कृष्ण भक्तों के लिए स्वर्ग से कम नहीं हैं वृंदावन, जाएं तो जरूर करें इन 8 मंदिरों के दर्शन

वृंदावन का नाम आते ही कृष्ण भक्तों के चहरे पर एक खुशी आ जाती हैं जहां उनके इष्ट देव बांके बिहारी लाल के दर्शन करने को मिलते हैं। वृंदावन कृष्ण भक्तों के लिए स्वर्ग से कम नहीं हैं जहां अनगिनत मंदिर बने हुए हैं और चारों तरफ भक्तिमय माहौल रहता हैं। वैसे तो भक्तगणों के लिए आस्था का मुख्य केन्द्र बांके बिहारी मंदिर को माना गया है और यहां आने वाला हर श्रद्धालु सबसे उन्हीं के दर्शन करता है। लेकिन इसी के साथ ही यहां कई ऐसे मंदिर हैं जिन्होंने प्रसिद्धि प्राप्त की हैं और पर्यटक इन मंदिरों के दर्शन करने भी पहुचंते हैं। अगर आप वृंदावन जाते हैं तो इन मंदिरों के दर्शन जरूर करने चाहिए जिनके बिना यात्रा अधूरी मानी जाती हैं। तो आइये जानते हैं वृंदावन के इन प्रसिद्द मंदिरों के बारे में...

राधा रमण मंदिर

राधा रमण मंदिर भी भगवान कृष्ण को समर्पित है। वृंदावन में अत्यधिक पूजनीय मंदिरों में से एक, यह भगवान कृष्ण का राधा के प्रति गहन प्रेम को दर्शाता है। हालांकि राधा को समर्पित होने के बावजूद, आपको मंदिर में उनकी कोई मूर्ति नहीं मिलेगी। भगवान कृष्ण के बगल में एक शानदार मुकुट है जो उनकी उपस्थिति का प्रतीक है। ठाकुर के सात मंदिरों में गिना जाता है, यह भी वृंदावन के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है।

प्रेम मंदिर

प्रेम मंदिर की स्थापना प्रसिद्ध जगदगुरु श्री कृपालुजी महाराज द्वारा वर्ष 2001 में की गई थी। इस मंदिर को भगवान के प्रेम के मंदिर के नाम से जाना जाता है। वृंदावन का यह प्रसिद्ध प्रेम मंदिर विशुद्ध रूप से राधा कृष्ण और सीता राम को समर्पित है। वृंदावन के अधिकांश मंदिरों की तरह, यह भी सुंदर पारंपरिक वास्तुकला का प्रतीक है। यहां पर सुंदर नक्काशी और सफेद संगमरमर इसकी खूबसूरती को और भी कई गुना बढ़ाती है।

श्री बांके बिहारी मंदिर

भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर को देश के मान्यता प्राप्त तीर्थस्तनों में से एक है। इसकी सुंदरता देखते ही बनती है। भक्तों के बीच भी इसकी अलग ही मान्यता है। इसे प्राचीन गायक तानसेन के गुरू स्वामी हरिदास ने बनवाया था। भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर में राजस्थानी शैली की बेहतरीन नक्काशी की गई है।

मदन मोहन मंदिर

मदन मोहन जी का मंदिर वृंदावन में स्थित एक वैष्णव संप्रदाय का मंदिर है।निमार्ण के समय और शिल्पियों के संबन्ध में कुछ जानकारी नहीं है। प्रचलित कथाओं में आता है कि राम दास खत्री व्यापारी की व्यापारिक सामान से लदी नाव यहाँ यमुना में फंस गयी थी। जो मदन मोहन जी के दर्शन और प्रार्थना के बाद निकल गयी।

श्री गोविंद देवजी मंदिर

वृंदावन के आसपास के क्षेत्र में स्थित, श्री गोविंद देवजी मंदिर भगवान कृष्ण के बचपन के लिए समर्पित है। लाल बलुआ पत्थर से सुशोभित, यह मंदिर भगवान कृष्ण के बचपन के घर को दर्शाता है। यह वृंदावन में प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। ऐसी मान्यता है कि मूर्ति का चेहरा ठीक भगवान के चेहरे जैसा दिखता है जब वे पैदा हुए थे। इसलिए कहा जाता है कि हर व्यक्ति को कम से कम एक बार इस पवित्र स्थान पर जरूर जाना चाहिए।

रंगनाथन मंदिर

वृंदावन को मंदिरों का शहर यूंही नहीं कहा जाता है। कई अनोखे मंदिरों का शहर है ये। रंगनाथ मंदिर भी ऐसा ही प्रसिद्ध और जाना-माना मंदिर है। आसपास के क्षेत्र का ये बड़ा मंदिर है। ये विष्णु और लक्ष्मी जी का मंदिर है और इसकी मान्यता भी बहुत है। इतना ही नहीं यहां पर भगवान नरसिम्हा, वेणुगोपाल और रामानुजाचार्य की मूर्तियां भी हैं।

निधिवन मंदिर

निधिवन मंदिर भगवान श्रीकृष्ण की प्रसिद्ध लीला स्थलियों में से एक है। यह धार्मिक नगरी मथुरा में वृन्दावन के प्रसिद्ध स्थलों में से है। श्री राधारानी की अष्टसखियों में प्रधान ललिता सखी के अवतार रसिक संत संगीत शिरोमणि स्वामी हरिदासजी महाराज की यह साधना स्थली है।

इस्कॉन मंदिर

वैसे तो इस्कॉन मंदिर देश भर में हैं और विदेश में भी कई जगह ये मंदिर बनाए गए हैं। लेकिन वृंदावन का इस्कॉन मंदिर देखते ही आपकी आंखें मानो चमक उठेंगी। इस्कॉन के फाउंडर आचार्या स्वामी प्रभुपद ने भगवान कृष्ण और उनके भाई बलराम के नाम पर ये मंदिर बनवाया था। माना जाता है कि इस वृंदावन में दोनों भाई रहे, खेले और खूब समय साथ बिताया। ये मंदिर इस जगह के रमन रति क्षेत्र में बनाया गया है। यहां पर हर रोज आरती के साथ भगवद गीता की क्लास भी होती है।