घर में कपड़े प्रेस करना न केवल हमारी ड्रेसिंग को आकर्षक बनाता है, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ाता है। लेकिन अक्सर यह सवाल उठता है कि कपड़े प्रेस करने के लिए ड्राई आयरन बेहतर है या स्टीम आयरन। ड्राई आयरन पुराने समय से इस्तेमाल हो रहा है, जबकि स्टीम आयरन नई तकनीक के साथ बाजार में आया और तेजी से लोकप्रिय हुआ। दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं। अगर इनका सही इस्तेमाल न किया जाए, तो कपड़े जल भी सकते हैं या जल्दी खराब हो सकते हैं। आइए जानते हैं दोनों आयरनों के बीच अंतर और किससे कपड़े जल्दी खराब होते हैं।
# ड्राई आयरन: आसान और हल्काड्राई आयरन सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला आयरन है। इसका वजन हल्का होता है, इसे इस्तेमाल करना सरल है और यह किफायती भी है। इसमें पानी की टंकी नहीं होती और गर्म प्लेट की मदद से कपड़ों की सिलवटें हटाई जाती हैं।
सुझावित कपड़े: ड्राई आयरन नाजुक कपड़ों जैसे ऊन, सिल्क, पॉलिएस्टर और रेयान पर सबसे सुरक्षित माना जाता है।
ध्यान रखने वाली बात: अगर तापमान ज्यादा रखा जाए तो कपड़े जल सकते हैं।
ड्राई आयरन छोटे और नाजुक कपड़ों के लिए आदर्श है, क्योंकि इसमें अतिरिक्त नमी की आवश्यकता नहीं होती।
# स्टीम आयरन: आधुनिक तकनीक वाला विकल्पस्टीम आयरन आजकल लोगों की पहली पसंद बन चुका है। इसमें पानी की टंकी और भाप निकालने की सुविधा होती है, जिससे मोटे कपड़ों की सिलवटें भी आसानी से हटाई जा सकती हैं।
सुझावित कपड़े: कॉटन, लिनन, डेनिम, वेलवेट और मोटे कपड़ों के लिए उपयुक्त।
विशेषताएं: इसे वर्टिकल पोजीशन में भी इस्तेमाल किया जा सकता है, पर्दों और सूट्स पर भी काम आता है।
ध्यान रखने वाली बात: इसका वजन ड्राई आयरन से ज्यादा होता है और सही तरीके से साफ न किया जाए तो पानी लीक होने या मिनरल जमा होने की समस्या हो सकती है।
स्टीम आयरन भारी और मोटे कपड़ों के लिए अधिक उपयुक्त है, लेकिन इसका सही रखरखाव जरूरी है।
# कौन सा आयरन किस कपड़े के लिए सहीड्राई आयरन: नाजुक कपड़े जैसे ऊन, सिल्क, नायलॉन, रेयान, लेस और पॉलिएस्टर।
स्टीम आयरन: मोटे और भारी कपड़े जैसे कॉटन, लिनन, डेनिम, वेलवेट।
सारांश यह है कि मोटे कपड़ों के लिए स्टीम आयरन बेहतर है, जबकि नाजुक कपड़ों के लिए ड्राई आयरन ही सबसे सुरक्षित विकल्प है। सही आयरन का चुनाव कर आप अपने कपड़ों की उम्र बढ़ा सकते हैं और उन्हें जल्दी खराब होने से बचा सकते हैं।