प्रकृति के शानदार नजारों का दृश्य देता हैं सिलवासा, जानें इसके बारे में

सिलवासा, भारतीय संघ शासित प्रदेश दादरा और नागर हवेली की राजधानी है। इस शहर को पुर्तगाली शासन के दौरान विला डी पाको द अरकॉस के नाम से जाना जाता था। पागल कर देने वाली भीड़ से अलग, सिलवासा एक प्रसिद्ध गंतव्या स्थकल है जहां पर्यटक प्रकृति के शानदार नजारों का लुत्फो उठा सकते है और पुर्तगाल की सांस्कृसतिक विरासत की छाप भी देख सकते है। यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त, भारत के पश्चिमी घाटों की पहाड़ियों की में स्थित, दादर और नगर हवेली की राजधानी सिलवासा पुर्तगाली विरासत के ऐश्वर्य को समेटे हुए है। भागदौड़ से दूर यहां जिंदगी बेहद ही शांत और धीमी गति से चलती है। प्राचीन और प्राकृतिक सुंदरताओं से संपन्न, इस शहर की गति की शिथिलता में एक अजीब सा आनंद है। एडवेन्चर पसंद लोगों के लिए यह एक बेहतरीन जगह है, जहां के हरे-भरे परिवेश में आप ट्रैकिंग कर सकते हैं, शिविरों में वक्त गुजार सकते हैं, लंबी पैदल यात्रा और एडवेन्चर से भरी न जाने कितनी अन्य गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। जाने सिलवासा के मुख्य पर्यटन स्थलों के बारे में।

नक्षत्र वाटिका

दमन गंगा नदी के किनारे पर बसी हुई यह नक्षत्र वाटिका हाल ही में बनाई गयी है। लगभग 10-15 मिनटों में इस वाटिका की सैर करने के विचार से मैंने वहां पर टहलना शुरू किया और घूमते-घूमते मुझे पता ही नहीं चला कि समय कैसे बीत गया। मुझे यहां पर आए हुए घंटा भर से भी अधिक समय हो गया था। इस पूरी वाटिका की बनावट योजना अतुल्य है जिसमें वनस्पतियों का रोपण नक्षत्रों या ग्रहों की स्थिति के अनुसार किया गया है। यहां पर कुछ वनस्पतियाँ ऐसी हैं जो हिंदुओं द्वारा पूजे जानेवाले नौ ग्रहों से संबंधित हैं।

सतमालिया डीयर पार्क

जैसा कि नाम से ही स्पवष्टह है कि यहां कई प्रकार की हिरण प्रजातियां हैं। वैसे इस पार्क में अन्यल जानवर भी है। पर्यटक, यहां आकर काउन्चाप की सैर भी कर सकते है जो सिलवासा का एक ठेठ आदिवासी गांव है, यह गांव सिलवासा से दक्षिण में 40 किमी। की दूरी पर स्थित है। यहां एक वृंदावन मंदिर भी है जहां भगवान शिव की आराधना की जाती है।

वासोना लायन सफारी पार्क

वासोना लायन सफारी पार्क वन्यजीव उत्साहियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। वासोना के पार्कों में शेरों को देखने के लिए आप बड़े जालों वाली बस या वैन में सफारी का आनंद ले सकते हैं। 20 एकड़ के क्षेत्र में फैले और 3 मीटर ऊंची दीवारों से घिरे इस सफारी पार्क में तीन से अधिक शेर हैं। सफारी के दौरान आप, अजगर और जीव-जंतुओं की अन्य जंगली प्रजातियों को भी देख सकते हैं। यह पार्क दादर और नगर हवेली वन्यजीव अभयारण्य का एक हिस्सा है और यह सातमालिया हिरण पार्क से सटा हुआ है। एशियाई शेरों को संरक्षित करने के उद्देश्य से इस पार्क को निर्मित किया गया था। लायन सफारी पार्क सुबह 9 से शाम 5 बजे तक खुला रहता है, और सिलवासा से इसकी दूरी करीब 10 किमी है।

खानवेल है प्रकृति का घर

अगर आप कुटिया में रहना चाहते हैं। पहाड़ियों पर बने ऊंचे-नीचे कॉटेज और छोटे-बड़े खेतों में समय बिताना चाहते हैं तो खानवेल आपके लिए सबसे उचित स्थान है। यह सिलवासा से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां के घुमावदार रास्तों का सफर आपको रोमांच से भर देगा।

सिलवासा कैसे पहुंचे

सिलवासा, हवाई, रेल और सड़क माध्यचम के द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। सिलवासा की सैर के लिए सबसे अच्छा- समय सिलवासा की सैर का सबसे अच्छाे समय जून से नवंबर के बीच का होता है।