10 दिनों गणेश चतुर्थी का पर्व अपने समापन की और है। 23 सिंतबर को गणपति जी को पानी में विसर्जित किया जाने वाला है। शास्त्रों के अनुसार विसर्जन करने का मतलब पानी में विलीन होना है। इसके चलते लोगो में मान्यता है कि गणेश जी का विसर्जन नदी या तालाब में ही किया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नही है आप गणेश जी को घर पर भी विधिवत तरीके से गणेश विसर्जन कर सकते है। इसलिए आज हम आपको घर पर ही विसर्जन के कुछ तरीके बताने जा रहे हैं... * गमले के विसर्जन
विसर्जन से पहले भगवान गजानन की विधिवत पूजा अर्चना करें। इसके बाद एक नए बड़े गमले में पानी भरकर गणेश जी को उसमें बैठाएं। जिससे गणेश जी की प्रतिमा उस पानी में धीरे-धीरे गल जाएगी। इसके बाद उस गमले को अलग से मिट्टी डालकर उसे किसी पौधे आदि को लगाने में इस्तेमाल किया जा सकता है। इस दौरान एक बात याद रखें कि गणेश जी के विसर्जन वाली मिटटी में तुलसी का पौधा कभी न लगाएं। गणेश जी पर तुलसी वर्जित है।
* टब या बर्तन में करे विसर्जन
घर पर बड़े टब या बर्तन में गणेश जी को विसर्जित कर सकते हैं। गणेश जी के विसर्जन से पहले विधिवत पूजा के बाद एक बड़े टब में जल लेकर उसमें गणेश जी को बैठा दें। इन्हें तब तक बैठा रहने दें जब तक जल में पूरी तरह से मिल न जाएं। इसके बाद उस जल को किसी पार्क या पौधे में डाल दें।