भारत देश में अनगिनत मंदिर हैं और अपने मन्दिरों के लिए देश को विदेशों में भी जाना जाता हैं। बात जब विदेशों की करें तो दूसरे देशों में भी कई मंदिर हैं और पाकिस्तान में भी। पाकिस्तान एक मुस्लिम मुल्क हैं जहां अभी भी कुछ हिन्दू परिवार रहते हैं। बंटवारे से पहले पाकिस्तान भारत का ही हिस्सा था और यहां भी कई मंदिर बने हुए थे। हांलाकि बंटवारे के बाद पाकिस्तान के कई मंदिर तोड़ दिए गए थे लेकिन आज भी वहां कुछ हिन्दू मंदिर स्थित हैं जिनके दर्शन करने कई पर्यटक पहुंचते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको पाकिस्तान में स्थित लोकप्रिय और देखने लायक मंदिरों की जानकारी देने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में...
हिंगलाज माता मंदिर
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हिंगोल नदी और हिंगोल नेशनल पार्क है, जिनके बीच में हिंगलाज माता का मंदिर मौजूद है। ये मंदिर बहुत फेमस और दर्शनीय है। हिंगलाज मंदिर माता सती के कई प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है। जब देवी सती हवन कुंड की अग्नि में समा गई थीं तब भगवान शिव ने उनके जलते शरीर को उठाकर तांडव करना शुरू कर दिया था। ऐसा माना जाता है कि उसी दौरान माता सती का सिर इस जगह गिर गया था। इसी वजह से इस मंदिर को यहां स्थापित किया गया। इस मंदिर में भगवान शिव भीमलोचन भैरव रूप में विराजमान हैं और माता सती की भी यहां मूर्ती रखी गई है। ये मंदिर गुफा के आकार में पहाड़ियों के बीच बनाया गया है।
स्वामिनारायण मंदिर
कराची शहर के बंदर रोड पर है यह मंदिर। 32,306 स्क्वायर यार्ड में बना है। करीब 160 साल पुराने इस मंदिर में हिंदू-मुस्लिम दोनों की आवाजाही रहती है। बंटवारे के वक्त मंदिर का इस्तेमाल रिफ्यूजी कैंप की तरह हुआ। इसी परिसर में एक गुरुनानक गुरुद्वारा भी है और इसी मंदिर से हिंगलाज मंदिर के लिए यात्रा शुरू होती है।
कटासराज शिव मंदिर
पाकिस्तान के कई प्रमुख हिंदू मंदिरों में से एक है कटासराज का शिव मंदिर। ये मंदिर पौराणिक कथाओं की वजह से बहुत मशहूर है। अगर आपको इस मंदिर को देखने के लिए जाना है, तो ये मंदिर पाकिस्तान के पंजाब के कटासराज नामक गांव में मौजूद है। पहाड़ों पर बने इस मंदिर में रोज हिंदू धर्म के श्रद्धालु श्रद्धा के साथ पूजा अर्चना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि शिवजी और माता सती ने शादी के बाद कटासराज गांव में कुछ समय बिताया था। शिवजी का ये मंदिर 900 साल पुराना है।
मुल्तान सूर्य मंदिर
रामायण वाले जामवंत ने अपनी बेटी जामवंती की शादी कृष्ण से करवाई थी। जामवंती कृष्ण के बेटे का नाम था- सांब। उन्ही सांब साहेब ने इस मंदिर को बनाया। वजह थी पिता कृष्ण से मिले कोढ़ी होने के श्राप से मुक्ति। 1500 साल पहले मुल्तान के सूर्य मंदिर में टहलने आए चीन के बौद्ध भिक्षु शुयांग ने इसके ब्योरे लिखे थे। मुहम्मज बिन कासिम और मुहम्मद गजनी समेत कई मुस्लिम क्रूर शासकों ने मंदिर को कई बार लूटा। आज भी मंदिर की हालत खस्ता है।
राम मंदिर
पाकिस्तान के कई प्रमुख मंदिरों में पाकिस्तान का राम मंदिर बेहद लोकप्रिय है। ये मंदिर सैयदपुर में मौजूद है। सैयदपुर पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के पास है। ये लोकप्रिय मंदिर राजा मानसिंह द्वारा वर्ष 1580 में स्थापित किया गया था। ये ऐतिहासिक मंदिर पाकिस्तानके हिन्दुओं के लिए श्रद्धा का प्रतीक है।
पंचमुखी हनुमान मंदिर
पाकिस्तान के कराची में हनुमान जी का बहुत ही पुराना पंचमुखी हनुमान मंदिर है। इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करने के लिए भक्तों का यहां जमावड़ा लगा रहता है। इस मंदिर में आप हनुमान जी की पांच मुख वाली सुंदर मूर्ति देख पाएंगे, जो यहां आने वाले हर पर्यटक को आकर्षित करती है। अभी इस मंदिर की संरचना थोड़ी खराब है। आपको जानकर बेहद हैरानी होगी कि ये मंदिर 1500 साल पुराना है।
गोरखनाथ मंदिर
पाकिस्तान के पेशावर में स्थित गोरखनाथ मंदिर, पाकिस्तान के खूबसूरत हिंदू मंदिरों में से एक है। वर्ष 1947 से इस मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए थे, लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद इस मंदिर को साल 2011 में फिर से खोल दिया गया। हिंदू धर्म के लोग इस मंदिर में गोरखनाथ देवता के दर्शन करने के लिए रोज आते हैं।
वरुण देव मंदिर
वरुण देव मंदिर पाकिस्तान के लोकप्रिय हिंदू मंदिरों में शुमार है। आपको बता दें, इस मंदिर को भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद बंद कर दिया गया था। लेकिन हिंदू काउंसिल की वजह से वर्ष 2007 में इस मंदिर को फिर से खोल दिया गया। ये शानदार मंदिर 1000 साल पुराना है, जो कि हिंदू धर्म की संस्कृति को दर्शाता है।