पुडुच्चेरी में दिखाई देती हैं फ्रेंच संस्कृति की झलक, जानने के लिए करें इन जगहों की सैर

भारत पर सदियों से कई विदेशियों ने शासन किया है या अपने उपनिवेश स्थापित करें हैं। पुर्तगाल, स्पेन, फ्रांस, इंग्लैंड के व्यापारी भारत आये तो मसाले और कपड़े का व्यापार करने थे,लेकिन उन्होंने सैकड़ों सालों तक भारत पर राज किया। आज भी भारत में पुर्तगालीयों, फ्रांसिसीयों की कई कॉलोनियां देखने को मिल जायेंगी। ऐसी ही एक फ्रांसीसी कॉलोनी है पुडुच्चेरी या पांडिचेरी। पुडुचेरी भारत का एक केन्द्र शासित प्रदेश है जो चार जिलों कराईकल, माहे, यनम और पुडुचेरी से मिलकर बनें हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि ये चारों जिले अलग अलग राज्यों में स्थित हैं। माहे आंध्रप्रदेश में, यनम केरल में, कराईकल और पुडुचेरी तमिलनाडु में बने एनक्लेव हैं। हालांकि फ्रांसी यहां से जा चुके हैं लेकिन अभी आपको यहां फ्रेंच कल्चर देखने को मिल जायेगा। आइये जानते हैं पुडुच्चेरी की कुछ शानदार जगहों के बारे में...

पैराडाईज बीच

अपने नाम जैसा यह बीच पांडिचेरी की सबसे सुकून भरी जगहों में से एक है।शाम के वक्त बीच का सुनहरा रंग आपको यहां कई घन्टे बिताने पर मजबूर कर देगा। कड्डलोर रोड पर चुनम्बार से नाव द्वारा यहां पहुंचा जा सकता है।

औरविले

औरोविल पुडुच्चेरी के पास एक प्रायोगिक नगर है जिसकी स्थापना 1968 में मां मीरा और अरविन्द घोष ने की थी। यहां हर जाति धर्म के लोग प्यार और सद्भाव से रहते हैं। नगर में ही मातृ मंदिर है जिसमें स्वर्णिम क्रिस्टल बॉल देखने लायक है।

पोंडी बाजार

अगर आप पुड्डुच्चेरी में शॉपिंग करना चाहते हैं तो चले आईये यहां के पोंडी बाजार में। लोकल सामान के लिये यह बाजार बहुत ही फेमस है।यहां केबीएस कॉफी शॉप की कॉफी पीना ना भूलें।

श्री ओरबिन्दो आश्रम

अरविंद घोष द्वारा स्थापित यह आश्रम पूरी दुनिया में मशहूर है। यदि आप किताब पढ़ने के शौकीन हैं तो यहां एक पुस्तकालय भी है।

पुड्डुच्चेरी बॉटनिकल गार्डन

यहां मरीमलाई में फ्रेंच शासक द्वारा स्थापित एक बॉटनिकल गार्डन है जिसमें लगभग पन्द्रह सौ से ज्यादा वनस्पतियां लगी हुईं हैं।