प्राकृतिक सुंदरता में मसूरी को भी मात देते हैं ये दो हिल स्टेशन, मौका मिलते ही बना ले घूमने का प्रोग्राम

मसूरी को हिल्स की रानी कहा जाता है। इसकी सुंदरता, ठंडी जलवायु और दिलकश नजारों के कारण यह भारत के सबसे प्रसिद्ध हिल स्टेशनों में से एक है। मसूरी में सालभर देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। देहरादून के करीब होने के कारण यह दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य शहरों से एक आसान और लोकप्रिय गंतव्य है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उत्तराखंड में कुछ ऐसे स्थान भी हैं जो प्राकृतिक सुंदरता में मसूरी को भी मात देते हैं? आज हम आपको मसूरी से भी अधिक सुंदर दो हिल स्टेशनों के बारे में बताएंगे: पिथौरागढ़ और बिनसर।

पिथौरागढ़: कुमाऊं का गर्व

पिथौरागढ़ को कुमाऊं का गर्व कहा जाता है। यह उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में स्थित एक बेहद आकर्षक और शांत हिल स्टेशन है। यह समुद्र तल से लगभग 2010 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यहां की प्राकृतिक सुंदरता मनमोहक है। पिथौरागढ़ में आने वाले पर्यटक यहां के मनोरम दृश्यों, ऐतिहासिक स्थलों और आध्यात्मिक स्थानों का आनंद ले सकते हैं।

हिमालय की झलक:

पिथौरागढ़ से नंदा देवी, नंदा कोट और पंचाचूली की बर्फीली चोटियों का शानदार नजारा दिखता है। पंचाचूली, जो पांच पर्वत चोटियों का समूह है, हिमालय के सबसे शानदार स्थलों में से एक है। सुबह की पहली किरणों में इन पहाड़ों का सुनहरा रंग एक जादुई अनुभव देता है। यह स्थान खासतौर पर ट्रेकिंग और पर्वतारोहण प्रेमियों के बीच लोकप्रिय है।

बेरीनाग:

पिथौरागढ़ जिले में स्थित यह एक छोटा लेकिन बेहद खूबसूरत हिल गांव है। यहां की हरियाली, चाय बागान और शांत वातावरण इसे एक अद्भुत पर्यटन स्थल बनाते हैं। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य हर मौसम में अलग रूप लेकर पर्यटकों को मंत्रमुग्ध करता है।

गंगोलीहाट:

यह स्थान हाट कालिका मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर मां काली को समर्पित है और इसे आदिगुरु शंकराचार्य ने स्थापित किया था। यहां की आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को शांति और आनंद प्रदान करती है। साथ ही, गंगोलीहाट में भूमिगत गुफाएं और प्राचीन मंदिरों का भी अन्वेषण किया जा सकता है।

मुंसियारी:

पिथौरागढ़ जिले का यह स्थान प्रकृति प्रेमियों और साहसिक गतिविधियों के शौकीनों के लिए स्वर्ग है। मुंसियारी से पंचाचूली की चोटियां और हरे-भरे घाटियों के दृश्य अद्भुत हैं। यह स्थान हिमालय की तलहटी में स्थित है और यहां से आप ट्रेकिंग, बर्ड वॉचिंग और फोटोग्राफी का आनंद ले सकते हैं। मुंसियारी के स्थानीय बाजार और यहां के पारंपरिक व्यंजन भी आपकी यात्रा को खास बनाएंगे।

पिथौरागढ़ कैसे पहुंचें

निकटतम हवाई अड्डा: पंतनगर (250 किमी)
निकटतम रेलवे स्टेशन: काठगोदाम (210 किमी)
सड़क मार्ग: दिल्ली, हल्द्वानी और देहरादून से बस या टैक्सी की सुविधा।

बिनसर: अल्मोड़ा का प्राकृतिक रत्न

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित बिनसर हिल स्टेशन अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। यह हिल स्टेशन समुद्र तल से 2420 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां का वातावरण इतना शांतिपूर्ण है कि आप प्रकृति की हर ध्वनि को महसूस कर सकते हैं।

बिनसर वन्यजीव अभयारण्य:

यह अभयारण्य बिनसर का सबसे प्रमुख आकर्षण है। यह घने देवदार और बांज के जंगलों से घिरा हुआ है और यहां कई प्रकार की वनस्पतियां और जीव-जंतु पाए जाते हैं। पक्षी प्रेमियों के लिए यह स्थान किसी स्वर्ग से कम नहीं है। आप यहां से हिमालय की बर्फीली चोटियों का मनोरम दृश्य देख सकते हैं।

जीरो प्वाइंट:

यह बिनसर का सबसे ऊंचा स्थान है, जहां से हिमालय की चोटियों का शानदार दृश्य मिलता है। जीरो प्वाइंट से आप केदारनाथ, त्रिशूल और नंदा देवी जैसी चोटियों का विहंगम दृश्य देख सकते हैं। यहां सूर्योदय और सूर्यास्त का अनुभव बेहद रोमांचक और यादगार होता है।

बिनसर महादेव मंदिर:

यह पवित्र मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर के आसपास का क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है। यहां का शांत और आध्यात्मिक वातावरण पर्यटकों को मानसिक शांति प्रदान करता है।

कसर देवी मंदिर:

यह मंदिर अपने अद्वितीय आध्यात्मिक ऊर्जा क्षेत्र के लिए जाना जाता है। माना जाता है कि यहां का वातावरण ध्यान और आत्मनिरीक्षण के लिए आदर्श है। यह मंदिर 2,000 वर्षों से अधिक पुराना है और यह स्थान ट्रेकिंग और योग प्रेमियों के बीच भी लोकप्रिय है।

बिनसर कैसे पहुंचें

निकटतम हवाई अड्डा: पंतनगर (140 किमी)
निकटतम रेलवे स्टेशन: काठगोदाम (120 किमी)
सड़क मार्ग: अल्मोड़ा से 25 किमी की दूरी पर। यहां के लिए स्थानीय टैक्सी उपलब्ध हैं।

पिथौरागढ़ और बिनसर क्यों चुनें?

अगर आप भीड़भाड़ वाले पर्यटन स्थलों से हटकर प्रकृति की गोद में शांति और सुंदरता का आनंद लेना चाहते हैं, तो पिथौरागढ़ और बिनसर आपके लिए परफेक्ट विकल्प हैं। ये दोनों स्थान न केवल प्राकृतिक दृष्टि से सुंदर हैं, बल्कि यहां का स्थानीय खानपान, संस्कृति और शांत वातावरण आपकी यात्रा को यादगार बनाएंगे। यहां की सरल जीवनशैली और मेहमाननवाजी आपके दिल को छू जाएगी।