अपनी मान्यताओं के चलते दुनियाभर में प्रसिद्द हैं देश के ये 10 प्रसिद्ध हनुमान मंदिर

भारत में प्राचीन मंदिरों और पुराणों का खजाना भरा हुआ है और इसी के साथ यहां की धरती को देवभूमि के तौर पर भी जाना जाता है। भारत में उत्तर से लेकर दक्षिण तक कई प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर है। आज इस कड़ी में हम बात करने जा रहे हैं देश के प्रसिद्द हनुमान मंदिर की। भगवान हनुमान सबसे अधिक पूजनीय हिंदू देवताओं में से एक हैं। भगवान हनुमान, भगवान शिव के अवतार हैं और भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम के भक्त हैं। भगवान हनुमान को शक्ति का प्रतीक माना जाता है। कलयुग में सबसे ज्यादा साक्षात और जाग्रत देव अगर कोई है, तो वह हनुमान जी हैं। आज इस कड़ी में हम आपको देश के प्रसिद्ध हनुमान मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपनी मान्यताओं के चलते दुनियाभर में प्रसिद्द हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...

कष्टभंजन हनुमान मंदिर, सारंगपुर

सारंगपुर के श्री हनुमान मंदिर में कस्तभंजन के रूप में भगवान हनुमान की पूजा की जाती है। इस मंदिर की एक खास बात यह है कि यहां हनुमानजी के साथ शनिदेव भी स्त्री रूप में विराजमान हैं। शनिदेव हनुमान के चरणों में विराजमान हैं। अगर आपकी कुंडली में शनि दोष है तो हनुमान जी की पूजा करने से सभी दोष समाप्त हो जाते हैं। इस वजह से मंदिर में साल भर भक्तों की भीड़ लगी रहती है। यह एकमात्र स्वामीनारायण मंदिर है जहां न तो स्वामीनारायण और न ही कृष्ण की मूर्तियों को प्राथमिक देवता के रूप में पूजा जाता है।

सालासर हनुमान मंदिर, सालासर

सालासर हनुमान मंदिर भी राजस्थान में ही है। हनुमान जी का यह प्रसिद्ध मंदिर राजस्थान के चूरू जिले में है। यहां भी हनुमान जी की स्वयंभू प्रतिमा प्रकट हुई है। इस गांव का नाम सालासर है, जिस वजह से मंदिर का नाम सालासर बालाजी पड़ा। यह पहला ऐसा हनुमान मंदिर है, जहां बाबा की प्रतिमा दाड़ी व मूंछ वाली है। यह एक किसान को खेत में मिली थी, जिसे सालासर में सोने के सिंहासन पर स्थापित किया गया है।

हनुमान दंडी मंदिर, गुजरात

इस मंदिर में बजरंगबली मकरध्वज के साथ मौजूद हैं। मान्यता है कि मंदिर में मकरध्वज की मूर्ति हनुमाजन जी के मुकाबले पहले छोटी हुआ करती थी, लेकिन अब दोनों मूर्ति एक समान ऊंची हो गई है। मान्यता यह भी है कि अहिरावण ने भगवान श्रीराम-लक्ष्मण को इसी स्थान पर छिपाकर रखा था। जब हनुमानजी श्रीराम-लक्ष्मण को लेने के लिए आए, तब उनका मकरध्वज के साथ घोर युद्ध हुआ। अंत में बजरंगबली ने उसे परास्त कर उसी की पूंछ से उसे बांध दिया।

महावीर मंदिर, पटना

पटना का महावीर मंदिर उत्तर भारत में दूसरा सबसे अधिक देखा जाने वाला धार्मिक मंदिर है और भारत में भगवान हनुमान के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है। हजारों तीर्थयात्री महावीर मंदिर जाते हैं, जो उत्तर भारत का दूसरा सबसे धनी मंदिर ट्रस्ट भी है। इस मंदिर में भगवान हनुमान की दो मूर्तियां हैं। हनुमान की मूर्तियों में एक वह है जो अच्छे लोगों की इच्छाओं को पूरा करती है और दूसरी वह जो दुष्टों का नाश करती है। इस मंदिर में हजारों श्रद्धालु अपनी मन्नतें पूरी करने आते हैं।

डुल्या मारुति, महाराष्ट्र

महाराष्ट्र के पुणे शहर में स्थित डुल्या मारुति (हनुमान जी) का मंदिर 300 साल से भी अधिक पुराना माना जाता है है। यहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान के दर्शन के लिए अलग-अलग जगहों से आते हैं। इस मंदिर में भगवान श्री हनुमान की मूर्ति 5 फुट ऊंची और 3 फुट चौड़ी काले पत्थर से बनाई गई है। मंगलवार और शनिवार के दिन इस मंदिर में भगवान श्री हनुमान की पूजा आराधना भव्य तरीके से की जाती है।

लेटे हनुमान जी, प्रयागराज

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम तट पर स्थित है हनुमान जी की यह लेटी हुई प्रतिमा। 20 फीट लम्बी इस प्रतिमा को हर साल गंगा जी स्नान कराने के लिए आती हैं। देश-दुनिया में जहां नदियों के जलस्तर को एक संकट के रूप में देखा जाता है, वहीं इस मंदिर के भक्त गंगा के जलस्तर को शुभता की दृष्टि से देखते हैं। मान्यता है कि जिस साल गंगा जी हनुमान जी को स्नान करने में असमर्थ रहती है तो वह उसकी भरपाई अगले वर्ष उन्हें कई बार स्नान कराकर करती हैं।

बालाजी मंदिर, मेहंदीपुर

राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाडिय़ों के बीच बसा हुआ मेहंदीपुर है। यहीं बालाजी मंदिर है। यहां चट्टान पर स्वयंभू हनुमान जी की आकृति उभर कर आई हुई थी। इस स्थान को हनुमान जी का सबसे जाग्रत स्थान माना जाता है और यहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु हनुमान जी के दर्शन के लिए आते हैं। यह मंदिर करीब 1 हजार साल पुराना है। यहां पर हनुमान जी के साथ ही भैरव बाबा, प्रेतराज सरकार और कोतवाल कप्तान की पूजा होती है। इस मंदिर की सीमा में प्रवेश करने से पहले आपको खाने-पीने की सभी चीजें बाहर रखनी होती है। अब यहां प्रसाद के रूप में पुड़ी और सब्जी मिलने लगी हैं, जिसे पहले हनुमान जी को भोग लगाया जाता है।

हनुमान धारा मंदिर, उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में स्थित चित्रकूट नामक स्थान पर मौजूद यह मंदिर काफी प्राचीन है। चित्रकूट के पर्वत पर स्थित हनुमान जी का यह मंदिर बेहद खूबसूरत है। चित्रकूट पर्वतमाला पर स्थित इस मंदिर के ठीक बगल से हमेशा पानी का धारा निकलती रहती है। इस वजह से लोग इस मंदिर को हनुमान धारा के नाम से पुकारते है। श्रद्धालु पर्वत से निकलने वाली पानी को प्रसाद के रूप में ग्रहण कर भगवान श्री हनुमान का आशीर्वाद लेते है।

श्री पंचमुख आंजनेयर हनुमान, तमिलनाडु

तमिलनाडु के कुम्बकोनम नामक स्थान पर श्री पंचमुखी आंजनेयर स्वामी जी (श्री हनुमान जी) का बहुत ही मनभावन मठ है। यहां पर श्री हनुमान जी की 'पंचमुख रूप' में विग्रह स्थापित है, जो अत्यंत भव्य एवं दर्शनीय है। माना जाता है कि हनुमान जी ने अहिरावण और महिरावण का वध करने के लिए पंचमुख रूप धारण किया था। मान्यता है कि प्रभु के इस रूप के दर्शन सारे संकट और बंधन दूर करते हैं।

हनुमानगढ़ी, अयोध्या

अयोध्या भगवान श्रीराम की जन्मस्थली है। हनुमानगढ़ी मंदिर प्रसिद्ध है। यह मंदिर राजद्वार के सामने ऊंचे टीले पर बना है। मंदिर के चारों ओर निवास साधु-संत रहते हैं। हनुमानगढ़ी के दक्षिण में सुग्रीव टीला व अंगद टीला नामक जगह हैं। मंदिर की स्थापना 300 साल पहले स्वामी अभयारामदासजी ने की थी।