हिमाचल प्रदेश की 5 खूबसूरत झीलें, घूमना न भूलें

भारत खूबसूरत देश है, जो अपनी प्राकृतिक सुन्दरता, ऐतिहासिक धरोहर और पौराणिक कथानकों के चलते देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करता रहता है। कहा जाता है कि भारत आने वाले विदेशियों में से 90 प्रतिशत लोग भारत सिर्फ भ्रमण के लिए आते हैं। हालांकि आजकल चिकित्सा सेवाओं को लेने के लिए भी सर्वाधिक विदेशी भारत आते हैं। ज्यादातर पर्यटक भारत की सुरम्य पहाडिय़ों, प्राकृतिक सुन्दरता से आच्छान्दित हरे भरे स्थलों को देखना पसन्द करता है। राजस्थान, महाराष्ट्र, केरल, अरुणचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, हिमाचल ऐसे प्रदेश हैं जहाँ सर्वाधिक मात्रा में पर्यटक पहुँचते हैं।

हिमाचल प्रदेश भारत का एक प्रमुख और खूबसूरत राज्य है जो अपने खूबसूरत पहाड़ों, सुरम्य वादियों और अन्य विभिन्न पर्यटक स्थलों के लिए विश्व में प्रसिद्ध है। हिमाचल आने वाला पर्यटक यहाँ की झीलों को जरूर देखना पसन्द करता है। हिमाचल प्रदेश की झीलें अपने शांत वातावरण और प्राचीनता के चलते इतनी प्रसिद्ध हैं कि इन्हें देखने और जानने के लिए यहाँ पर प्रति वर्ष लाखों की तादाद में पर्यटक आते हैं। यह भव्य झीलें चट्टानों और हरे भरे घास के मैदानों से घिरी हुई हैं। साफ फिरोजा पानी के साथ, इनमें से कुछ झीलें प्रसिद्ध ट्रेकिंग स्पॉट हैं जहाँ छोटे ट्रेक द्वारा पहुँचा जा सकता है जबकि कुछ अन्य लोकप्रिय झीलें पिकनिक स्पॉट के रूप में फेमस हैं जहाँ पर्यटक अपने परिवार और मित्रों के साथ पहुँचते हैं।

गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है, हालांकि इन दिनों मौसम में उथल-पुथल जारी है, लेकिन फिर भी छुट्टियाँ नजदीक आ रही हैं और ऐसे में यदि आप अपने परिवार या मित्रों के साथ झीलों के किनारे पर शाम बिताने का विचार कर रहे हैं तो हम आपको कहेंगे कि आप हिमाचल प्रदेश की झीलों की सैर करें। हिमाचल की झीलों को एक बार देखने के बाद आप उन्हें बार-बार देखने का प्रयास करेंगे। ऐसे में आज हम अपने लाइफ बैरीज डॉट कॉम के पाठकों को हिमाचल प्रदेश की कुछ बहुत खूबसूरत झीलों की जानकारी देने जा रहे हैं, जहाँ आप एक बार जरूर जाना चाहेंगे।

पराशर झील

हिमाचल प्रदेश में यूं तो बहुत सारी झीलें हैं लेकिन इनमें सर्वाधिक पसन्दीदा और प्रसिद्ध झील पराशर झील है। यह झील हिमाचल के विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मंडी से 50 किलोमीटर दूर उत्तर में धौलाधार पर्वतमाला के बीच 2730 मीटर पर स्थित है। पराशर झील घने जंगल और धौलाधर के बर्फ पहने हुए पर्वतों के मनोरम दृश्य के लिए जानी जाती है। पराशर झील जिसमें लगभग 300 मीटर की परिधि है। इसमें एक तैरता द्वीप है, इसका स्वच्छ पानी इस सुंदर स्थान के आकर्षण में जोड़ता है। यह खूबसूरत झील एक क्रिस्टल क्लियर वाटर बॉडी है, जिसमें तीन मंजिला शिवालय भी स्थित है, जो ऋषि पराशर को समर्पित है। अंडाकार आकार की यह झील सुंदरता, रोमांच और आध्यात्मिक का एक ऐसा मिश्रण है जो यहाँ आने वाले पर्यटकों को मंत्रमुग्ध और रोमांचित कर देता है। कुल्लू घाटी में शक्तिशाली धौलाधार पर्वतमाला से घिरी पराशर झील रहस्यवादी आकर्षण से भरी हुई है जिन्हें सिर्फ पराशर लेक की यात्रा के दौरान ही देखा जा सकता है।

ऋषि पराशर, मंडी क्षेत्र के संरक्षक देवता को समर्पित एक प्राचीन पगोडा शैली मंदिर, झील के अलावा खड़ा है। 13-14वीं शताब्दी में राजा बन सेन द्वारा मंदिर का निर्माण किया गया है, जिसमें ऋषि पिंडी पत्थर के रूप में मौजूद हैं। यह भी कहा जाता है कि पूरा मंदिर एकल देवदार पेड़ का उपयोग करके बनाया गया था और मंदिर निर्माण को पूरा करने में 12 साल लग गए थे। झील के चारों ओर घूमने से आसपास के शांत वातावरण का रहस्यमय अनुभव मिलता है। पराशर की यात्रा आध्यात्मिक यात्रा का एकदम सही मिश्रण है। कई शिविर स्थल भी यहाँ स्थित हैं और यह कई आसान और कठिन ट्रेक के लिए आधार है। मंडी और अन्य आस-पास के जिलों के लोग पराशर ऋषि की पूजा के लिए यहाँ आते हैं और यह मानते हैं कि उनकी इच्छा ऋषि के आशीर्वाद से पूरी हो जाएगी। जून के महीने में सरनौहाली मेला होता है जिसमें मंडी और कुल्लू जिलों की बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भाग लेते हैं। एक वन रेस्ट हाउस, एचपीपीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस और मंदिर समिति के सराय रात के ठहरने के लिए उपलब्ध हैं।

चंद्रताल या चंद्र ताल

हिमालय पर लगभग 4,300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक झील,जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। झील का नाम इसके अर्धचंद्राकार आकार से उत्पन्न हुआ है। हिमाचल प्रदेश के स्पीति में स्थित चंद्र ताल ट्रेकर्स के लिए एक पर्यटन स्थल है। झील तक पहुंचने के लिए मई के अंत से अक्टूबर के शुरू तक का वक्त बेहतर रहता है। झील से 2 किलोमीटर दूर तक एक मोटर रोड भी उपलब्ध है। लगभग एक किलोमीटर के लिए पैदल यात्रा करनी पड़ती है। कुंजुम दर्रे से चंद्र ताल तक लगभग दो घंटे लगते हैं। चंद्र ताल, सूरज ताल से 30 किमी दूरी पर स्थित है।

यह खूबसूरत झील भारत के दो सबसे अधिक ऊंचाई वाले आद्र्रभूमियों में से एक है। चंद्रताल झील की एक और खास बात यह है की यह झील अर्धचंद्राकार आकार की है जिस वजह से इसे चंद्रताल नाम प्राप्त हुआ है। हरे-भरे घास के मैदानों से घिरी हुई चंद्रताल झील का शांत वातावरण और बेजोड़ प्राकृतिक सुन्दरता कुछ ऐसी है जिसे एक बार देख लें तो नजर हटने का नाम नहीं लेती है। वसंत ऋतु में झील के आसपास के मैदानों में विभिन्न प्रकार के जंगली फूल भी खिल उठते हैं। इन सबके अलावा दिन ढलते ही इस पवित्र झील के पानी का रंग लाल से नारंगी, नारंगी से नीला और नीले से पन्ना हरा हो जाता है।चंद्रताल झील की यात्रा चुनौतीपूर्ण है क्योंकि झील तक सिर्फ ट्रेक करके ही पहुंचा जा सकता है।

डल झील

डल झील कांगड़ा जिले के तोता रानी गांव के पास पर स्थित एक सुरम्य झील है जिसकी गिनती हिमाचल प्रदेश की सबसे खूबसूरत झीलों में की जाती है। समुद्र तल से 1,775 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह झील पिकनिक स्पॉट के रूप में भी प्रसिद्ध है, जो पहाड़ों और ऊंचे देवदार के पेड़ों से घिरी हुई है। यह सुरम्य झील शांत माहौल, हरी-भरी हरियाली के बीच प्रकृति की गोद में अपने परिवार के साथ समय व्यतीत करने और पिकनिक मनाने के लिए परफेक्ट जगह है।

डल झील श्रीनगर की सबसे प्रसिद्ध झील है, जो कई किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है। यह एक अर्बन लेक है और हर साल यहां लाखों की संख्या में सैलानी आया करते हैं। इस झील की एक खासियत यह भी है कि यह हर मौसम में बिल्कुल अलग दिखती है। इस झील में आपको वाटर प्लांट हार्वेस्टिंग का अनोखा नमूना देखने को मिलता है। यह झील करीब 7.44 किलोमीटर लंबी है। यदि आप अपने फ्रेंड्स के साथ यहाँ घूमने आ रहें है तो आप झील के पास आप नड्डी तक ट्रेकिंग करके अपनी इस ट्रिप को और रोमांचक बना सकते हैं। सितंबर के महीने में झील के किनारे मेले का आयोजन भी किया जाता है जिसमें शामिल होने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। यह आयोजन भगवान शिव की उपस्थिति को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है जो गद्दी जनजाति के बीच काफी लोकप्रिय है।

करेरी झील

करेरी झील, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में धर्मशाला से लगभग 9 किमी की दूरी पर स्थित एक खूबसूरत झील है। हिमाचल प्रदेश की प्रसिद्ध झीलों में से एक के रूप में जाने जानी वाली यह झील उत्तर पश्चिम में धौलाधार श्रेणी में स्थित एक उथली और ताजे पानी की झील है। करेरी झील एक प्रमुख दर्शनीय स्थल होने के अलावा धौलाधार रेंज में एक बेहद लोकप्रिय ट्रैकिंग स्थल भी है। इस झील में पानी बर्फ पिघलने से मिलता है।

हिमाचल प्रदेश की यात्रा करने वाले अधिकांश बैकपैकर्स ट्राइंड या इंद्रहार पास सर्किट ट्रेकिंग के लिए आते हैं, यह करेरी झील के लिए एक छोटा ट्रेक है जो शानदार और शांत अनुभव देता है। करेरी झील की एक और खास बात यह है कि यह दिसंबर से मार्च में सर्दियों के महीनों के दौरान बर्फ से जम जाती है जो और अधिक आकर्षक प्रतीत होती है। यही सभी आकर्षण करेरी झील को हिमाचल प्रदेश में घूमने के लिए सबसे अच्छा पर्यटन स्थल बनाती हैं।

प्रकृति को करीब से देखने और जीवों को एक्स्प्लोर करने के लिए करेरी झील एक श्रेष्ठ विकल्प है। यह झील चारों ओर से चीड़ और चिलगोजा पाइंस के पेड़ों से घिरी हुई है। करेरी झील के आसपास के क्षेत्रों में पक्षियों की कई जातियाँ देखने को मिलती हैं, जिन्हें कम कैनोपी के कारण आसानी से देखा जा सकता है। इसके दूसरे छोर पर चट्टानी घास के मैदान दे,ा सकते हैं। स्थानीय लोगों द्वारा इन मैदानों का उपयोग मवेशियों को चारा चराने के लिए किया जाता है। मई से नवम्बर के मध्य में यहाँ का नजारा देखने लायक होता है। करेरी झील के पास घूमने की प्रमुख जगहों में एक प्राचीन मंदिर है, जो भगवान शिव और शक्ति को समर्पित है। झील के दूसरी ओर गद्दी समुदाय की कोठरियाँ भी हैं जिनका उपयोग गद्दी अपने मवेशियों की चराई के दौरान करते हैं।

करेरी झील को पर्यटक मिंकियानी दर्रा (समुद्र तल से 4250 मीटर) और बलेनी दर्रा (समुद्र तल से 3710 मीटर) के माध्यम से आगे बढऩे के लिए एक बेस के रूप में इस्तेमाल करते हैं। यहाँ ठहरने के लिए सल्ली गाँव में स्नो मॉन्क कैंप भी है, इसके अतिरिक्त ट्रेकर्स यहाँ अपना टैंट बनाकर रहते हैं। करेरी झील के साथ ही सैलानी अघंजर महादेव मंदिर, युद्ध स्मारक धर्मशाला, धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम, भागसुनाग मंदिर, दलाई लामा मंदिर, ज्वालामुखी देवी मंदिर आदि प्रमुख जगहों पर भी जा सकते हैं।

खज्जियार

हिमाचल के चंबल जिले स्थित खज्जियार झील हिमाचल प्रदेश की प्रसिद्ध झीलों का एक अभिन्न हिस्सा है जो अपनी बेजोड़ सुन्दरता और शांतप्रिय वातावरण के लिए जानी जाती है। खज्जियार झील से जुड़ी एक और खास बात यह है की साफ और धूप वाले दिन झील के किनारे से कैलाश पर्वत का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है जो इस खूबसूरत झील के आकर्षण में चार चाँद लगाने का कार्य करता है। यकीन माने आप जब भी खज्जियार झील घूमने के लिए आयेगें तो आसपास की घाटी और कैलाश पर्वत के विहंगम दृश्य देखकर मंत्रमुग्ध हो उठेगे। इतना ही नही ‘मिनी स्विस’ के नाम से प्रसिद्ध, खज्जियार में आप पैराग्लाइडिंग,कैम्पिंग और घुड़सवारी जैसी एक्टिविटीज भी एन्जॉय कर सकते है।

हिमाचल प्रदेश में खज्जियार मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से बहुत प्रसिद्ध है। खज्जियार अपनी खूबसूरती और मनमोहक वातावरण के लिए दुनिया भर में मशहूर है। खज्जियार समुद्र तल से 6500 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। यह आपको सच में एक मिनी स्विट्जरलैंड का एहसास कराता है। भले ही खज्जियार एक छोटा पर्यटक स्थल है लेकिन लोकप्रियता के मामले में भारत के किसी भी हिल स्टेशन से कम नहीं है।

खज्जियार में आप जैसे ही प्रवेश करते हैं आपको सबसे पहले खज्जियार का सबसे प्रसिद्ध घास का मैदान दिखाई देगा। यह घास का मैदान आपको असल स्विट्जरलैंड की याद जरूर दिलायेगा।

खज्जियार का सबसे प्रमुख आकर्षण है यहाँ का घास का मैदान जिसकी खूबसूरती का अनुभव करने के लिए लोग यहां दूर-दूर से आते हैं। खज्जियार में प्रवेश करते समय यह आपको सबसे पहले दिखाई देगा। आप खज्जियार किसी भी महीने आए आपको खज्जियार में हर महीने में एक अलग और शानदार अनुभव जरूर होगा अगर आप यहां गर्मियों के समय आते हो तो आपको यहाँ का मौसम बिलकुल साफ दिखाई देगा और अगर आप बारिश के समय यहाँ आते हो तो आपको हरियाली देखने को मिलेगी और अगर आप सर्दियों के समय यहां आते हैं तो आपको खज्जियार बर्फ की सफेद चादर से ढका हुआ देखने को मिलेगा। आपको यहां हर मौसम का एक अलग ही अनुभव होगा और एक प्रकृति प्रेमी के लिए खज्जियार किसी स्वर्ग से कम नहीं है।