घूमने के शौकीन लोगों के लिए बेस्ट है भारत की ये 7 जगहें, देखने को मिलते हैं एक से बढ़कर एक सुंदर नजारे

अपने देश में इतनी खूबसूरत जगहें हैं कि घूमने की लिस्ट खत्म होने का नाम ही नहीं लेती। लेकिन खूबसूरत जगहों में से कुछ ऐसी भी हैं, जिन्हें जादुई कहा जा सकता है। ये ऐसी जगहें हैं, जो ‘वन्डर’ से कम नहीं हैं और खास बात तो यह है कि इनके बारे में लोग कम ही जानते हैं। घूमने के शौकीन लोग हर जगह सैर करना चाहते हैं और पूरे भारत को करीब से देखना पसंद करते हैं। यहां पर एक से बढ़कर एक सुंदर नजारे हैं। जिन्हें देखना हर किसी की ख्वाहिश होती है। तो चलिए जानें उन 7 जगहों के बारे में जिनको देखना और वहां की सैर करना हर किसी का सपना है।

निघोज के गड्ढे, महाराष्ट्र

महाराष्ट्र में निघोज एक ऐसी जगह है, जहां से वापस आने के बाद भी आपका मन वहीं रह जाएगा। ये गोल गोल आकार के कुंड हजारों सालों से कुकड़ी नदी के पानी द्वारा अपने आप बन गए हैं। इनमें से कुछ गड्ढे 40 फुट गहरे भी हैं। यहां जाने के लिए गर्मी और सर्दी दोनों मौसम सही हैं क्योंकि नदी में बहुत ज्यादा पानी नहीं है।

लोकतक झील, मणिपुर

यह नॉर्थ ईस्ट की ताजे पानी की सबसे बड़ी झील है। लक्तक झील में कई यूनीक इकोसिस्टम हैं, जिन्हें फूंदी कहा जाता है। छोटे आइलैंड की तरह नजर आने वाले ये फूंदी कई तरह के दिखते हैं, ताजे पानी की झील पर तैरते हैं। लोकतक झील को स्पेशल बनाता है इसके साउथ वेस्टर्न हिस्से में स्थित दुनिया का पहला तैरने वाला नैशनल पार्क।

होगेनेक्कल फॉल्स, कर्नाटक

यह शानदार वॉटरफॉल का होगेनेक्कल है, जिसका कन्नड़ भाषा में मतलब स्मोकिंग रॉक्स है। कावेरी नदी 150 फुट की ऊंचाई से इतना खूबसूरत स्प्रे बनाती है कि यह धुएं की तरह नजर आता है। दोनों ओर काले ग्रेनाइट के पत्थरों से घिरा होगेनेक्कल एक बहुत बड़ा वॉटरफॉल नहीं, बल्कि कई छोटे फॉल्स की सीरीज है, जो एक स्ट्रीम में मिल जाती है।

लिविंग रूट ब्रिज, मेघालय

इस गांव के खासी लोगों ने 10-15 साल तक स्ट्रीम के दोनों किनारों पर स्थिति फिक्स इलास्टिका रबर के पेड़ की जड़ों को आपस में बांधकर लिविंग रूट ब्रिज को बनाया है। यहां लगभग अभी 100 लिविंग रूट ब्रिज हैं। यह यूनेस्को के विश्व धरोहर में शामिल है, जिन्हें मेंटेनेंस की जरूरत नहीं है क्योंकि इसकी जड़ें बेहद मजबूत हैं।

मार्बल रॉक्स, भेड़ाघाट

नर्मदा नदी के किनारे स्थित भेड़ाघाट के मार्बल रॉक्स चुने के पत्थर की तरह दिखते हैं। व्हाइट और ग्रे जैसे शेड में ये पत्थर बड़ी मात्रा में मैग्नीशियम की उपस्थिति की वजह से बन गए हैं। इसका टेक्सचर साबुन की तरह भी है। इं पत्थरों की ऊंचाई 100 फुट है, और ये नीले हरे पानी के साथ लंबाई में खड़े बेहद खूबसूरत दिखते हैं। यहां नाव की सवारी का मजा भी लिया जा सकता है और करीब के धुआंधार वॉटरफॉल की खूबसूरती को देखा जा सकता है।

याना रॉक्स, कर्नाटक

याना गांव कर्नाटक के उत्तर हिस्से में स्थित है। यह क्रिस्टल कार्स्ट चुने के पत्थर से बना है, जो दो पत्थर हैं। इन दोनों पत्थरों को भैरवेश्वर शिखर और मोहिनी शिखर के नाम से जाना जाता है। इन पत्थरों के बेस में एक गुफा मंदिर भी है, जिसमें माह शिवरात्रि का सालाना त्यौहार आयोजित किया जाता है। यहां 3 किलोमीटर के ट्रेक के बाद पहुंचा जा सकता है। याना रॉक्स के बारे में कई लोक कथाएं भी हैं।

सॉन्गेसर झील, अरुणाचल प्रदेश

यह झील भूकंप के परिणाम में बनी, जो बेहद खूबसूरत है। यहां के स्थानीय लोग इसे शोन्गासेर झील के नाम से बुलाते हैं। 1971 में भूकंप आने के बाद शोकसेन गांव दब गया और उसकी जगह पर यह खूबसूरत झील बन गई। इसे माधुरी झील के नाम से भी बुलाए जाता है, क्योंकि यहां माधुरी दीक्षित ने अपनी फिल्म कोयला की शूटिंग की थी। इस झील को देखने के लिए तवांग के डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर के ऑफिस से पर्मिशन लेने की जरूरत पड़ती है।