इन घरेलू चीजों से करें पेस्ट कण्ट्रोल, बचेंगे बिमारियों से

कोरोना के कहर के बीच घर को साफ़-सुथरा रखने पर बार-बार जोर दिया जा रहा है। ऐसे में लॉकडाउन के चलते आप बाहर जाकर पेस्ट कण्ट्रोल की चीजें नहीं ला सकते। तो हम आपको बतायेगे कैसे आप घर की चीजों से घर में आने वाले कॉकरोच, मच्छर, चींटियों, कीड़े-मकौड़ों, छिपकली को भगा सकते हैं साथ ही घर को हाईजिनिक भी रख सकते हैं।

मच्छर भगाने के ईज़ी टिप्स

सरसों के तेल में अजवायन पाउडर मिलाकर इसमें कपड़े के टुकड़ों को भिगोकर कमरे में ऊंचाई पर रख दें। मच्छर पास भी नहीं आएंगे। मच्छर भगानेवाली रिफिल में लिक्विड ख़त्म हो जाने पर उसमें नींबू का रस और नीलगिरी का तेल भरकर लगाएं। इसे हाथ-पैरों पर भी लगा सकते हैं। पुदीने के पत्तों के रस का छिड़काव करने से भी मच्छर दूर भागते हैं। इसे शरीर पर भी लगाया जा सकता है।

कॉकरोच से कैसे पाएं छुटकारा

जहां भी आपको कॉकरोच नज़र आएं, वहां लौंग रख दें। इसकी गंध से कॉकरोच भाग जाएंगे। खीरे की स्लाइस रखने से भी कॉकरोच भाग जाते हैं। तेजपत्ते को मसलकर कमरे के कोनों में रख दें। कॉकरोच कभी आसपास भी नज़र नहीं आएंगे। लहसुन की गंध से भी कॉकरोच भागते हैं। जहां कॉकरोच ज़्यादा दिखाई दें, वहां लहसुन रख दें। बोरेक्स और शक्कर को 3: 1 अनुपात में मिलाएं। रात में इस मिश्रण को घरभर में छिड़क दें। कुछ दिनों बाद इस प्रक्रिया को दोहराएं। इससे सारे कॉकरोच मर जाएंगे।

बोरिक ऐसिड

100 ग्राम बोरिक ऐसिड का पैकेट लें। उस को थोड़े गेहूं के आटे के साथ मिला लें। बाद में 2 चम्मच चीनी अच्छी तरह से मिलाएं। उस की लंबी लोई बनाएं और सिंक के नीचे दरारों और नालियों के पास जहां भी कौकरोच, चींटियां आप को दिखें, वहां डाल दें। इस का कोई साइडइफैक्ट नहीं है। इसे कौकरोच खाते ही मर जाते हैं। यदि घर में छोटा बच्चा, दमे का रोगी या प्रैग्नैंट महिला हो, तब भी यह नुसखा आप अपना सकती हैं।

इन बातों का रखें ख़्याल

पानी के निकासवाली सभी जगहों पर जाली लगाएं। फल-सब्ज़ी के छिलकों को ज़्यादा समय तक घर में न रहने दें। कॉकरोचों की संख्या बढ़ने से पहले ही ज़रूरी कदम उठाएं।बाथरूम में कीड़ेमकोड़े अधिक होते हैं। वहां कैरोसिन का स्प्रे करें।चूहों से बचने के लिए ‘रैट ग्लू बोर्ड’ या पिंजरे का इस्तेमाल करें। मक्खियों से बचने के लिए आसपास के जमे हुए पानी में कैरोसिन का छिड़काव करें। गमलों के नीचे जमे पानी को 1 सप्ताह से अधिक न रखें। ड्रम के पानी को 2-3 दिन तक ही प्रयोग करें या फिर उसे निकाल दें।