पहाडियो से घिरे औंगाबाद शहर (Aurangabad) का अपना अलग ही ऐतिहासिक महत्व है। औरंगाबाद, महाराष्ट्र की आधिकारिक पर्यटन पूंजी है जहां काफी कुछ घूमने को है। माना जाता है कि इस शहर में मुगल शासन आने से पहले बौद्ध धर्म का प्रभाव काफी मजबूत था। आज भी अंजता और एलोरा की गुफाएं इसकी गवाह है। तभी यह दोनों गुफाएं यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित की जा चुकी है। आईये जानते है औरंगाबाद के पर्यटन स्थलों के बारे में-
नाम के पीछे की कहानीमहान मुगल सम्राट औरंगजेब के नाम पर महाराष्ट्र में एक शहर है- औरंगाबाद। औरंगाबाद शब्दज का शाब्दिक अर्थ है 'सिंहासन द्वारा निर्मित'। सन् 1653 में औरंगजेब ने जब दक्षिण पर विजय प्राप्त की थी तब उसने इस शहर का नाम बदल कर औरंगाबाद घोषित कर दिया था।
बीवी का मकबरायह स्थल औरंगाबाद पर्यटन स्थल का सबसे प्रसिद्ध स्थल है। आगरा के ताजमहल की हूबहू प्रतिकृति बीवी का मकबरा दक्षिण का ताजमहल कहा जाता है। यह मुगल व फारसी वास्तुकला का अदभुत नमूना है। इसका निर्माण औरंगजेब के पुत्र आजमशाह ने सन् 1678 में अपनी माता व औरंगजेब की पत्नी रजिया बेगम की याद में करवाया था।
पनचक्की (Panchakki)इस पनचक्की का निर्माण मलिक अम्बर ने सन् 1645 में करवाया था। यह औरंगाबाद के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के एकदम निकट है। यह चक्की आज भी चालू हालत में है जिसे देखकर पर्यटक दंग रह जाते है।
एलोरा की गुफाएंयह राजसी रॉक-कट मंदिर गुफा 600-1000 सी.ई. की अवधि के जैन धर्म, बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म के कलाकृति और स्मारकों का प्रदर्शन करती है। गुफा मंदिरों के इस समूह का कैलाश मंदिर, 16 वी गुफा में स्थित एकल पत्थर की खुदाई की एक बेहतरीन कलाकृति है।
विश्वविद्यालय संग्रहालयइस संग्रहालय में आप पुरातात्विक महत्व की दुर्लभ वस्तुओ के दर्शन कर सकते है। यहा पर 17 वी व 18वी शताब्दी की अरबी भाषाओ की पांडुलिपिया भी दर्शनीय है।