दुनियाभर में प्रसिद्द है भारत के ये 5 चर्च, जानें इनके बारे में

अपनी भिन्न-भिन्न भाषाओं, धर्म और पौराणिक रीति-रिवाजों के चलते हमारा देश, यानी भारत पूरी दुनिया में मशहूर है। यहां एक से बढ़कर एक धार्मिक स्थल मौजूद हैं। फिर चाहे वह देश के मंदिर हों, मस्जिदें हों, गुरुद्वारें हों, या फिर गिरिजाघर। हर स्थल का अपना एक महत्व है। यही कारण है कि इन स्थलों में एक बड़ी संख्या में लोग दिखाई पड़ते हैं। हम बतायगे भारत के 5 मुख्य चर्च...

संत केथेड्रल चर्च

यह भारत के सबसे बड़े चर्चो में से एक है। ये गोवा में स्थित है। ये केथेड्रल चर्च कैथरीन आफ अलेक्जेंड्रिया को समर्पित है। ये चर्च पुर्तगाली सेना द्वारा मुस्लिम सेना के ऊपर विजय के सम्मान में बनवाया गया था। इस चर्च का निर्माण 1562 में शुरु हुआ था और 1619 में ये बनकर तैयार हुआ।

बैसिलिका ऑफ बॉम जीसस चर्च, गोवा

गोवा में स्थित यह चर्च दुनिया के सबसे बेहतरीन चर्च में शुमार किया जाता है। इस चर्च का निर्माण लगभग 300 साल पहले किया गया था। बॉम जीसस का मतलब एक अच्छा जीसस होता है। ये चर्च सेंट फ्रांसिस जेवियर का घर माना जाता है, क्योंकि इस चर्च में सेंट फ्रांसिस जेवियर की बॉडी अभी तक मौजूद है। इसे देखने दुनियाभर से लोग यहां आते हैं।

क्राइस्ट चर्च, शिमला

क्राइस्ट चर्च शिमला शहर के केंद्र में स्थित है। यह उत्तर भारत में दूसरा सबसे पुराना चर्च माना जाता है। इस चर्च का निर्माण सन 1857 में नियो-गोथिक स्टाइल में हुआ था। चर्च में बनी ‘पाइप-ऑर्गन’ भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे बड़ी है, इसे सितंबर 1899 में स्थापित किया गया था। यहां नक्काशी के बेहतर उदाहरण देखने को मिलते हैं।

परुमाला चर्च, केरल

केरल में स्थित परुमाला चर्च महान संत ग्रिगोरिएस जीर्वाघीस की स्मृति में बनाया गया था। इसे परुमाला चर्च के नाम से भी जाना जाता है। ये चर्च केरल के मनार में स्थित है। यह मल्लंकरा रूढ़िवादी सीरियन चर्च का एक पारिश चर्च है।

मलयतूर चर्च, केरल

ईसाई धर्म की आस्था का ये तीर्थ केरल में स्थित है। माना जाता है कि यह सेंट थॉमस दक्षिण भारत में ईसाई धर्म की शिक्षाओं का प्रचार प्रसार करते थे। ये भारत के सबसे पुराने चर्चो में से एक है। इस चर्च को संत थॉमसे ने बनवाया था। यह एक पहाड़ की चोटी पर स्थित है।