सावन का मौसम होता है प्यार का, अपने पार्टनर के साथ करें इन जगहों की सैर

सावन का महीना अपने साथ प्यार की बौछार लेकर आता हैं जिसमें सभी अपने पार्टनर के साथ समय बिताना पसंद करते हैं। पार्टनर के साथ अकेले में समय बिताने का सबसे अच्चा आप्शन हैं घूमने के लिए जाना। ऐसे में सावन के महीने में घूमने के लिए उन जगहों का चुनाव किया जाना चाहिए जो बरसात के मौसम में अपने प्राकृतिक दृश्यों से माहौल को रोमांटिक बना दे और आपको एक-दूसरे के ओर भी करीब ले आए। इसलिए आज हम आपके लिए कुछ ऐसी ही जगहों की जानकारी लेकर आए हैं जहाँ बरसात के दिनों में घूमना आपको बहुत पसंद आएगा।

अराकू घाटी
अराकू घाटी घूमने के लिए हर कोई लालयित रहता है। हिल स्‍टेशन के रूप में जानी जाने वाली अराकू घाटी आंध्र प्रदेश के दक्षिण भारतीय राज्य में विशाखापट्टनम जिले स्‍थित है। पूर्वी घाट के खूबसूरत स्थलों के बीच स्थित खूबसूरत हिल स्टेशन पर घूमने के लिए हर उम्र के लोग आत हैं। यहां पर प्रकृति और संस्‍कृति का अनोखा संगम है।

महाबलेश्वर
भारत के खूबसूरत पर्यटनों में महाबलेश्वर की खूबसूरती मानसून में और भी दुगनी हो जाती है। सहयाद्री पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित महाबलेश्वरहर साल भारी बारिश होने की वहज से यह लोगों के बीच और भी ज्‍यादा पसंद किया जाता है।महाबलेश्वर की हरियाली से लबालब मनोरम दृश्‍य पर्यटकों के दिल को काफी सुकून देते हैं।

बेकल
बेकल एक छोटा शहर है जो अरब सागर के तटीय किनारों पर शांतिपूर्वक स्थित है। यह पल्लिकारे गाँव के भीतर है जो केरल के कासरगोड जिले के अंतर्गत आता है। बेकल का नाम ‘बलिअकुलम' से उत्पन्न हुआ है जिसका अर्थ है बड़ा महल। स्थानीय मिथकों के अनुसार भूतकाल में यहाँ एक महल स्थित था। बेकल एक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल है जिसमें कई मुख्य आकर्षण हैं। इस नगर की सुरम्य खूबसूरती उल्लेखनीय है जो संपूर्ण विश्व के पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है।

चिकमगलूर
दक्षिण भारत के खूबसूरत शहरों में से चिकमगलूर भी पर्यटकों को अपने मनमोहक परिदृश्यों के लिए आकर्षित करता है। यहां ऊँची चोटीपर स्थित हरी भरी कॉफी के खेत देखने में बहुत खूबसूरत लगते हैं। यहां भी बारिश काफी ज्‍यादा होती है। जिससे हरियाली का समागम काफी अच्‍छे से होता है।

चांदीपुर
भारत की खूबसूरत जगह चांदीपुर में भी घूमकर आप इस बार अपने मानसून को यादगार बना सकते हैं। चांदीपुर तट उड़ीसा राज्य के बालेश्वर शहर से 16 किमी की दूरी पर स्‍िथत है। यहां पर कसुआरिना के पेड़ों और रेत के टीलों का नजारा देखने के लिए लोग बहुत दूर दूर से आते हैं।