विदेश में स्थित हैं विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर, जानें इसकी खासियत

भारत से करीब 5 हजार किमी दूर कम्बोडिया के अंकोर में है अंकोरवाट वाट मंदिर। भगवान विष्णु को समर्पित यह विशाल हिन्दू मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा पूजा-स्थल है। भारत से करीब 5 हजार किमी दूर कम्बोडिया के अंकोर में है अंकोरवाट वाट मंदिर। भगवान विष्णु को समर्पित यह विशाल हिन्दू मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा पूजा-स्थल है। आइये जानते हैं अंकोरवाट वाट मंदिर के बारे में

निर्माण की कहानी

इस मंदिर को 12 शताब्दी में खमेर वंश से सूर्यवर्मन द्वितीय नामक हिन्दू शासक ने बनवाया था। लेकिन चौदहवीं शताब्दी तक आते-आते यहां बौद्ध धर्म से जुड़े लोगों का शासन स्थापित हो गया और मंदिर को बौद्ध रूप दे दिया गया।ऐसा कहा जाता है कि राजा सूर्यवर्मन हिन्दू देवी-देवताओं से नजदीकी बढ़ाकर अमर बनना चाहता था। इसलिए उसने अपने लिए एक विशिष्ट पूजा स्थल बनवाया जिसमें ब्रह्मा, विष्णु, महेश, तीनों की ही पूजा होती थी। आज यही मंदिर अंगकोर वाट के नाम से जाना जाता है।

वास्तुकला


ये मंदिर लगभग 1 स्क्वेयर मील क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहां की दीवारों पर पर छपे चित्र और उकेरी गई मूर्तियां हिन्दू धर्म के गौरवशाली इतिहास की कहानी को बयां करती हैं। सीताहरण, हनुमान का अशोक वाटिका में प्रवेश, अंगद प्रसंग, राम-रावण युद्ध, महाभारत जैसे अनेक दृश्य बेहद बारीकी से उकेरे गए हैं।

अंगकोर पार्क

अंगकोर वाट के आसपास कई प्राचीन मंदिर और उनके भग्नावशेष मौजूद हैं। इस क्षेत्र को अंगकोर पार्क कहा जाता है। सियाम रीप क्षेत्र अपने आगोश में सवा तीन सौ से ज्यादा मंदिर समेटे हुए है।

कैसे पहुंचे कंबोडिया

कंबोडिया जाने के आपको दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु से फ्लाइट मिल जाएंगी। वीजा की बात करें तो यहां आपको ऑन अराइवल वीजा मिल जाएगा। इसके अलावा आप ई वीजा भी ले सकते हैं। भारत से जाने वाली फ्लाइट्स कंबोडिया के फनोम पेन्ह इंटरनेशनल एयरपोर्ट और सीएम रेअप इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड करेंगी। एयरपोर्ट से आपको अंगकोर तक जाने के लिए बसें और कैब मिल जाएगी।

अनोखी बातें

इसे बनाने में पचास से एक करोड़ रेत के पत्थर इस्तेमाल किए गए थे। हर पत्थर का वजन डेढ़ टन है।.अंगकोर वाट की दीवारें रामायण और महाभारत की कहानियाँ कहती हैं।