कोरोना कहर कम होते ही लें दक्षिण भारत की इन 5 जगहों पर घूमने का आनंद

देशभर में बढ़ता कोरोना संक्रमण चिंता बढ़ा रहा हैं और यह लोगों में मानसिक तनाव पैदा कर रहा हैं। इस मानसिक तनाव को कम करने के लिए लोग बाहर घूमने जाना चाहते हैं। हांलाकि यह घूमने का उचित समय नहीं हैं और जाएं तो सुरक्षा के साथ। ऐसे में आज इस कड़ी में हम आपके लिए दक्षिण भारत की कुछ बेहतरीन जगहों की जानकारी लेकर आए हैं जिनकी सुंदरता और एकांत आपके कोरोना तनाव को कम करने का काम करेंगे। कोरोना कहर कम होते ही आप इन जगहों पर घूमने का आनंद ले सकते हैं। आप इन जगहों पर कम पैसे में घूम सकते हैं। तो आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में।

मदुरई

दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु में मदुरई दूसरा सबसे बड़ा शहर है। वैगई नदी के किनारे स्थित मंदिरों का यह शहर सबसे पुराने शहरों में एक है। शहर के उत्तर में सिरुमलाई पहाड़ियां स्थित हैं और दक्षिण में नागामलाई पहाड़ियां हैं। मदुरई शहर विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों की उपस्थिति के लिए जाना जाता है। विभिन्न धर्मों के अवशेष इसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान बनाते हैं। मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर, गोरिपलायम दरगाह और सेंट मेरीज़ कैथेड्रल यहां के प्रमुख प्रसिद्ध धार्मिक स्थान है। गांधी म्यूज़ियम (संग्रहालय), कूडल अल्ज़गर मंदिर, कज़ीमार मस्जिद, तिरुमलाई नयक्कर पैलेस, वंदीयुर मारियाम्मन तेप्पाकुलम, तिरुपरंकुन्द्रम, पज्हामुदिरचोलाई, अलगर कोविल, वैगई बाँध और अथिसायम थीम पार्क की सैर अवश्य करनी चाहिए।

गोकर्ण

गोकर्ण एक तीर्थ स्थल है जो कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में स्थित है। यह स्थान पर्यटकों के बीच अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहां दो नदियां अग्निशिनि और गंगावली के संगम पर स्थित है। यह स्थान नदियों के ऐसे क्षेत्र में बसा है जो देखने में गाय के कान के रूप जैसा लगता है। इसी कारण इसे गौकर्ण के नाम से जाना जाता है। यहां महाबलेश्वर शिव मंदिर प्रमुख तीर्थ स्थल है जो यहां आने वाले सभी पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केन्द्र है। इस मंदिर में तमिल के प्रमुख कवियों अप्पार और सामबंदार की लिखी हुई कविताएं अंकित हैं जो भगवान तुलु नादु को समर्पित है।

कोडैकनाल

कोडैकनाल पश्चिमी घाट में पलानी पहाड़ियों पर स्थित एक सुंदर हिल स्टेशन है। ये शहर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और लोकप्रियता के कारण हिल स्टेशनों की राजकुमारी के रूप में प्रसिद्ध है। तमिलनाडु के डिंडागुल जिले में स्थित शहर समुद्र तल से 2133 मीटर की ऊंचाई पर एक पठार के ऊपर है। कोडैकनाल के उत्तर में पहाड़ी है, जो विलपट्टी गांव और पालंगी गांव तक नीचे आती है। पूर्व में, पहाड़ियां लोअर पलानी हिल्स तक आती हैं। कोडैकनाल के दक्षिण में कम्बम घाटी है और पश्चिम में पठार है, जो मंजमपट्टी घाटी और अनामलई हिल्स तक जाता है। छुट्टी मनाने के लिये कोडैकनाल आज सबसे प्रसिद्ध गंतव्यों में से एक है। यह हनीमून जोड़ों का पसंदीदा स्पॉट है। वृक्षों के अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य के साथ घने जंगल के बीच स्थित, चट्टानों और झरनों को देखना हो तो यहां जरूर जायें।

कुमाराकोम

कुमाराकोम केरल में स्थित सुंदर द्वीपों का झुंड है। यह केरल का सबसे अधिक लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में एक है। केरल की सबसे बड़ी ताजे पानी की झील, वेम्बानाड झील के तट पर बसा कुमारकोम अपने प्राचीन और मोहक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहां दुनिया भर से पर्यटक घूमने आते हैं। यह स्थान कोट्टयम जिले से करीब 16 किमी दूर स्थित है। कुमारकोम में केरल का सबसे प्रसिद्ध पक्षी अभ्यारण्य भी है। यह अभयारण्य प्रवासी पक्षियों की विविधता का घर है और साइबेरियाई क्रेन को यहां अक्सर देखा जा सकता है। इसके अलावा, यह क्षेत्र समुद्री मछली की प्रजातियों के लिये भी जाना जाता है। यहां वेम्बनाड झील, अरुविक्कुझी झरना, कुमारकोम जलभराव, कुमारकोम समुद्रतट विशेष पर्टन स्थल हैं।

कोवलम

कोवलम, केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के पास समुद्र के तट पर स्थित एक शहर है। तिरुवनंतपुरम से आपको इस मनोहारी समुद्र तट तक पहुंचने के लिए 16 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। कोवलम में तीन मुख्य बीच हैं, और इन बीचों पर जाने का सबसे सही समय, सुबह भोर में या देर शाम को है, क्योंकि इस समय आप उगते हुए या ढलते हुए सूरज का खूबसूरत दृश्य देख सकते हैं। इस नजारे को देखकर आप खुश हो जाएंगे। ये तीनों बीच एक दूसरे के आजू-बाजू स्थित हैं और साथ-साथ चलते हैं और समुद्र के तट का लगभग 17 किलोमीटर का क्षेत्र कवर करते हैं।