पंजाब के पठानकोट का गौरवशाली इतिहास है।पठानकोट एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है क्योंकि यह शहर तीन राज्यों पंजाब, जम्मू और कश्मीर एवं हिमाचल प्रदेश के संगम पर स्थित है और यहां का अतीत राजपूतों के शासनकाल से जुड़ा हुआ है। यहां की शक्तिशाली शिवालिक पर्वतमालाओं की झलक सबको अचम्भे में डाल देती हैं, आईये जाने पठानकोट के दर्शनीय स्थलों के बारे में-
शाहपुरकंडी किलामुगल सम्राट शाहजहां के नाम से ज्ञात यह क़िला पंजाब के गुरदासपुर के पर्यटन का प्रमुख आकर्षण है। भव्य हिमालय की तलहटी में स्थित, यह क़िला पठानकोट की समृद्ध परंपरा और इतिहास को समझने का अवसर प्रदान करता है। किले में देखने लायक़ चीज़ें हैं इसकी जटिल नक्क़ाशी, आलीशान बनावट और यह तथ्य कि यह सुरम्य हिमालय की तलहटी और रावी नदी के शानदार दृश्य को प्रस्तुत करता है। ब्रिटिश शासन के दौरान नष्ट कर दिए गए क़िले के चारों ओर के खंडहर भी देखने लायक हैं क्योंकि वे पठान वंश के गौरवशाली अतीत के बारे में भरपूर जानकारी देते हैं।
काठगढ़ मंदिरपवित्र काठगढ़ मंदिर का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। हिंदू देवता भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित इस मंदिर की विशेषता एक प्राचीन लिंगम है जोकि रहस्यमयी है। किंवदंतियों के अनुसार, भगवान राम की खोज करने आए उनके भाई भरत ने इस मंदिर के दर्शन किए थे। ब्यास और कोंच नदियों के संगम पर स्थित, काठगढ़ मंदिर विरासत और असाधारण स्थापत्य शिल्प कौशल के लिए प्रसिद्ध है।
नूरपुर किलापठानकोट के प्रसिद्ध वास्तुशिल्प एवं ऐतिहासिक स्थासनों में सबसे उल्लेखनीय नूरपुर किला है। किले में एक भी मंदिर है, जिसे बृज राज स्वामी मंदिर के नाम से जाना जाता है। स्थासनीय लोगों के बीच ये मंदिर बहुत महत्वै रखता है। यह देश का एकमात्र ऐसा स्थान है जहां भगवान कृष्ण और मीराबाई की मूर्तियों की एक साथ पूजा होती है।
मुक्तेाश्वथर मंदिरपठानकोट में हिंदू देवी-देवताओं को समर्पित कई शानदार मंदिर हैं जिनमें से एक मुक्तेश्वर मंदिर भी है। पवित्र मुक्तेश्वर मंदिर पठानकोट में सबसे अधिक लोकप्रिय आध्यात्मिक स्थलों में से एक है। रावी नदी के तट पर स्थित यह पवित्र गर्भगृह एक पहाड़ी के ऊपर बसा है और इसमें तांबे की योनि के साथ संगमरमर का शिवलिंग स्थानपित है।
पठानकोट जाने का सही समय
पठानकोट की यात्रा का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के महीनों में होता है जब यहां का मौसम खुशनुमा रहता है और औसत तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से 20 डिग्री सेल्सियस तक नहीं रहता है।