मन को सुकून देते हैं भारत के ये 5 खूबसूरत गाँव, देखने को मिलेंगे दिलकश नजारे

शहर की भीड़-भाड़ और व्यस्तता के बीच जब कभी समय मिले और खासतौर पर बच्चों कि छुट्टियां हो तो उन्हें किसी फेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशन ले जाने की बजाय देश के कुछ खूबसूरत गांवों की सैर करवाइए। यहां न सिर्फ मन को सुकून मिलेगा, बल्कि यहां कि कुदरती खूबसूरती और शांत वातावरण आपके पूरे परिवार की थकान और तनाव दूर कर देगा।यहां के दिलकश नजारे ऐसे हैं, जो किसी का भी मन मोह लेंगे। अगर कहें कि इन गांवों की खूबसूरती के आगे आप बड़े-बड़े टूरिस्ट स्पॉट भूल जाएंगे। आइए जानते हैं इन गांवों के बारे में।

कल्प गांव

उत्तराखंड में समुद्र तल से 7500 फीट की ऊंचाई पर पहाड़ों की गोद में बसा एक छोटा-सा गांव है कल्प। प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर इस गांव में आकर वाकई सुकून मिलता है। 500 लोगों की आबादी वाले इस गांव में आने वाले टूरिस्टों के पास फॉरेस्ट ट्रेकिंग, पहाड़ी नदियां, झड़ने, स्थानीय स्वर्ण मंदिर और विलेज वॉक जैसे तमाम ऑप्शन उपलब्ध हैं।

विश्नोई विलेज

जोधपुर से महज 40 मिनट की दूरी पर बसे इस इस गांव का नाम विश्नोई विलेज है, इस गांव को खूबसूरती का वरदान मिला हुआ है।अगर आप सफारी के शौकिन हैं तो इस गांव का सफर आपके लिए बेहद सुहाना होगा। गांव में हिरन और चिंकारा घूमते नजर आते हैं। मजे की बात तो ये है गांव के लोगों के साथ इन जानवरों का बेहद लगाव है। यह पूरे भारत में एकलौता ऐसा गांव है जहां पर लोग जंगली जानवरों के साथ बच्चों की तरह प्यार जताते हैं। यहां की गुडा झील लोगों के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। कई अलग तरह के विदेशी पशु-पक्षी यहां नजर आते हैं।

प्रागपुर

भारत का पहला विरासत गांव, प्रागपुर की स्थापना 16 वीं सदी के अंत में हुई थी। किले जैसे हवेली और विला और पत्थर की सड़कों पर न केवल अपने समृद्ध इतिहास और विरासत की यादें हैं, बल्कि इसके रहने वाले अवतार हैं। यह भारत में एक गांव का एक मणि बनाती है, जो हर साल कई पर्यटकों को आकर्षित करती है। गांव वास्तव में भारत की विरासत का एक सुंदर अभिव्यक्ति है।

मावलिनोंग, मेघालय

जब मेघालय यानि बादलों का नाम आ ही गया है तो ज़ाहिर सी बात है कि गांव की खूबसूरती, जन्नत से कम खूबसूरत नहीं होगा और फिर इस गांव को एशिया का सबसे साफ़ सुथरा गांव कहा जाता है । अब जब इतनी सफाई होगी तो इस गांव के नज़ारे भी खूबसूरत ही दिखाई देंगे।

मुन्शियारी, कुमाऊं

कुमाऊं की पहाड़ी इलाकों के साथ लगे इस गांव का नाम मुन्शियारी है जिसके चारों तरफ बर्फ के पहाड़, घने जंगल और बहती गौरीगंगा नदी है। प्रकृति का यह नजारा देखने पर ही बनता है। मुन्शियारी दिल्ली से 650 किलीमीटर दूरी पर है और यहां जाने के लिए मार्च से लेकर जून तक का समय सबसे बेहतरीन है।