गर्मियों की छुट्टियां अपनी समाप्ति की ओर हैं और इनके खत्म होने से पहले सभी घूम-फिरकर इन छुट्टियों का आनंद लेना चाहते हैं। वैसे तो घूमने फिरने की खूब जगह हैं। लेकिन गर्मियों के दिनों में घूमने के लिए पहाड़ों से बेहतर शायद ही कुछ हो। इसके लिए देश में सबसे बेहतरीन जगह हैं उत्तराखंड जहां की वादियों के नजारे देख आप भी इसे जन्नत कहेंगे। उत्त राखंड की हर जगह स्वेर्ग का अहसास दिलाती है। सूर्य की किरणें जब यहाँ की पर्वतों की श्रंखला पर पड़ती हैं तो उसकी चमक देखते ही बनती है। यहां बर्फ से खेलने का आनंद कुछ और ही है। यहां आज भी ऐसे कई ऑफबीट डेस्टिनेशन हैं जिन्हें बहुत कम लोग जानते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उत्तराखंड की कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां घूमना आपके लिए एक अविस्मर्णीय याद बन जाएगा। आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में...
पौरा उत्तपराखंड के दशर्नीय स्थबलों में से एक है नैनीताल का पौरा गांव। प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर यह गांव समुद्रतल से 6600 फीट ऊंचाई पर स्थित है। चूंकि यह एक ऑफबीट डेस्टिनेशन है, इसलिए यह गांव चमकता रहता है। कई लोग नहीं जानते लेकिन पौरा गांव को उत्तराखंड का फलों का कटोरा कहते हैं। यहां आलूबुखारा, सेव और आड़ू काफी मात्रा में पाए जाते हैं। आप इस गांव के सुंदर और रोमांचकारी ट्रेक का अनुभव ले सकते हैं। यहां कोई बाजार नहीं है, लेकिन आप यहां से हर्बल फेस पैक, मसाले, कम कीमत पर खरीद के ले जा सकते हैं।
दयारा बुग्यालदयारा बुग्याल उत्तरकाशी में समुद्री तल 3048 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। उत्तरकाशी-गंगोत्री मार्ग पर स्थित भट्वारी नामक स्थान से इस खूबसूरत घास के मैदान के लिए रास्ता कटता है। दयारा बुग्याल पहुचने के लिए यात्रियों को बरसू गांवसे ट्रैकिंग द्वारा लगभग 8 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। सर्दियों के दौरान पर्यटक लगभग 28 वर्ग किमी में फैले इस क्षेत्र में ढलानों पर स्कीइंग का आनंद ले सकते हैं। यह जगह भी हिमालय का शानदार दृश्य प्रस्तुत करती है।
चौकोरीउत्तराखंड में पिथौरागढ़ जिले में स्थित हिल स्टेशन अपने व्यस्त जीवन से कुछ समय शांति का बिताने के लिए बिल्कुल उचित स्थान है। प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर इस स्थान पर आप हरे-भरे घास के मैदान में घूम सकते हैं। खूबसूरत चाय के बागान की यात्रा कर सकते हैं। ट्रैकिंग कैंपिंग और सोलो ट्रैवलिंग जैसी गतिविधियों का आनंद उठा सकते हैं। इन सबके अतिरिक्त पाताल भुवनेश्वरी, नकुलेश्वर मंदिर, मुस्तमानु मंदिर, हरिनाग मंदिर, घुंसेरा देवी मंदिर, अर्जुनेश्वर शिव मंदिर, कलिनाग, कपिलेश्वर, महादेव मंदिर और चिनेश्वर जलप्रपात जैसे यहां की कुछ प्रमुख स्थानों को भी विजिट कर सकता है।
कसार देवी स्थानदिल्ली से काठगोदाम, अल्मोड़ा होते हुए कसार देवी पहुंचा जा सकता है। यह एक ऐसी जगह है जहां प्रकृति की सुंदरता देखने के साथ-साथ मन को शांति और सुकून भी मिलता है। कसारदेवी शक्तिपीठ उत्तराखंड के अल्मोड़ा में स्थित है। अल्मोड़ा से कुल 8 किमी की दूरी पर स्थित यह स्थान अद्वितीय शक्ति का केंद्र है। यहां तक कि नासा के वैज्ञानिक भी स्पेस चार्ज से हैरान हैं और रिसर्च कर रहे हैं। मन की अनूठी शांति के कारण देश-विदेश से लोग यहां आते हैं। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां देवी ने स्वयं अवतार लिया था। इस मंदिर में हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन एक विशाल मेला लगता है, जिसमें हजारों लोग शामिल होते हैं।
चोपता उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में चोपता एक छोटा मगर खूबसूरत हिल स्टेशन है। अल्पाइन घास के मैदानों और सदाबहार वनों से घिरा चोपता, लोगों को बहुत पसंद आता है। यहां पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले हरिद्वार या ऋषिकेश पहुँचना होगा। फिर वहां से आपको चोपता (मिनी स्विट्जरलैंड) के लिए बस मिल जाएगी। गोपेश्वर से चोपता की दूरी केवल 43 किलोमीटर है। चोपता ट्रेकर्स के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। केदारनाथ वन्यजीव अभ्यारण्य का हिस्सा होने की वजह से चोपता में कई तरह के वन्यजीवों की दुर्लभ प्रजातियां भी मिलती हैं, जिसमें कस्तूरी मृग और उत्तराखंड के राज्य पक्षी, मोनाल का नाम भी शामिल है।
डीडीहाट अनछुई खूबसूरती और शांत वातावरण के लिए उत्तराखंड के इस हिल स्टे शन को काफी पसंद किया जाता है। बहुत कम लोगों को इसके बारे में जानते हैं, इसलिए यहां न तो ज्या दा भीड रहती है और न ही ज्या दा गंदगी। घने जंगल, ऊंचे पहाड़ घास के मैदान, नदी और ग्लेशियर से घिरा यह हिल स्टेवशन वीकेंड में घूमने के लिए किसी जन्ननत से कम नहीं है। यहां आप अस्कोोट सेंचुरी का टूर करने के अलावा हाइकिंग ओर कैंपिंग का मजा भी ले सकते हैं।
वैली ऑफ फ्लावर्सउत्तराखंड के हिमालय क्षेत्र में स्थित वैली ऑफ फ्लावर्स को 'फूलों की घाटी' कहा जाता है। यह भारत का राष्ट्रीय उद्यान है। नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान सम्मिलित रूप से विश्व धरोहर स्थल घोषित है। समुद्र तल से 3962 मीटर की ऊंचाई पर यह घाटी 87 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है। हिमालयी नीली पॉपी, दुर्लभ ब्रह्म कमल, ऑरेंज पॉनीटेला, अस्ट्रालागस और रोज़ा जैसे तीन सौ से भी ज़्यादा फूल, फूलों की घाटी में अपनी छटा बिखेर रहे हैं।
मुनस्यारीछोटे कश्मीर के नाम से प्रख्यात उत्तराखंड का यह हिल स्टेशन उत्तराखंड के विभिन्न घूमने लायक हिल स्टेशन की सूची में प्रमुख स्थान रखता है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता के कारण यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। यदि आप प्रकृति प्रेमी है, तो आपको निश्चित ही उत्तराखंड के इस स्टेशन को विजिट करना चाहिए। अपने परिवार, फ्रेंड या कपल के साथ घूमने जाने के लिए या पिकनिक मनाने के लिए यह काफी उत्तम स्थान है। यहां पर पंचाचूली चोटी, बिरथी फाल, नंदा देवी मंदिर, थमरी कुण्ड, माहेश्वरी कुण्ड, कालामुनी मंदिर, आदिवासी विरासत संग्रहालय, बैतूली धार और गोरी गंगा नदी जैसे प्रमुख पर्यटक स्थल भी है जिसे आप विजिट कर सकते हैं।इसके अतिरिक्त यहां पर आप ट्रैकिंग और कैंपिंग का भी लुप्त उठा सकते हैं। यहा सुंदर वादियों की तस्वीरें ले सकते हैं।
शीतलाखेतउत्तराखण्ड के कुमाऊं मंडल के खूबसूरत हिल स्टेशनों में एक शीतलाखेत भी है। एक पर्यटक स्थल के रूप में शीतलाखेत बहुत ज्यादा लोकप्रिय नहीं है, लेकिन प्रकृति के पास रहने के इच्छुक सैलानियों की यह पसंदीदा जगह है। शीतलाखेत अल्मोड़ा से 32 किलोमीटर की दूरी पर है। यह अपने प्राकृतिक सौंदर्य और हिमालय की चोटियों के दृश्य के लिए जाना जाता है। यहां से हिमालय की बहुत विस्तृत श्रृंखला करीब ही दिखाई पड़ती है। यह चारों ओर से लगभग 1800 हेक्टेयर वन क्षेत्र से घिरा हुआ है। शीतलाखेत, कुमाऊँ की उन जगहों में से एक है, जहां बेहद घना जंगल मौजूद है।
लोहाघाट उततराखंड का असली हीरा अगर किसी को कहा जाए, तो वो है लोहाघाट। इस मौसम में पहाड़ों पर जाने के लिए यह बहुत साफ और सुंदर जगह है। राफ्टिंग और एडवेंचर स्पो,टर्स के शौकीनों के लिए तो यह परफेक्टप डेस्टिनेशन है। गर्मी के मौसम में लोहाघाट का नजारा देखने लायक होता है। इस मौसम में यह जगह बुरांस के फूलों से भरी रहती है। लोहाघाट के पास पंचेश्वजर, बाणासुर का किला, मायावती आश्रम घूमने वाली अच्छीं जगह हैं।