आजकल देखा जा रहा है कि घरों में बच्चों का रूम उनके अनुसार सजाया जाता है और उसी अनुरूप तैयार करवाया जाता हैं। बच्चों के कमरे बेहद आकर्षक और सुन्दर होने के साथ ही सुरक्षित भी होने चाहिए। जी हाँ, बच्चे अपने कमरे में अकेले अपना समय बिताते हैं, ऐसे में जरूरी है कि बच्चों के कमरे में सुरक्षा से जुड़े सभी इंतजाम किए जाए और उनका ध्यान रखा जाए। आज हम आपको कुछ ऐसे ही टिप्स बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से बच्चों का कमरा सुंदरता के साथ सुरक्षा के मामले में भी बेहतर साबित होगा। तो आइये जानते है इन सावधानियों के बारे में।
- बेड़ से सटी हुई दीवार पर कभी भी कोई भारी पेंटिग या फिर शीशा न लगाएं वरना बच्चे को खतरा हो सकता है।
- बच्चों को बिजली के समान बहुत प्रिय होते हैं इसलिए रूम में बिजली का स्विच ऊपर की तरफ रखें और अगर नीचे है तो उसको कवर से ढंक कर ही रखें।
- रुम में जितने भी लैंप या बिजली के तार हों उनको जितना हो सके उतना ऊपर लगाएं। तार शॉक प्रूफ ही चुने और अगर तार दीवार के अंदर से लगाया जा सके तो उसे अंदर ही फिक्स करवाएं।
- कमरे की खिड़की में जाल या ग्रिल्ल लगवाएं जिससे बच्चे बाहर न निकल सकें।
- बच्चा अगर बहुत छोटा हो तो उसके कमरे में भूल कर भी पिन, सूई, चाकू, माचिस या कैंची न रखें। कुछ बच्चे शैतानी करते वक्त इन सब चीजों में बड़ी रुची लेते हैं, इसलिए छोट पहुंचाने वाली वस्तुओं को उनसे दूर ही रखें।
- बच्चे के कमरे में एक स्मोक अलार्म भी जरुर फिक्स करवाएं और साथ ही उसे समय समय पर चेक भी करती रहा करें, जिससे पता चले की वह सही प्रकार से काम कर रहा है या नहीं।
- बच्चा अगर बहुत छोटा है तो उसकी किताबें और कपड़े उसकी लंबाई के हिसाब वाली अलमारियों में ही रखें। अगर ज्यादा ऊचाईं पर किताबें वगैरह रखी जाएगीं तो बच्चे को उन तक पहुंचने में मेहनत करनी पड़ेगी और हो सकता है कि उसको चोट भी लग जाए।
- कमरे का फर्नीचर मजबूत होना चहिये इसके अलावा बेड या टेबल का किनारा बिल्कुल भी धारदार नहीं होना चाहिये।
- कमरे को ज्यादा फैशनेबुन न बनाएं, यह जितना सिंपल रहेगा उसमें उतना ही साधारण समान लगेगा। जहां-जहां हो सके शीशे का प्रयोग न कर के प्लास्टिक का ही प्रयोग करें तो ज्यादा बेहतर रहेगा।
- बच्चों की आदत होती है कि वह जमीन में पड़ी किसी भी चीज को मुंह में डाल लेते हैं, इसलिए हमेशा कमरे की सफाई करती रहा करें।