दोगुनी मात्रा में बेसन मिलाएं। आमतौर पर इसे बतौर उबटन भी घरों में इस्तेमाल करते हैं। यानी इस पीले रंग से त्वचा और भी निखर जाएगी। आप चाहें तो हल्दी को बेसन की जगह मुल्तानी मिट्टी या टेल्कम पाउडर में भी मिला सकते हैं। गीले रंग के लिए आप एक बड़ा चम्मच हल्दी को दो लीटर पानी में मिलाकर उबाल लें। इस घोल को थोड़ा गाढ़ा कर लेने पर यह बिल्कुल पक्का रंग हो जाएगा। चाहें तो गेंदे या अमलताश के फूल को पानी में उबालकर रात भर छोड़ दें और सुबह उससे होली खेलें।

* नारंगी रंग

एक चुटकी चन्दन पावडर को एक लीटर पानी में भिगो देने से नारंगी रंग बनता है। टेसू (पलाश) के फूलों को रातभर पानी में भिगो कर बहुत ही सुन्दर नारंगी रंग बनाया जा सकता है। कहते हैं भगवान श्रीकृष्ण भी टेसू के फूलों से होली खेलते थे। टेसू के फूलों के रंग को होली का पारम्परिक रंग माना जाता है। हरसिंगार के फूलों को पानी में भिगो कर भी नारंगी रंग बनाया जा सकता है।

* गुलाबी रंग

चुकंदर को आप गुलाबी रंग बनाने में बखूबी इस्तेमाल कर सकते हैं। एक चुकंदर को काटकर या पीसकर एक लीटर पानी में रात भर भिगोएं और सुबह इस घोल को अच्छे से उबालकर गाढ़ा कर लें। इसमें जरूरत अनुसार पानी मिलाकर इससे होली खेलें। कचनार के फूल को भी रात भर पानी में भिगोने से प्राकृतिक गुलाबी या केसरिया रंग तैयार किया जा सकता है।

* नीले रंग

नीले रंग के लिए नील के पौधों पर निकलने वाली फलियों को पीस लें और पानी में उबालकर मिला लें। इसीतरह नीले गुड़हल के फूलों को सुखाकर पीसने से भी आप नीला रंग तैयार कर सकते हैं।