वाशिंग मशीन खरीदते समय रखें इन 5 बातों का ध्यान, बचेंगे बड़ी उलझन से

वॉशिंग मशीन आपके कपड़ों को आसानी से साफ़ करती है। आज के दौर में ये हर घर के लिए अनिवार्य सी हो गयी है। क्योकि इससे समय की बचत होती है। कामकाजी महिलाओं के लिए वाशिंग मशीन बहुत उपयोगी है। अगर आप भी अपने घर के वाशिंग मशीन खरीदने जा रहे हैं तो पहले वाशिंग मशीन के विभिन्न प्रकार और उसके हर पार्ट्स की जानकारी होना बहुत जरूरी है, वरना आप आरपीएम, ऑटोमेटिक और सेमी ऑटोमेटिक जैसे शब्दों में उलझ जाएंगे। बदलती तकनीक में इसी को देखते हुए वाशिंग मशीन भी अधिक एडवांस्ड आने लगी हैं। अगर इसलिए आप पहली बार नई वॉशिंग मशीन ख़रीद रहे हैं,तो आपको इन 5 बातों को ध्यान में ऱखकर मशीन ख़रीदनी चाहिए।

फ्रंट-लोडिंग और टॉप-लोडिंग मशीन

फ्रंट-लोडिंग और टॉप-लोडिंग मशीन दोनों अपने आप में अलग होती है। फ्रंट-लोडिंग मशीन टॉप-लोडिंग मशीन से कम जगह लेती है। साथ ही,अगर आपके घर में पानी का बहाव तेज़ है, तो फ्रंड-लोडिंग मशीन ख़रीदें, अगर पानी का बहाव कम है, तो टॉप-लोडिंग मशीन ख़रीदें।

फुली या सेमी ऑटोमेटिक

तकनीक के आधार पर वाशिंग मशीन दो प्रकार की होती है, फुली ऑटोमेटिक या सेमी ऑटोमेटिक। जब भी आप इसे खरीदें, तो पहले अपनी आवश्यकताओं को समझें, फिर निर्णय लें। फुली ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन कपड़े अंदर डालने के बाद स्वतः धोती एवं सुखाती है। लेकिन, सेमी ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन में आपको टब में कपड़े निकाल ड्रायर में डालने होते हैं। यह फुली ऑटोमेटिक से सस्ती होती है।

रेटिंग

वॉशिंग मशीन ख़रीदते समय उसकी रेटिंग पर भी ध्यान दें। वॉशिंग मशीन की रेटिंग में जितने ज़्यादा स्टार्स होंगे उतनी ज़्यादा बिजली की बचत होगी। इसलिए रेटिंग को ध्यान में रखकर ही वॉशिंग मशीन ख़रीदें।

आरपीएम


वाशिंग मशीन में कपड़े सुखाने के लिए स्पिन चक्र को प्रति मिनट आरपीएम (रिवोल्यूशन पर मिनट) के रूप में मापा जाता है। आरपीएम जितना अधिक होगा, उतनी ही जल्दी यह आपके कपड़े को सुखाएगी। हालांकि, यह कपड़ों के प्रकारों पर निर्भर करेगा। नाजुक कपड़े के लिए, स्पिन चक्र 300-500 आरपीएम है, जबकि जींस के लिए लगभग 1,000 आरपीएम है।

बजट

वॉशिंग मशीन ख़रीदते वक़्त बजट को ध्यान में रखें। टॉप-लोडिंग वॉशिंग मशीन की क़ीमत फ्रंट-लोडिंग वॉशिंग मशीन से कम होती है। साथ ही, दोनों तरह की मशीनों की क़ीमत उनके फ़ीचर्स के मुताबिक कम या ज़्यादा होती है। इसलिए, बजट के साथ फ़ीचर्स पर भी ध्यान दें।