सऊदी अरब देता हैं पर्यटन का रोमांच, जरूर करें इन 5 जगहों की सैर

सऊदी अरब अपने यहां के कानूनों में बदलाव की दिशा में आगे बढ़ रहा है। कानूनों में ढील दिए जाने से वहां के नागरिकों की जिंदगी में तो बदलाव और आसानी हो ही रही है, साथ ही पर्यटकों के लिहाज से भी यह फायदेमंद है। उदाहरण के तौर पर सऊदी महिलाओं को ड्राइविंग की अनुमति दे चुका है। हाल ही में सऊदी ने विदेशी कपल्स को शादी का प्रूफ दिए बिना होटल रूम शेयर करने की इजाजत दी है। इसके अलावा कोई महिला भी अब अकेले होटल रूम लेकर रह सकेगी। इन कदमों के जरिए सऊदी अरब पर्यटकों को आकर्षित करना चाहता है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन बदलावों के बाद अगर आप सऊदी अरब जाने की सोच रहे हैं तो इन 5 जगहों पर जाना न भूलें।

अल उला के खंडहर

अल उला के खंडहर सऊदी अरब के उत्तर पश्चिम में हैं। इसे सऊदी की बेस्ट नोन डेस्टिनेशन कहा जाता है। यहां कई प्राचीन राज्यों के अवशेष हैं। इनमें से सबसे मशहूर खंडहर मादा इन सालेह है। इसमें 2000 साल पुराने नैबेतियन मकबरों के समूह हैं।

सऊदी अरब का मालदीव्स

ये आयलैंड उमलुज और अल वाज टाउन्स के करीब रेड सी पर हैं। इनके इर्द गिर्द रेड सी का फिरोजी पानी और कोरल रीफ इन्हें खूबसूरती देते हैं। सर्दियों में यहां डॉलफिन्स भी देखी जा सकती हैं।

लैंड ऑफ द फ्यूचर

सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान उत्तरी पश्चिमी कोने को 500 अरब डॉलर के फ्यूचरिस्टिक मेगा प्रॉजेक्ट 'नियोम' में बदलना चाहते हैं। यह इलाका ताबुक क्षेत्र का हिस्सा है और नेचुरल वंडर्स से भरा पड़ा है। यहां की प्रमुख जगहों में वादी तायिब इस्म घाटी है जो दो चट्टानों के बीच है। स्थानीय निवासियों का मानना है कि इजिप्ट से सागर पार करने के बाद हजरत मूसा यहीं उतरे थे। यह इलाका रेड सी डाइविंग के लिए भी जाना जाता है।

पर्वतीय दक्षिण

सऊदी अरब के दक्षिण में स्थित असिर क्षेत्र एक पहाड़ी इलाका है और धूल भरी राजधानी रियाध से बेहद दूर है, लिहाजा काफी अलग है। यहां गर्मियों में होने वाली बारिश हरियाली लाती है। यहां की पॉपुलर एक्टिविटी में हाइकिंग और ऐतिहासिक गांव रिजाल अलमा का टूर शामिल है।

विदेशी नागरिकों के लिए बदले नियम

सऊदी कमिशन के टूरिज्म और नेशनल हेरिटेज और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के मुख्य सलाहकार, अहमद अल-खतीब के अनुसार सऊदी द्वारा 49 देशों के नागरिकों को ऑनलाइन टूरिस्ट वीजा आवेदन दिया जाएगा। जिसमें अमेरिका, यूरोपीय संघ के शेंगेन क्षेत्र, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, ब्रुनेई, मलेशिया, सिंगापुर, ताइवाइन आदि शामिल है। इस प्रक्रिया में पूरा 7 मिनट का समय लगेगा। पर्यटन वीजे का लागत 440 रियाल (117 डॉलह) होगी जो कि 1 साल तक के लिए लागू होगी। एक साल में देश में कई बार दाखिल होने के साथ ज्यादा से ज्यादा 90 दिने के लिए रुका जा सकता है। इतना ही नही अब लोगों को आवेदन करते समय अपने धर्म के बारे में बताने की भी जरुरत नही होगी।